सावन के पवित्र महीने में जहां एक तरफ शिवभक्त कांवड़ यात्रा पर निकले हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ असामाजिक तत्व सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की साजिश रच रहे थे. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में पुलिस ने एक ऐसे ही बड़े षड्यंत्र का पर्दाफाश किया है, जिसमें पाकिस्तान के एक भयानक हिंसा वाले वीडियो को बजरंग दल का बताकर वायरल किया जा रहा था. इस साजिश में शामिल तीन शख्सों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जिसके बाद अब वे ऐसी हरकतें नहीं कर पाएंगे. पुलिस की त्वरित कार्रवाई से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक बड़ी अनहोनी टल गई है.
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क्या थी साजिश? पाकिस्तान का वीडियो, मुरादाबाद का बताया
मुजफ्फरनगर पुलिस को सूचना मिली कि ककरौली गांव के कुछ लोग एक व्हाट्सएप ग्रुप 'ककरौली युवा एकता' पर एक बेहद खौफनाक वीडियो और ऑडियो वायरल कर रहे हैं. इस वीडियो में एक घर में खून से लथपथ महिलाओं और छोटे बच्चों की लाशें पड़ी दिख रही थीं. ऑडियो में यह कहा जा रहा था कि यह वीडियो मुरादाबाद के मंसूरपुर, थारक नंगला के पास का है.
ऑडियो में यह भी दावा किया जा रहा था कि बजरंग दल के कुछ लोग मुस्लिम घरों में घुसकर लोगों को काट रहे हैं, उनकी हत्या कर रहे हैं, और छोटे-बड़े, महिला-बच्चे किसी को नहीं छोड़ रहे हैं. ऑडियो में यह भी बोला जा रहा था कि इस तरह कई गांवों में मुसलमानों की हत्या की जा रही है. इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करने और वायरल करने की अपील की जा रही थी, ताकि सांप्रदायिक नफरत फैले.
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पुलिस ने ऐसे किया पर्दाफाश
कांवड़ यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए लगातार अलर्ट मुजफ्फरनगर पुलिस ने इस सूचना को बेहद गंभीरता से लिया. एसएसपी मुजफ्फरनगर, डीआईजी सहारनपुर परिक्षेत्र और एडीजी मेरठ जोन के नेतृत्व में तुरंत थाना ककरौली पुलिस की एक टीम बनाई गई. पुलिस ने तुरंत जांच की और पाया कि यह एक खतरनाक योजना थी. इसका मकसद अफवाह फैलाकर जिले, राज्य और देश में सांप्रदायिक नफरत और हिंसा भड़काना था.
पुलिस ने बताया कि देश में पूर्वनियोजित सांप्रदायिक हिंसा और अशांति फैलाने के लिए यह साजिश रची जा रही थी, जिससे अराजकता का माहौल बन सकता था. पुलिस ने ग्रुप में भ्रामक ऑडियो-वीडियो डालने वाले और उसके साथियों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया. उनके पास से 3 मोबाइल फोन भी बरामद किए गए.
वीडियो का सच: यह वायरल वीडियो दरअसल अप्रैल 2024 में पाकिस्तान के मुजफ्फरगढ़ जनपद की एक घटना का है, जहां एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और अपने 7 बच्चों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी.
सावन का समय क्यों चुना?
साजिश के तहत सावन के महीने का दूसरा सोमवार का समय चुना गया था, क्योंकि इस समय पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा चल रही होती है. पुलिस के मुताबिक इनका इरादा लोगों को भड़काकर आतंकवादी 'लोन वुल्फ अटैक' (अकेले हमला करने वाले) को अंजाम देना भी था. पुलिस का ये भी दावा है कि अभी तक के साक्ष्यों के आधार पर यह एक बहुत बड़ी आपराधिक साजिश थी, जिसमें कुछ असामाजिक तत्व, राष्ट्र विरोधी संगठन, आतंकी संगठन और पाकिस्तानी एजेंसियों की संलिप्तता से भी इनकार नहीं किया जा सकता.
कौन-कौन हुए गिरफ्तार?
पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है:
नदीम: पुत्र सगीर, निवासी ककरौली, थाना ककरौली, मुजफ्फरनगर. उम्र 25 वर्ष, शिक्षा कक्षा 5, व्यवसाय - मजदूरी/सब्जी विक्रेता.
मनशेर: पुत्र शफीक, निवासी ककरौली, थाना ककरौली, मुजफ्फरनगर. उम्र 45 वर्ष, शिक्षा कक्षा 6, व्यवसाय - कबाड़ी.
रहीस: पुत्र सगीर उर्फ फुरकान, निवासी ककरौली, थाना ककरौली, मुजफ्फरनगर. उम्र 35 वर्ष, शिक्षा कक्षा 5, व्यवसाय - कपड़े/बर्तन की फेरी.
इनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 55/61(2)/103(2)/113(3)/147/152/196/197/299/351(3)/353(2) और UAPA Act 1967 की धारा 13 व आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
पुलिस की अपील: अफवाहों पर ध्यान न दें
मुजफ्फरनगर पुलिस ने सभी प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर वायरल की जा रही दुष्प्रेरणा वाली ऑडियो-वीडियो पर ध्यान न दें. किसी भी प्रकार की नफरत फैलाने वाली, उकसाने वाली ऑडियो/वीडियो को पुलिस के संज्ञान में लाएं और बिना उसकी आधिकारिक पुष्टि हुए इसे आगे किसी को न भेजें. ऐसा करना एक दंडनीय अपराध है, जिसके विरुद्ध पुलिस द्वारा सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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