बिना कुछ किए ही उत्तर प्रदेश में अपने आप समाप्त हो जाएगा आपकी गाड़ी का चालान, इन स्टेप्स को फॉलो कर करें चेक

UP News: उत्तर प्रदेश के परिवहन विभाग ने एक बड़ा फैसला लिया है. यूपी में 2017 से 2021 के बीच में बनाए गए लाखों गैर-कर ई-चालान को अब समाप्त किया जाएगा. देखें पूरी रिपोर्ट.

UP News

यूपी तक

17 Sep 2025 (अपडेटेड: 17 Sep 2025, 11:00 AM)

follow google news

UP News: उत्तर प्रदेश के परिवहन विभाग ने 2017 से 2021 के बीच में काटे गए लाखों गैर-कर (Non Tax) ई-चालान को समाप्त करने का फैसला किया है. गैर-कर चालान वो होता है जो यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर लगाया जाता है. इन चालानों का मकसद सड़कों पर सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखना होता है. विभाग के इस आदेश के बाद लाखों गाड़ियों से जुड़े फिटनेस, परमिट, वाहन ट्रांसफर और एचएसआरपी (High Security Registration Plate) जैसे अवरोध अपने आप हट जाएंगे.  हालांकि, टैक्स से जुड़े चालान इस राहत के दायरे से बाहर रहेंगे. यूपी परिवहन विभाग के इस निर्णय से प्रदेश भर के लाखों वाहन मालिकों को बड़ी राहत मिलेगी. खबर में आगे जानिए लोगों को अपने चालान का स्टेटस देखने के लिए क्या करना होगा?

यह भी पढ़ें...

परिवहन विभाग बताया है कि 2017 से 2021 के बीच बने चालानों को अब पोर्टल पर दो श्रेणियों में दिखाया जाएगा- 

  • पहला: Disposed-Abated: अगर मामला कोर्ट में लंबित था.
  • दूसरा : Closed-Time-Bar (Non-Tax): अगर चालान ऑफिस लेवल पर पेंडिंग था और उसकी समय-सीमा निकल चुकी है.

लोगों को क्या करना है?

  1. अगर आपका चालान 2017–2021 का है और पोर्टल पर अभी भी लंबित या कोई ब्लॉक दिखा रहा है, तो एक महीने बाद ई-चालान/परिवहन पोर्टल पर जाकर स्थिति जांचें.
  2. अगर मामला कोर्ट में पेंडिंग था, तो 'Disposed-Abated' दिखेगा और सभी अवरोध हट जाएंगे.
  3. अगर चालान कोर्ट भेजा ही नहीं गया था और समय-सीमा निकल चुकी है, तो 'Closed-Time-Bar (Non-Tax)' दिखेगा और उससे जुड़े ब्लॉक हट जाएंगे.
  4. टैक्स वाले मामलों में यह राहत लागू नहीं होगी और वे केवल टैक्स कानून के तहत ही निस्तारित होंगे.
  5. मदद के लिए हेल्पलाइन 149 या नजदीकी RTO/ARTO से संपर्क किया जा सकता है. 

2017 से 2021 के बीच 30.52 लाख ई-चालान बने थे 

आंकड़ों के मुताबिक 2017 से 2021 के बीच 30.52 लाख ई-चालान बने थे. इनमें से 17.59 लाख का निस्तारण पहले ही हो चुका है, जबकि 12.93 लाख चालान लंबित थे. लंबित चालानों में 10.84 लाख कोर्ट में और 1.29 लाख ऑफिस लेवल पर पेंडिंग थे. अब इन सभी का डिजिटल निस्तारण समय-सीमा में पूरा किया जाएगा. फ्रंट-एंड पर सभी अवरोध हटेंगे, जबकि बैक-एंड पर पूरा रिकॉर्ड और ऑडिट ट्रेल सुरक्षित रहेगा.

आखिर यह फैसला क्यों लिया गया?

इस फैसले के तहत केवल उन्हीं चालानों को माफ (abated) किया जाएगा जो 31 दिसंबर 2021 तक कोर्ट में लंबित थे. जो चालान कभी कोर्ट नहीं भेजे गए और अब समय-सीमा पार कर चुके हैं, उन्हें भी प्रशासनिक रूप से बंद किया जाएगा. टैक्स से जुड़े चालान, गंभीर अपराध, दुर्घटना या IPC से जुड़े मामले इस राहत से बाहर रहेंगे. यह निर्णय कानून का पालन सुनिश्चित करने, जनता को अनावश्यक चालानों और ब्लॉकों से राहत देने, सेवाओं को समय पर उपलब्ध कराने और पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए लिया गया है. 

ये भी पढ़ें: भानवी सिंह ने पति राजा भैया के खिलाफ की बहुत बड़ी शिकायत... PMO में जाकर खोल दिया ये राज 

    follow whatsapp