मुजफ्फरनगर में मिल सकती है मन की शांति! अगर आपने शुक्रताल जैसे पवित्र तीर्थस्थल को नहीं देखा तो फिर क्या देखा

Muzaffarnagar Shukratal Tourism News: मुजफ्फरनगर स्थित शुक्रताल एक ऐसा पवित्र तीर्थस्थल है, जहां प्रकृति की शांति और धर्म के गहरेपन का एक साथ अनुभव होता है.  विस्तार से जानिए आप यहां कैसे पहुंच सकते हैं और क्या हैं यहां के प्रमुख आकर्षण?

Muzaffarnagar Skukratal News

अक्षय शर्मा

29 May 2025 (अपडेटेड: 29 May 2025, 02:06 PM)

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Muzaffarnagar Shukratal Tourism News: मुजफ्फरनगर स्थित शुक्रताल एक ऐसा पवित्र तीर्थस्थल है, जहां प्रकृति की शांति और धर्म के गहरेपन का एक साथ अनुभव होता है.  यह वही पावन स्थल है, जहां श्री शुकदेव मुनि ने राजा परीक्षित को सात दिनों तक श्रीमद्भागवत कथा सुनाई थी. यहां का वातावरण ध्यान, साधना और आत्मिक शांति के लिए आदर्श माना जाता है. अगर आपने अभी तक इस जगह का अनुभव नहीं किया है, तो यह खबर आपके लिए है. विस्तार से जानिए आप यहां कैसे पहुंच सकते हैं और क्या हैं यहां के प्रमुख आकर्षण?

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क्या हैं शुक्रताल में घूमने के प्रमुख आकर्षण?

  • शुकदेव आश्रम: यहीं पर शुकदेव जी ने राजा परीक्षित को भागवत महापुराण की कथा सुनाई थी, जिससे श्रीमद्भागवत सप्ताह कथा परंपरा की शुरुआत मानी जाती है. 
  • 151 फीट ऊंची श्री हनुमान प्रतिमा: यह प्रतिमा अत्यंत मनमोहक है विशाल हनुमान जी की प्रतिमा को देखने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं. 
  • गणपति मंदिर: हनुमान जी की प्रतिमा के पास ही गणपति जी की बड़ी प्रतिमा स्थापित है, जो बेहद आकर्षक है इसकी बनावट श्रद्धालुओ को मंत्रमुग्ध कर देती है. 
  • गंगा घाट: यहां हर दिन श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए आते हैं. विशेष रूप से पूर्णिमा, गंगा दशहरा, कार्तिक स्नान और माघ मेला के समय भीड़ अधिक होती है. पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म के लिए भी यह घाट प्रमुख माना जाता है. 
  • संतों के आश्रम: शुक्रताल मे कईं ऐसे आश्रम हैं, जहां संतों ने तप कीये हैं बड़ी संख्या मे लोग यहाँ आत्मिक शांति के लिए आते हैं.  

कैसे पहुंचे शुक्रताल? 

  • सड़क मार्ग से अपने वाहन या टेक्सी द्वारा- दिल्ली → मेरठ → मवाना → भोपा से होते हुए आप शुक्रताल आ सकते हैं. 
  • रेल मार्ग से आने का रास्ता: दिल्ली से मुजफ्फरनगर आप ट्रेन से आएं, फिर टैक्सी/ऑटो से शुक्रताल तक पहंच सकते है.

आप यहां कहां रुक सकते हैं? 

आपको बता दें कि धर्मशालाएं, आश्रम और बजट होटल भी हैं. यहां आप आराम से रुक सकते हैं. सामान्यत यहां आपको 500 से 1500 रुपये में रहने की व्यवस्था हो जाएगी. 

खास तौर पर जब आप शुक्रताल जाएं तो ये अनुभव जरूर लें- सूरज की पहली किरण के साथ गंगा स्नान अवश्य करें, विशाल हनुमान प्रतिमा के सामने मौन कर ध्यान लगाएं. इससे आपको आत्मीय शांति का अनुभव प्राप्त होगा. संतों के सत्संग में भाग लें और उस अनुभूति को महसूस करें.

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