BHU से पढ़े वैज्ञानिक निक्कू मधुसूदन ने खोज लिया एलियंस का घर? जानिए कौन हैं ये पूरी दुनिया में इनकी जबर्दस्त चर्चा

वैज्ञानिक निक्कू मधुसूदन ने ब्रह्माण्ड में k2-18b ग्रह की खोज की है. इस खोज ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है. जानिए इस खोज के बारे में और ये भी कि आखिर ये भारतीय वैज्ञानिक हैं कौन?

Nikku Madhusudhan (Photo: University of Cambridge's Institute of Astronomy)

यूपी तक

21 Apr 2025 (अपडेटेड: 21 Apr 2025, 01:29 PM)

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UP News: हमेशा से ही ये सवाल उठता रहा है कि क्या पृथ्वी के अलावा ब्रह्माण्ड के किसी दूसरे ग्रह पर जीवन मौजूद है? क्या किसी ग्रह पर एलियंस की मौजूदगी है-एलियंस का घर है? इन सवालों का जवाब जानने और नए-नए ग्रहों की खोज करने में हजारों वैज्ञानिक दिन-रात जुटे हुए हैं. मगर अब एक भारतीय वैज्ञानिक को अपनी खोज में ऐसी सफलता हाथ लगी है, जिसने पूरी दुनिया को चौंका दिया है. 

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माना जा रहा है कि वैज्ञानिक निक्कू मधुसूदन ने एलियंस का घर खोज लिया है. दरअसल वैज्ञानिक निक्कू मधुसूदन ने ब्रह्माण्ड में एक ऐसे ग्रह को खोज निकाला है, जहां जीवन की संभावना काफी अधिक है. ऐसा भी हो सकता है कि वहां जीवन मौजूद हो. इस ग्रह का नाम k2-18b है. ये ग्रह पृथ्वी से 120 लाइट इयर दूर है. इस ग्रह में से जीवन की संभावना के सबसे मजबूत सबूत मिले हैं. इसे निक्कू मधुसूदन और उनकी टीम के लिए बहुत बड़ी सफलता मानी जा रही है. इसी के साथ ये सफलता विज्ञान के लिए भी काफी अहम मानी जा रही है.

इस ग्रह के बारे में आगे बताने से पहले हम आपको बताते हैं कि आखिर वैज्ञानिक निक्कू मधुसूदन कौन हैं? 

कौन हैं वैज्ञानिक निक्कू मधुसूदन?

वैज्ञानिक डॉ. निक्कू मधुसूदन कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के खगोल विज्ञान संस्थान विभाग में Astrophysics and Exoplanetary Science के प्रोफेसर हैं. बता दें कि डॉ निक्कू मधुसूदन भारतीय हैं. उनका जन्म 1980 में भारत में ही हुआ था. उन्होंने आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी से बी.टेक किया है. इसके बाद डॉ मधुसूदन ने एमआईटी से मास्टर और PHD की डिग्री हासिल की है. इस दौरान डॉ मधुसूदन ने प्रसिद्ध एक्सोप्लैनेट शोधकर्ता डॉ. सारा सीगर के साथ भी काम किया है. बता दें कि डॉ. सारा सीगर खगोलशास्त्री और ग्रह वैज्ञानिक हैं. इस क्षेत्र में उनका बड़ा नाम है. वह ऐसे ग्रहों की खोज करती हैं, जहां जीवन की संभावना हो सकती है, यानी वो ग्रह जो जिंदगी के लिए अनुकूल हो.

मीडिया रिपोर्ट की माने तो डॉ मधुसूदन को यूरोपियन फिजिक्स सोसाइटी और इंटरनेशनल लेवल पर फिजिक्स में काम करने वाले कई विश्व विख्यात संगठनों से अपने शोध और योगदान को लेकर अवार्ड भी मिल चुका है. डॉ मधुसूदन ग्रहों, ग्रहों के वातावरण, ग्रहों के बनने की प्रक्रिया, उनका वातावरण बनने की प्रक्रिया और ग्रहों में जीवन की संभावनाओं के गहन रिसर्च के लिए जाने जाते हैं.

K2-18b ग्रह से मिल रहे महासागर के संकेत

डॉ निक्कू मधुसूदन ने K2-18b ग्रह को खोजा है. फिर रिसर्च में पता किया है कि इस ग्रह के वायुमंडल में हाइड्रोजन मौजूद है. इस ग्रह के वायुमंडल में भारी हाइड्रोजन मौजूद है. रिसर्च के दौरान ये भी पता चला है कि इस ग्रह पर महासागर है. ऐसे में यहां जीवन की संभावना काफी है. बता दें कि ये ग्रह पृथ्वी से 120 लाइट इयर दूर यानी 1.13 ट्रिलियन किलोमीटर (700 ट्रिलियन मील) दूर है.

अब वैज्ञानिकों की नजर इस ग्रह पर आ टिकी है. इस ग्रह पर गहरा शोध किया जा रहा है. माना जा रहा है कि आने वाले समय में जैसे-जैसे इस ग्रह के रहस्य से पर्दा उठेगा, कई हैरान कर देने वाले खुलासे वैज्ञानिक कर सकते हैं.

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