जहां कौरवों ने पांडवों को आग लगाकर रची थी मारने की साजिश... बागपत के 'लाक्षागृह' को इस रूप में किया जाएगा विकसित

योगी सरकार ने महाभारत के 'लाक्षागृह' को धार्मिक पर्यटन केंद्र बनाने का फैसला किया है. बागपत स्थित इस ऐतिहासिक स्थल के लिए 1 करोड़ का बजट मंजूर हुआ है, जिससे यहां कायाकल्प और सुविधाओं का विकास होगा.

Lakshagriha

समर्थ श्रीवास्तव

18 Sep 2025 (अपडेटेड: 18 Sep 2025, 05:15 PM)

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महाभारत से जुड़े एक प्रसिद्ध स्थल 'लाक्षागृह' को एक बड़े धार्मिक और विरासत पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने का फैसला लिया है. पौराणिक कथाओं में ऐसा माना जाता है कि बागपत जिले के बरनावा गांव में हिंडन और कृष्णा नदियों के किनारे स्थित यह वही स्थान है, जहां कौरवों ने पांडवों को आग लगाकर मारने की साजिश रची थी. सूबे के पर्यटन विभाग ने महाभारत सर्किट के तहत मंजूर की गई इस परियोजना के लिए 1 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है. यहां पर सौंदर्यीकरण, आधुनिक लाइटिंग, साफ-सफाई, पीने के पानी, गेस्ट हाउस और सूचना केंद्र जैसी सुविधाएं दी जाएंगी ताकि यह स्थल घूमने आने वाले लोगों को आकर्षक बन सके.

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पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, "लाक्षागृह महाभारत का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो षड्यंत्र और जुझारूपन का प्रतीक है. इस स्थल को विकसित करके हम न केवल एक सांस्कृतिक खजाने को संरक्षित कर रहे हैं बल्कि पर्यटन और स्थानीय समृद्धि के लिए नए रास्ते भी खोल रहे हैं." उन्होंने कहा कि लाक्षागृह का पुनरुद्धार बागपत को भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन में एक मजबूत जगह देगा.

बागपत शहर से 35 किमी दूर है लाक्षागृह

यह स्थल बागपत शहर से केवल 35 किमी दूर और दिल्ली-मेरठ राजमार्ग के पास स्थित है. यहां आज भी इसके अतीत के अवशेष देखे जा सकते हैं. एक टीला और सीढ़ियां उन खंडहरों की ओर ले जाती हैं, जिन्हें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने संरक्षित किया है. 

साल 2024 में बागपत में आए थे 17 लाख पर्यटक

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बागपत तेजी से एक महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्र के रूप में उभर रहा है. 2024 में इस जिले में लगभग 17 लाख पर्यटक आए थे और अधिकारियों को उम्मीद है कि 2025 में यह संख्या 20 लाख को पार कर सकती है. दिल्ली और मेरठ के करीब होने के कारण यह घरेलू और विदेशी पर्यटकों के लिए एक सुविधाजनक पड़ाव है. लाक्षागृह के अलावा यहां पुरा महादेव मंदिर और जैन परंपरा का त्रिलोक तीर्थ धाम भी है जो इसे एक बहु-धार्मिक पर्यटन स्थल बनाता है. 

पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि यह परियोजना उत्तर प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को विश्व स्तरीय पर्यटन अनुभव में बदलने की राज्य की बड़ी योजना का हिस्सा है. उन्होंने कहा, "लाक्षागृह सिर्फ एक ऐतिहासिक स्थल नहीं बल्कि भारत की पौराणिक परंपराओं से जुड़ा एक जीवंत माध्यम है."

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