फतेहपुर में सैकड़ों साल पुराने मकबरे में हिंदू संगठनों के लोगों की ओर से की गई तोड़फोड़ ने यहां का माहौल बिगाड़ने की पुरजोर कोशिश की है. वैसे प्रशासन का दावा है कि फिलहाल फतेहपुर में मकबरे के आसपास सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह टाइट है और शांति बहाल है. पर स्थानीय मुस्लिम आबादी में इस पूरी घटना को लेकर काफी रोष है. यूपी Tak की टीम भी फतेहपुर में ग्राउंड जीरो पर मौजूद है. हमने ये जानना चाहा कि आखिर फतेहपुर में मकबरा के आसपास अब क्या चल रहा है. ऐसे में इसे लेकर एक नई जानकारी सामने आई है. प्रशासन ने हिंदू संगठनों के लोगों की तोड़फोड़ को रात भर में ठीक करने की कोशिश की है.
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फतेहपुर के इस मशहूर मकबरे के अंदर जिन मजारों, दरवाजों को तोड़ा गया उनको रातोंरात ठीक करवाया गया है. मकबरे के पूरे इलाके को त्रिस्तरीय सुरक्षा में रखा गया है. मकबरे के चारों तरफ बने चबूतरे पर पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए हैं. इसके बाहर दो बैरिकेडिंग में पुलिस और पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं. यूपी Tak की इस पूरी ग्राउंड रिपोर्ट के वीडियो को यहां नीचे देखा जा सकता है.
क्या है फतेहपुर के मकबरे को लेकर पूरा विवाद?
आपको बता दें कि सोमवार को फतेहपुर में सांप्रदायिक तनाव फैलाने की खुलेआम कोशिशें देखी गईं. बीजेपी के जिला अध्यक्ष मुखलाल पाल के आह्वान पर हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने फतेहपुर के मशहूर मकबरे को मंदिर बताकर यहां तोड़फोड़ की. अब पुलिस ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और शांति भंग करने के आरोप में 150 से अधिक लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक फतेहपुर के एसपी अनूप कुमार सिंह ने कहा है कि पुलिस को ऐसे कई वीडियो मिले हैं जिसमें लोग भगवा झंडे लेकर मकबरे के आसपास जयश्री राम के नारे लगा रहे हैं. पुलिस ने एफआईआर में धर्मेंद्र सिंह (बजरंग दल), अभिषेक शुक्ला (भाजपा), अजय सिंह (जिला पंचायत सदस्य), देवनाथ धाकड़ (भाजपा), विनय तिवारी (नगर पार्षद), पुष्पराज पटेल, रितिक पाल (भाजपा), प्रसून तिवारी (भाजपा), और पप्पू चौहान (समाजवादी पार्टी) के नाम शामिल किए हैं.
BJP जिला अध्यक्ष का नाम FIR से गायब
फतेहपुर विवाद में पुलिस की कार्रवाई को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. हैरत ये है कि बीजेपी के जिला अध्यक्ष मुखलाल पाल कैमरे पर खुलेआम कह रहे हैं कि उन्होंने 11 अगस्त को फतेहपुर के इस मकबरे पर पहुंचने का आह्वान किया था, लेकिन उनका नाम पुलिस की FIR में नहीं है. इस सवाल पर एसपी अनूप सिंह का कहना है कि पुलिस अभी जांच कर रही है और लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करने में जुटी है.
फतेहपुर के एसपी ने कहा कि पुलिस जांच कर रही है कि भीड़ मकबरे में कैसे घुसी. कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोतवाली, राधानगर, मलवां और हुसैनगंज सहित कई क्षेत्रों से पुलिस टुकड़ियां तैनात की गईं हैं. बीजेपी जिला अध्यक्ष मुखलाल पाल का दावा है कि यह जगह 'ठाकुर जी' का मंदिर था, जिसे मकबरे में बदल दिया गया है. उन्होंने दावा किया कि ढांचे के अंदर त्रिशूल और कमल जैसे प्रतीक हैं जो हिंदू मंदिर के संकेत हैं.
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राष्ट्रीय उलेमा परिषद ने डीएम को लिखा खत
इस बीच राष्ट्रीय उलेमा परिषद ने भी डीएम को खत लिखा है. इसमें प्रशासन से अपील की है कि मकबरे के ऐतिहासिक स्वरूप के साथ हो रही छेड़छाड़ को रोका जाए. मकबरे की देखभाल करने वाले मोहम्मद नफीस ने कहा कि यह लगभग 500 साल पुराना है और इसे सम्राट अकबर के पोते ने बनवाया था. उन्होंने बताया कि इसमें अबू मोहम्मद और अबू समद की कब्रें हैं.
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