UP बोर्ड में 12वीं के जीव विज्ञान, गणित का पेपर लीक हुआ? आगरा में मचा हड़कप, उठाया गया ये कदम

अरविंद शर्मा

29 Feb 2024 (अपडेटेड: 29 Feb 2024, 08:32 PM)

उत्तर प्रदेश के आगरा से बड़ी खबर सामने आई है. यहां यूपी बोर्ड का पेपर लीक होने का दावा किया जा रहा है. मामले में पुलिस ने केस भी दर्ज कर लिया है.

यूपी बोर्ड पेपक लीक का दावा

up board paper leak

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Agra News: उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती का पेपर लीक होने के बाद अब उत्तर प्रदेश बोर्ड के पेपर लीक होने का दावा किया जा रहा है. यूपी के आगरा में यूपी बोर्ड 12वीं क्लास का बोर्ड पेपर लीक होने का दावा किया जा रहा है. दावा है कि यूपी बोर्ड का जीव विज्ञान और गणित का पेपर व्हाट्सएप ग्रुप पर लीक हो गया था. दावा है कि पेपर शुरू होने के 1 घंटे बाद ही ये बोर्ड पेपर व्हाट्सएप ग्रुप में आ गया.

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मिली जानकारी के मुताबिक, यूपी बोर्ड का ये पेपर 2 बजे था, लेकिन पेपर शुरू होने के करीब 1 घंटे बाद यानी 3 बजे के करीब जीव विज्ञान और गणित का पेपर व्हाट्सएप ग्रुप पर आ गया था. जैसे ही पेपर व्हाट्सएप ग्रुप में आने की खबर फैली, शिक्षा विभाग और प्रशासन में हड़कंप मच गया. व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े लोग भी पेपर देख चौंक गए और व्हाट्सएप ग्रुप में फौरन कमेंटबाजी शुरू हो गई. इसके बाद पेपर व्हाट्सएप ग्रुप से फौरन डिलीट मार दिए गए.

आखिर क्या है मामला

मिली जानकारी के मुताबिक, अभी तक की जांच में सामने आया है कि ये पेपर लीक आगरा के अतर सिंह इंटर कॉलेज रोझौली के कंप्यूटर ऑपरेटर ने किया है. पेपर लीक करने के मामले में विनय चाहर नाम के शख्स के खिलाफ तहरीर भी दी गई है. इस पूरे मामले में  स्टेटिक मजिस्ट्रेट, केंद्र व्यवस्थापक और अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक के खिलाफ भी तहरीर दी गई है.

शिक्षा विभाग ने गठन की जांच कमेटी

बता दें कि मामले की गंभीरता को देखते हुए शिक्षा विभाग ने मामले की जांच के लिए 3 सदस्य कमेटी का गठन कर दिया है.  शिक्षा विभाग के अधिकारी अब घटना की जांच कर रहे हैं कि आखिर यह सब हुआ कैसे? 

व्हाट्सएप ग्रुप में कैसे आया पेपर

बता दें कि आज यानी 29 फरवरी के दिन यूपी बोर्ड 12वीं का जीव विज्ञान और गणित का पेपर था. ये पेपर 2 बजे से शुरू होना था. तब तक सब सही था. मगर 3 बजे करीब ये पेपर व्हाट्सएप ग्रुप में आ गया. मिली जानकारी के मुताबिक, व्हाट्सएप ग्रुप ऑल प्रिंसिपल ग्रुप में ये पेपर विनय चाहर नाम के शख्स के मोबाइल नंबर से डाल दिए गए.  

जीव विज्ञान के पेपर का कोड 368 जी एल और सीरियल 153 था. व्हाट्सएप ग्रुप में डाले गए गणित के पेपर का कोड 324 एफ सी था. जैसे ही लोगों की नजर व्हाट्सएप ग्रुप पर पड़ी, पेपर देख सभी हैरान रह गए. मामले की जानकारी जैसे ही शिक्षा विभाग को मिली, वहां अफरा-तफरी मच गई. शिक्षा विभाग द्वारा फौरन मामले की जांच के आदेश दे दिए गए. 

अभी तक जांच में क्या-क्या सामने आया

मिली जानकारी के मुताबिक, अभी तक की जांच में माना जा रहा है कि ये पेपर की फोटो किसी अन्य शख्स या किसी अन्य ग्रुप में डाली जा रही थी. मगर गलती से पेपर की फोटो प्रिंसिपल व्हाट्सएप ग्रुप में डाल दिए गए. आशंका ये भी है कि कही शिक्षा माफिया पेपर को कॉपी ना कर रहे हो या उन्हें ये पेपर कही और भेजना हो. फिलहाल ये मामला चर्चाओं में आ गया है.

इस पूरे मामले पर आगरा के डिप्टी डायरेक्टर एजुकेशन, डॉ. इंद्र प्रकाश सिंह सोलंकी ने कहा, मामला संज्ञान में है. डीआईओएस की तहरीर पर फतेहपुर सिकरी में केस दर्ज करवाया गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की जा रही है. शिक्षा विभाग ने 3 सदस्य वाली टीम का गठन कर दिया है.

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