UP: स्वास्थ्य विभाग के 200 से अधिक अनियमित तबादले प्रशासन के पास लंबित, हो रही ये मांग

अभिषेक मिश्रा

• 05:43 PM • 02 Sep 2022

यूपी में डॉक्टरों के तबादलों में अनियमितता खत्म होने की बजाय बढ़ती ही जा रही है. उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग (Health Department UP) में…

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यूपी में डॉक्टरों के तबादलों में अनियमितता खत्म होने की बजाय बढ़ती ही जा रही है. उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग (Health Department UP) में अनियमित तबादले पर कार्रवाई के बाद भी अब तक केवल प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग के 95 डॉक्टरों के तबादले रद्द किए गए हैं. फिर भी दाम्पत्य नीति, अपंगता और गंभीर बीमारी के चलते कई डॉक्टरों ने तबादला रद्द करने की मांग की है जो अभी तक प्रशासन के पास लंबित है.

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डॉक्टर तबादला रद्द होने का इंतजार कर रहे हैं. 89 डॉक्टरों की स्क्रीनिंग के बाद कई के तबादले रद्द या संशोधित करने की फाइल सरकार के पास भेजी गई है. इतना ही नहीं करीब छह जिलों के सीएमओ भी बदले जाएंगे. फिलहाल तबादलों को मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद ही रोका या संशोधित किया जा सकता है. तबादला रद्द या संशोधित होने का इंतजार कर रहे डॉक्टर अब मायूस हो रहे हैं. 200 से अधिक स्थानांतरण आवेदन अभी भी सरकारी विचार की मांग कर रहे हैं.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रशासन डॉ. राजगणपति आर ने 89 डॉक्टरों की केस-टू-केस स्क्रीनिंग द्वारा स्थानांतरण को रद्द या संशोधित करने के लिए पहले ही सरकार को पत्र भेज दिया है. इससे पहले प्रांतीय चिकित्सा सेवा (पीएमएस) कैडर के 48 डॉक्टरों के गलत तबादले रद्द किए गए थे. सभी तबादलों में गड़बड़ी स्वास्थ्य महानिदेशालय के स्तर की थी.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशालय की ओर से 30 जून को कुल 313 डॉक्टरों की तबादला सूची जारी होते ही सवालों का सिलसिला शुरू हो गया. पैरामेडिकल स्टाफ के तबादले का मामला सामने आया है. इस मामले में संयुक्त निदेशक (पैरा) डॉ. अनिल कुमार वर्मा को भी निलंबित कर दिया गया था और उन पर फार्मेसी कैडर, ईसीजी और लैब टेक्नीशियन आदि के तबादले में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था.

इंडिया टुडे से बात करते हुए यूपी क्षेत्रीय चिकित्सा संघ के अध्यक्ष डॉ. अमित सिंह ने कहा कि अब तक केवल 89 तबादलों को संशोधित किया गया है और संशोधन के लिए 200 से अधिक मामले अभी भी लंबित हैं, जिनमें से 20 पदाधिकारी, 50 युगल मामले, 35 विकलांग और के लिए हैं. उन्होंने कहा कि अधिकांश चिकित्सक अभी भी अपने स्थानांतरण संशोधन की प्रतीक्षा कर रहे हैं और कार्रवाई के बाद भी, इसका प्रभाव अभी भी 200 डॉक्टरों को प्रभावित कर रहा है.

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