उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री राकेश सचान (Rakesh Sachan) को शस्त्र अधिनियम मामले में सोमवार को कानपुर की एक कोर्ट ने एक साल की जेल की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने मंत्री सचान पर 1500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इसके अलावा कोर्ट ने उनकी जमानत भी मंजूर कर दी है. दरअसल, पहले से बेल एप्लिकेशन भी लगी थी, उसपर कोर्ट ने 50 हजार रुपये के बांड पर जमानत दी है.
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जमानत पर रिहा होने के बाद मंत्री सचान ने कहा कि मुझे कोर्ट पर भरोसा है, मैं सेशन कोर्ट में अपील करूंगा. इससे पहले अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट-तीन की अदालत की तरफ से सजा सुनाने से पहले मंत्री सचान ने अदालत में समर्पण किया.
बता दें कि शनिवार को मंत्री राकेश सचान को शस्त्र अधिनियम के तीन दशक से अधिक पुराने मामले में कोर्ट ने दोषी ठहराया था. इसके बाद वह “जमानत मुचलका’’ भरे बिना अदालत कक्ष से ‘‘गायब’’ हो गए थे. इसके अलावा सचान के खिलाफ अपनी सजा की फाइल लेकर कोर्ट से भागने का गंभीर आरोप लगा है.
हालांकि, मंत्री ने अदालत से गायब होने के आरोपों का खंडन किया था. उनका दावा था कि ‘‘मामला अंतिम फैसले के लिए सूचीबद्ध नहीं था.’’ गौरतलब है कि रविवार को सचान के अदालत कक्ष से ‘गायब’ होने के मामले में प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई.
जानकारी के मुताबिक, तत्कालीन थाना प्रभारी ब्रजमोहन उडनिया ने 1991 में राकेश सचान से एक हथियार बरामद किया था और वैध हथियार लाइसेंस पेश करने में विफल रहने के बाद उनके खिलाफ सशस्त्र अधिनियम का मामला दर्ज किया था.
2022 के चुनाव में बीजेपी में हुए शामिल
सचान ने 90 के दशक की शुरुआत में समाजवादी पार्टी के साथ राजनीति में प्रवेश किया था. 1993 और 2002 में वह घाटमपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे जबकि 2009 में उन्होंने फतेहपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी से चुनाव जीता था.
सचान वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. 2022 में कानपुर देहात की भोगनीपुर विधानसभा सीट से निर्वाचित होने के बाद योगी सरकार में मंत्री बने.
UP: मंत्री राकेश सचान के अदालत से ‘गायब’ होने के मामले की प्रारंभिक जांच हुई शुरू
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