पत्रावली लेकर फरार होने के मामले में मंत्री राकेश सचान आए सामने, बोले- ये आरोप निराधार

रंजय सिंह

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कानपुर में अदालत से पत्रावली लेकर फरार होने के आरोपों में घिरे मंत्री राकेश सचान (Rakesh Sachan) मीडिया के सामने आए और अपनी बात कही. उन्होंने कहा- ‘पत्रावली लेकर फरार जैसे आरोप निराधार हैं. सोमवार को अदालत में जाकर अपना पक्ष रखूंगा.’ उन्होंने ये भी कहा कि इस पूरे मामले से वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अवगत कराएंगे.

यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान यूपी तक से खास बातचीत में कहा- ‘मेरा कल कोर्ट में आर्म्स एक्ट का केस लगा था. उसमें मैं कोर्ट गया था. वहां मुझे जिरह के लिए तारीख देने की बात वकील ने बताई, तो मैं चला आया. पत्रावली लेकर आने का आरोप निराधार है. सीसीटीवी फुटेज देख लें. अगर मेरी फुटेज सामने आती है तो मै खुद दोषी बन जाउंगा.’

मंत्री राकेश सचान ने एसीएमएम 3 कोर्ट की रीडर कामिनी द्वारा तहरीर दिए जाने पर कहा कि न जाने उन्होंने किस दवाव में ऐसी तहरीर दी है. उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश सिंह को अपने खिलाफ ट्वीट किये जाने पर भी घेरा. उन्होंने सीएम योगी से बात करके अपना पक्ष बताने की बात भी कही.

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अभियोजन अधिकारी (पीओ) ऋचा गुप्ता ने बताया कि अदालत ने जब उन्हें दोषी ठहराया और बचाव पक्ष को सजा पर बहस शुरू करने को कहा, तब सचान वहां से चले गए. गुप्ता ने बताया कि सचान ‘जमानत मुचलका भरे बिना’ अदालत से चले गए और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सचान को अदालत ने दोषसिद्धि आदेश की प्रति हस्ताक्षर करने के लिए दी गई थी, जिसे लेकर वह ‘फरार’ हो गए.

ऋचा ने बताया कि तत्कालीन थाना प्रभारी ब्रजमोहन उडनिया ने 1991 में राकेश सचान से एक हथियार बरामद किया था और वैध हथियार लाइसेंस पेश करने में विफल रहने के बाद उनके खिलाफ सशस्त्र अधिनियम का मामला दर्ज किया

2022 के चुनाव में बीजेपी में हुए शामिल

सचान ने 90 के दशक की शुरुआत में समाजवादी पार्टी के साथ राजनीति में प्रवेश किया था. 1993 और 2002 में वह घाटमपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे जबकि 2009 में उन्होंने फतेहपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी से चुनाव जीता था.

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सचान वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. 2022 में कानपुर देहात की भोगनीपुर विधानसभा सीट से निर्वाचित होने के बाद योगी सरकार में मंत्री बने.

(भाषा के इनपुट के साथ)

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