UP Hindi news: उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों ने 72 घंटे की हड़ताल का ऐलान कर दिया है. बिजली कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार पर उनके तमाम मुद्दों को लेकर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. हड़ताल ऐलान के बाद लखनऊ स्थित शक्ति भवन पर बड़ी संख्या में पुलिस फ़ोर्स तैनात कर दी गई है. पीएसी की टुकड़ी और पुलिस फोर्स की तैनाती कर दी गई है. इसके अलावा विद्युत उपकेंद्रों पर भी भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.
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उधर, ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने हड़ताल करने वालों के खिलाफ सख्त ऐक्शन लेने की बात कही है. उन्होंने कहा कि, ‘लोगों को उपलब्ध सुविधाओं में अड़चने पैदा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी. जनहित एवं प्रदेश हित में विद्युत विभाग में किसी भी प्रकार के कार्य बहिष्कार एवं हड़ताल को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.’
ऊर्जा मंत्री ने इस दौरान कहा कि बढ़ती हुई गर्मी की वजह से बिजली जरूरी है और इसलिए एसेंसियल सर्विसेज मेन्टीनेन्स एक्ट के प्रावधान को प्रदेश भर में लागू किया गया है. हड़ताल करने वाले और विद्युत संघर्ष समिति को भी इसकी जानकारी दे दी गई है.अगर काम में व्यवधान पड़ा तो एस्मा के तहत कार्यवाही की जाएगी, जिसमें 01 वर्ष तक की सजा का भी प्रावधान है.
पर हड़ताल क्यों? कर्मचारियों ने कहीं ये बातें
कर्मचारियों के मुताबिक,उनके वेलफेयर के लिए जो समझौता हुआ, उसका इम्प्लीमेंट होना चाहिए. उन्होंने कहा कि 1 लाख कर्मचारियों के हड़ताल मे शामिल होने का आह्वान किया गया है. विद्युक संघर्ष समिति के मुताबिक पावर कॉर्पोरेशन के रवैये से कर्मचारी हड़ताल पर जाने को मजबूर हैं. उनका आरोप है कि एनटीपीसी और प्राइवेट घरानों से महंगी बिजली खरीदी जा रही है.
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