‘काशी तमिल संगमम’ में PM मोदी को गुलाबी मीनाकारी का स्मृति चिह्न देंगे यूपी सीएम योगी

शिल्पी सेन

• 07:39 AM • 19 Nov 2022

आज से वाराणसी में ‘काशी तमिल संगमम’ (Kashi-Tamil Sangamam) की शुरुआत हो रही है. इस मौक़े पर तमिल अतिथियों के स्वागत के लिए जहां काशी…

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आज से वाराणसी में ‘काशी तमिल संगमम’ (Kashi-Tamil Sangamam) की शुरुआत हो रही है. इस मौक़े पर तमिल अतिथियों के स्वागत के लिए जहां काशी सजधज कर तैयार है. वहीं अतिथियों के आवभगत में कोई कमी न रह जाए यूपी सरकार भी उद्घाटन के समारोह को खास बनाने के लिए तैयार है. उद्घाटन समारोह में आने वाले प्रधानमंत्री और काशी के सांसद नरेंद्र मोदी को दिया जाने वाला स्मृति चिह्न भी बेहद खास होगा. चांदी के इस स्मृति चिह्न से बनारस की परम्परागत ‘गुलाबी मीनाकारी’ की चमक को इन मेहमानों के बीच लाएगी.

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मीनाकारी के जरिए उकेरे गए काशी विश्वनाथ मंदिर-मीनाक्षी मंदिर से खास संदेश देने की कोशिश 

बनारस में काशी-तमिल संगमम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने वाले काशी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को दिया जाने वाला स्मृति चिह्न बहुत खास होगा. बनारस की परम्परागत GI टैग्ड गुलाबी मीनाकारी से तैयार ये स्मृति चिह्न जर्मन सिल्वर का बनाया गया है. इसपर एक ओर काशी विश्वनाथ मंदिर तो दूसरी ओर मीनाक्षी मंदिर की आकृति उकेरी गई है.

शिव और शक्ति के संगम को बताने वाले इस स्मृति चिह्न पर बीच में कलम की आकृति बनी हुई है. जहां एक ओर काशी विश्वनाथ और मीनाक्षी मंदिर की आकृति को सुनहरे रंग से पेंट किया गया है वहीं कलम को नीले रंग से मीनाकारी करके बनाया गया है. इस पर हिंदी तमिल और अंग्रेजी में काशी-तमिल संगमम लिखा हुआ है.

इस स्मृति चिह्न को राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त गुलाबी मीनाकारी के आर्टिस्ट कुंज बिहारी सिंह और उनके साथी कारीगरों ने बनाया है. कुंज बिहारी कहते हैं, ‘अब तक चांदी और सोने पर गुलाबी मीनाकारी होती रही है. पहली बार वाइट मेटेल (white metal) पर की गई है.’ इसके गोल्डन रंग की मीनाकारी वेंडियम धातु से की गई है, जबकि नीला रंग कोबाल्ट धातु के ऑक्सायड से सजाया गया है. 11 इंच ऊंचे इस स्मृति चिह्न का वजन 350 ग्राम है.

कमला हैरिस, जो बाइडन, स्कॉट मॉरिसन को गुलाबी मीनाकारी का तोहफ़ा दे चुके हैं पीएम मोदी 

बनारस की परम्परागत गुलाबी मीनाकारी एक खास कारीगरी है. इसे सोने-चांदी पर अलग-अलग रंगों से किया जाता है. जयपुर की मीनाकारी से अलग इसमें गुलाबी रंग की प्रधानता होती है. इसे बनारस का GI टैग्ड कला का दर्जा प्राप्त है तो यूपी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) में भी गुलाबी मीनाकारी को शामिल किया गया है.

काशी का सांसद बनने के बाद पीएम मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी ब्रांडिंग अपने ही अन्दाज में विदेशी मेहमानों को तोहफा देकर की है. इस साल G-7 समिट में पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को काशी की गुलाबी मीनाकारी का कफलिंक और ब्रोच दिया था. इसकी बहुत चर्चा हुई थी.

साथ ही पिछले साल अमेरिका दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को गुलाबी मीनाकारी का शतरंज बोर्ड दिया था. वहीं ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन को गुलाबी मीनाकारी का जहाज दिया था. ये दोनों ही राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कलाकार कुंज बिहारी और उनके साथी कारीगरों ने तैयार किए थे.

पीएम के गुलाबी मीनाकारी के प्रति लगाव को देखते हुए खुद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने भी गुलाबी मीनाकारी की ब्रांडिंग पर जोर दिया. इसे एक जिला एक उत्पाद में शामिल किया गया.

काशी दौरे पर आए नेपाल के प्रधानमंत्री को सीएम योगी ने भी गुलाबी मीनाकारी की गणेश प्रतिमा उपहार के तौर पर दिया. अब खुद पीएम नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) अपने हाथ से काशी की ये नायाब कारीगरी देंगे.

एक महीने तक चलने वाले काशी तमिल संगमम में काशी की काष्ठ कला के साथ गुलाबी मीनाकारी के उत्पादों का स्टॉल भी लगाया जाएगा.

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