उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती सुर्खियों में हैं. सोशल मीडिया पर उनकी एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें बिहार के नव-निर्वाचित विधायक पिंटू यादव जमीन पर बैठे हैं और मायावती कुर्सी पर बैठी हैं. इस तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आईं हैं. इसी बीच मायावती ने इस मामले पर विस्तृत प्रतिक्रिया देते हुए राजनीतिक परिस्थितियों और बिहार में बसपा की बैठक को लेकर महत्वपूर्ण बातें कही हैं.
ADVERTISEMENT
मायावती की बैठक में शामिल हुए नव-निर्वाचित विधायक
उत्तर प्रदेश में लगातार कम हो रहे जनाधार और चुनावी चुनौतियों के बीच बसपा अध्यक्ष मायावती को कुछ राहत उस समय मिली जब बिहार की रामगढ़ सीट से बसपा उम्मीदवार पिंटू यादव मात्र 30 वोटों से जीतकर दिल्ली पहुंचे. दिल्ली में आयोजित बसपा की समीक्षा बैठक में उन्होंने मायावती से मुलाकात की और उन्हें माल्यार्पण किया.
इसी दौरान खींची गई एक तस्वीर वायरल हो गई जिसमें मायावती कुर्सी पर बैठी नजर आ रही हैं जबकि विधायक पिंटू यादव जमीन पर बैठे दिख रहे हैं. सोशल मीडिया पर इसे लेकर "अलोकतांत्रिक" और "मनुवादी" जैसी टिप्पणियां की गईं.
मायावती ने ट्वीट में कही ये बात
उन्होंने ट्वीट करते हुए बताया कि बैठक में बिहार के पदाधिकारी और नवनिर्वाचित विधायक सतीश उर्फ पिंटू यादव शामिल थे. साथ ही उन्होंने 14 नवंबर को मतगणना वाले दिन हुई हिंसा और बसपा कार्यकर्ताओं पर मुकदमे दर्ज होने का मुद्दा भी उठाया.
मायावती ने अपने ट्वीट में कहा कि चुनाव नतीजों वाले दन असामाजिक तत्वों ने उपद्रव किया और इसी दौरान बसपा विधायक की गाड़ी व प्रशासनिक वाहनों को नुकसान पहुंचा. पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें बसपा के कई कार्यकर्ता घायल हुए हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने शासन के दबाव में बसपा के 250 कार्यकर्ताओं और 1000 से अधिक अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज की है. बसपा ने मांग की है कि पहले निष्पक्ष जांच हो और तब तक किसी भी तरह की गिरफ्तारी या कार्रवाई न की जाए.
यह भी पढ़ें: भोजपुरी सुपरस्टार के साथ धांसू लग रही जोड़ी, कौन हैं ये सना सुल्तान, क्या है इनकी कहानी?
ADVERTISEMENT









