अध्यात्म और भक्ति के संगम के बीच प्रसिद्ध कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और हरियाणा की शिप्रा शर्मा सात जन्मों के बंधन में बंध गए. वैसे तो शादी का यह बहुचर्चित फंक्शन जयपुर के ताज आमेर होटल में आयोजित किया गया था पर परंपरा, संस्कार और वैदिक रीति-रिवाजों की ऐसी भव्यता दिखी कि पूरा होटल मिनी वृंदावन में बदल गया. हर कोना राधा-कृष्ण की थीम पर सजाया गया था. दीपों की रौशनी, शंख और घंटों की पवित्र ध्वनियों ने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया. इस शादी में भारतीय वैदिक संस्कृति की भव्य झलक देखने को मिली. अब इसकी तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं.
ADVERTISEMENT
101 पंडितों की उपस्थिति में 'तिरुपति मंडप'
विवाह मंडप को विशेष रूप से तिरुपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर सजाया गया था. इस पवित्र आयोजन को संपन्न कराने के लिए हरिद्वार, नासिक और वृंदावन से 101 विद्वान पंडितों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था. सुबह 11:15 बजे दूल्हा इंद्रेश उपाध्याय हल्के गुलाबी रंग की शेरवानी और हाथ में चांदी की छड़ी लिए मंडप में पहुंचे और सभी विद्वान पंडितों से आशीर्वाद लिया. ठीक दोपहर 12 बजे गोल्डन साड़ी में सजी दुल्हन शिप्रा शर्मा मंडप में आईं. वैदिक मंत्रोच्चार के बीच अग्नि को साक्षी मानकर तीन घंटे तक सभी वैदिक रस्मों का पालन किया गया. इस दौरान सात फेरे, वरमाला, कन्यादान और मंगल फेरे जैसी हर रस्म में अध्यात्म की गूंज सुनाई दे रही थी. जैसे ही इंद्रेश उपाध्याय ने शिप्रा की मांग में सिंदूर भरा पूरे परिसर में भक्तों और मेहमानों की तालियों की गड़गड़ाहट और बधाईयों की गूंज गूंज उठी.
संतों और वीआईपी हस्तियों का जमावड़ा
इस विवाह समारोह में देश भर की प्रतिष्ठित हस्तियां और संत-महात्मा मौजूद रहे. फेरे की रस्म के दौरान कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (बागेश्वर धाम) दूल्हे के ठीक पीछे माता-पिता के साथ बैठे दिखाई दिए. देवी चित्रलेखा, भागवत प्रभु सहित कई नामी संत-महात्मा, कथा व्यास और प्रतिष्ठित हस्तियां मौजूद रहीं. सुबह-सुबह कवि कुमार विश्वास और धीरेंद्र शास्त्री जयपुर एयरपोर्ट पर साथ पहुंचे. कुमार विश्वास ने मजाकिया अंदाज में दूल्हा-दुल्हन को शुभकामनाएं दीं और कहा कि अब अगला नंबर इनका है. कुमार विश्वास की बात पर सभी मुस्कुरा उठे.
मेहंदी, संगीत और बी प्राक की महफिल
विवाह का माहौल पहले दिन से ही उत्साहपूर्ण रहा. गुरुवार को मेहंदी और हल्दी की रस्मों का आयोजन हुआ. खास बात यह थी कि शिप्रा शर्मा ने स्वयं अपने मंगेतर इंद्रेश के हाथ पर मेहंदी लगाई. देर रात संगीत समारोह में बॉलीवुड सिंगर बी प्राक भी मंच पर पहुंचे और अपनी शानदार परफॉर्मेंस से महफिल में खूब रंग भरा. इस दौरान इंद्रेश उपाध्याय के माता-पिता ने भी डांस किया. शुक्रवार सुबह होटल की लॉबी में सेहराबंदी की रस्म हुई. इसके बाद बारात निकली और जय-जयकार, ढोल-नगाड़ों और शुभ वाद्ययों की धुनें गूंजने लगीं.
वृंदावन की बहू बनकर हुई विदाई
विवाह होने के बाद शाम 6 बजे आशीर्वाद समारोह और प्रीतिभोज (रिसेप्शन) का आयोजन हुआ. इस दौरान गीतों, भजनों और आध्यात्मिक प्रस्तुतियों के बीच साधु-संतों, कथा वाचकों, कवियों, सेलिब्रिटीज और परिवारजनों ने नवदम्पति को आशीर्वाद दिया. शिप्रा शर्मा को वृंदावन की बहू के रूप में विदा किया गया. अब नवविवाहित दंपति जल्द ही वृंदावन लौटकर अपने गुरुओं और भक्तों का आशीर्वाद लेंगे.
ADVERTISEMENT









