बंगला नंबर D-5 के पीछे नाले में मिलीं थीं 16 खोपड़ियां पर 19 साल पुराने निठारी कांड में कोई कसूरवार नहीं! केस की पूरी क्रोनोलॉजी जानिए

नोएडा के कुख्यात निठारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सभी मामलों में बरी करने के बाद ग्रेटर नोएडा के लक्सार जिला जेल से रिहा कर दिया गया. अदालत ने जांच में हुई गंभीर खामियों और अभियोजन पक्ष की असफलता को नोट किया.

निष्ठा ब्रत

13 Nov 2025 (अपडेटेड: 13 Nov 2025, 03:42 PM)

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नोएडा का निठारी हत्याकांड एक बार फिर चर्चा में है. वजह है इसके मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली की रिहाई. साल 2006 में हुए इस हत्याकांड में अब प्रमुख आरोपी सुरेंद्र कोली को ग्रेटर नोएडा के लक्सार जिला जेल से रिहा कर दिया गया है. बुधवार यानी 12 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उसकी रिहाई हो गई. 19 साल पुराना यह मामला आज भी लोगों की यादों में दर्दनाक घटना के रूप में जिंदा है.

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जेल से रिहाई की पुष्टि

जेल अधीक्षक बृजेश कुमार ने बताया कि सुरेंद्र कोली बुधवार को शाम लगभग 7.20 बजे जेल से बाहर आया. नीली शर्ट, काले पैंट और नेवी ब्लू जैकेट पहने कोली अपने वकीलों के साथ बाहर आया. जेल अधीक्षक बृजेश कुमार ने बताया कि उनके रिहाई के वक्त उसके परिवार का कोई भी सदस्य जेल के बाहर उससे मिलने के लिए मौजूद नहीं था.

उन्होंने बताया कि कोली ने इस दौरान मीडिया से भी किसी तरह की बातचीत नहीं की. रिहाई के बाद उसे किस स्थान पर ले जाया गया इसकी जानकारी अभी स्पष्ट नहीं है. 

सुप्रीम कोर्ट का फैसला और रिहाई

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने 15 साल की लड़की के कथित बलात्कार और हत्या से जुड़े अंतिम लंबित मामले में सुरेंद्र कोली को बरी कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि क्रिमिनल लॉ अनुमान या शक के आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहराने की अनुमति देता है. अगर कोली किसी अन्य मामले में हिरासत में नहीं हैं तो उन्हें तुरंत रिहा किया जाए. 

अदालत ने कहा कि अपराध इतने गंभीर थे और पीड़ित परिवारों को काफी पीड़ा हुई. लेकिन यह देखते हुए भी प्रॉसीक्यूशन पक्ष यह साबित करने में सफल नहीं हो सका कि कोली दोषी है. अदालत ने जांच में कई गलतियों की ओर भी ध्यान दिलाया. इनमें अपराध स्थल को सही से सुरक्षित न करना, गवाहों को नजरअंदाज करना, फॉरेंसिक सबूतों का सही ढंग से संभाल न पाना और संभावित सुरागों की अनदेखी करना शामिल है. कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकारी पैनल ने जिस अंग तस्करी के मामले की बात की थी, उसे भी जांच में सही तरह से नहीं देखा गया. 

कब-कब क्या हुआ?

निठारी सीरियल किलिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुरेंद्र कोली को बरी कर दिया. यह कुख्यात मामला 2006 में सामने आया था जब नोएडा के सेक्टर 31 के डी-5 बंगले के पीछे नालियों से मानव खोपड़ियां, हड्डियां और कपड़े बरामद हुए थे. इसके बाद कई कंकालों की और बरामदगी हुई और जांच में लापरवाही के चलते पांच पुलिसकर्मी निलंबित किए गए. 

जनवरी 2007 में CBI ने मामले की जांच संभाली.  इसके बाद कोली और मनिंदर सिंह पंढेर को कई मामलों में मौत की सजा सुनाई गई जबकि 16 जनवरी 2021 को कोली को 12वें मामले में मौत की सजा मिली और पंढेर को बरी किया गया. मार्च 2021 में सबूत नष्ट करने के एक मामले में कोली को बरी किया गया और अक्टूबर 2023 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों को अन्य मामलों में बरी कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कोली की क्युरेटिव याचिका पर सुनवाई करते हुए 11 नवंबर 2025 को उन्हें बरी कर दिया. 

कोली की सजा और हाई कोर्ट के फैसले

आपको बता दें कि सुरेंद्र कोली की गिरफ्तारी 2006 में हुई थी. उसको कई मामलों में मौत की सजा भी सुनाई गई थी. जनवरी 2015 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया. अक्टूबर 2023 में हाई कोर्ट ने अन्य निठारी मामलों में कोली और पंढेर दोनों को बरी कर दिया और ट्रायल कोर्ट का मौत का फैसला पलट दिया. सुप्रीम कोर्ट ने बाद में इन फैसलों के खिलाफ सभी अपीलें 30 जुलाई को खारिज कर दीं.

सुप्रीम कोर्ट ने जताई निराशा

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि लंबी जांच के बावजूद वास्तविक अपराधी की पहचान कानूनी मानकों के अनुसार नहीं हो पाई है. अदालत ने पूरे मामले में गहरी निराशा और खेद व्यक्त किया.

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