उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर पूरे सूबे के लिए दो महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं. ये दोनों घोषणाओं दलित और वंचित बस्तियों के विकास के साथ बाबा साहेब की मूर्तियों के सम्मान और सुरक्षा से जुड़ी हैं. सीएम योगी ने साफ कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य डॉ. अंबेडकर के सम्मान को सुनिश्चित करना और समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक कनेक्टिविटी पहुंचाना है.
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मूर्तियों की सुरक्षा के लिए 'बाउंड्री वॉल' और 'छत्र' अनिवार्य
सीएम योगी आदित्यनाथ ने घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सरकार एक महत्वपूर्ण निर्णय लेने जा रही है. इसके तहत पूरे प्रदेश में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की मूर्तियों को अब शरारती तत्वों से सुरक्षित रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि अक्सर कुछ शरारती तत्व जानबूझकर मूर्तियों के साथ छेड़छाड़ करते हैं और उन्हें क्षतिग्रस्त करने का कुत्सित प्रयास करते हैं. इस समस्या को समाप्त करने के लिए सरकार ने एक नई व्यवस्था बनाने का निर्णय लिया है.
सीएम योगी ने बताया कि, 'अब हमारी सरकार एक व्यवस्था बनाएगी, उन मूर्तियों के एक बाउंड्री वॉल बनाकर के उनकी सुरक्षा की व्यवस्था करेगी.' उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि अगर किसी मूर्ति पर ऊपर से छत यानी छत्र नहीं है तो उसके ऊपर एक छत्र लगाने का काम किया जाएगा.
स्लम और दलित बस्तियों को मिलेगी शत-प्रतिशत कनेक्टिविटी
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि बाबा साहेब का सपना समाज के हर वर्ग को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना था. इसी कड़ी में उन्होंने एक और महत्वपूर्ण काम को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने की बात कही. सीएम योगी ने घोषणा की कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि हर स्लम, हर दलित बस्ती, अनुसूचित जाति की बस्ती और हर आदिवासी बस्ती को उचित कनेक्टिविटी (सड़क संपर्क) से पूरी तरह जोड़ दिया जाए. उन्होंने यह भी बताया कि ग्रामीण विकास विभाग और शहरी विकास विभाग ने इस काम को काफी हद तक पूरा कर दिया है, लेकिन कोई क्षेत्र अभी भी कनेक्टिविटी से वंचित रह गया है तो सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि वे पूरी तरह से जुड़ जाएं.
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