मिलिए मुस्लिम ज्योतिषाचार्य सैयद हसन रजा से…दुबई तक के मुसलमानों की बना चुके हैं कई कुंडलियां

UP News: अभी तक आपने हिंदू ज्योतिषाचार्य का ही नाम सुना होगा. मगर आज हम आपको मुस्लिम ज्योतिषाचार्य से मिलवाते हैं. ये अभी तक 1000 से भी अधिक कुंडलियां बना चुके हैं और इसने कई मुसलमान भी जुड़े हुए हैं. जानिए इनकी कहानी.

रोशन जायसवाल

• 06:58 PM • 23 Mar 2025

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UP News: ज्योतिषाचार्य सैयद हसन रजा… आप भी चौंक गए. आखिर एक मुसलमान अपने नाम के आगे ज्योतिषाचार्य क्यों लगा रहा है? दरअसल, सैयद हसन रजा काशी हिंदू विश्वविद्यालय से पढ़कर अब ज्योतिषाचार्य बन गए हैं. पिछले 10 सालों से वह हिंदू-मुस्लिम सभी मिलाकर करीब 1 हजार से अधिक कुंडलियां बना चुके हैं.

आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले एक दशक से भी ज्यादा वक्त से सैयद हसन रजा ज्योतिष की पढ़ाई कर रहे हैं और इसमें निपुणता हासिल कर रहे हैं. बीएचयू समेत कई संस्थानों से सैयद हसन रजा ने ज्योतिष की पढ़ाई की है. अब इनकी पहचान परंपरागत ज्योतिष और वास्तु के विधा में सफल लोगों में हो चुकी है.

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चंदौली के रहने वाले हैं

वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में आयोजित 3 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे सैयद हसन रजा एक बार फिर सुर्खियों में आ गए. UP Tak से खास बातचीत करते हुए उन्होंने बताया, वे वाराणसी से सटे जिले चंदौली के मुगलसराय के बरहुली गांव के हैं. उनके पिता एक किसान हैं और शायरी भी करते हैं.

सैयद हसन रजा ने बताया, वह एक किसान परिवार से हैं, जहां फसलों को लेकर ऋतुओं और नक्षत्रों का हमेशा से अनुपालन होता चला आता है. यही से उनके मन में ज्योतिष के प्रति लगाव जगा. मुगलसराय केंद्रीय विद्यालय से 12वीं की परीक्षा के बाद उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान ऑनर्स में डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने मुगलसराय में ही अंक शास्त्र सीखा. फिर वह काशी हिंदू विश्वविद्यालय चले गए और वहां संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में 2 साल का अंडरग्रेजुएट वास्तु डिप्लोमा किया. सैयद हसन रजा ने बताया कि यहीं से उन्होंने ज्योतिष एवं वास्तु में पीजी डिप्लोमा भी किया है और इसी में मास्टर्स डिग्री भी हासिल की है.

मुसलमान भी बनवाते हैं कुंडली

सैयद हसन रजा ने बताया कि उन्होंने 1000 से भी अधिक कुंडलियां बनाई हैं. मुसलमान भी उनसे कुंडली बनवाते हैं. यहां तक कि दुबई और कनाडा में भी उनके क्लाइंट हैं. मुस्लिम क्लाइंट के बारे में उन्होंने बताया कि मुस्लिम क्लाइंट के लिए वह परंपरागत ज्योतिष की मदद से उनकी कुंडली बनाते हैं और फिर मुस्लिम धर्म के मुताबिक ही उपाय बताते हैं.

सैयद हसन रजा ने बताया कि जैसे सनातन धर्म में दान किया जाता है, ऐसे ही मुसलमानों में सदका करते हैं. वह मुसलमानों को मुस्लिम धर्म के अनुसार उपाय बताते हैं. पूजा की जगह कुरान की आयतें पढ़ने के लिए कहते हैं और रत्न भी पहनवाते हैं. वास्तु में दोनों धर्म एक जैसे ही हैं.

इस्लाम में भी है ज्योतिष

सैयद हसन रजा ने बताया कि इस्लाम में भी इल्म ए जफर है. मगर इसकी अध्ययन सामग्री काफी कम है. इस पर अभी काम होना बाकी है. उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें कभी भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ा. वह कहते हैं कि ज्योतिष विधा कोई अंधविश्वास नहीं है, बल्कि पूरी तरह से वैज्ञानिक और प्रामाणिक है. ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता है, बल्कि कर्म भाग्य बदलता है और कर्म करने से ही भाग्य बदलता है.
 

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