UP News: उत्तर प्रदेश के इटावा में यादव भागवत कथा वाचकों के साथ हुई मारपीट और अमानवीय व्यवहार की घटना ने हड़कंप मचा कर रख दिया है. समाजवादी पार्टी भी इस मामले को लेकर एक्टिव हो गई है. दूसरी तरफ पीड़ित कथा वाचकों के साथ हुई मारपीट की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.
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अब पीड़ित कथा वाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहायक संत यादव ने अपनी आपबीती सुनाई है. जानिए आखिर क्या हुआ दोनों के साथ?
संत सिंह यादव ने ये बताया
हम दानरपुर गांव में भागवत के लिए गए थे. गांव के मंदिर में रहने वाले पाठक बाबा और पप्पू महाराज ने हमें बुलाया था.उनके कहने पर ही हम यहां आए थे.
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शाम के समय कुछ लोगों ने हमने पूछा कि हम कहां के रहने वाले हैं? हमने उन्हें बताया कि वह लोग कानपुर के रहने वाले हैं. हमने उनको बताया कि हम पहले स्कूल चलाते थे. स्कूल बंद हो गया तो हम भागवत कथा करने लगे. इस दौरान उन लोगों ने हमने कहा कि उन्हें पता चला है कि तुम लोग छोटी जाति के हो. इस दौरान हमने उनसे कहा कि हम यादव हैं.
हमारी जाति पता करने के लिए हमारे घर फोन किया
संत सिंह यादव ने आगे बताया, उन्होंने हमसे आधार कार्ड मांगा. मगर वो हमारे पास नहीं था. इस दौरान हमने उनसे कहा कि हमारे घर बात कर लो. उन्होंने घर फोन किया तो बेटे ने बताया कि वह यादव हैं. इसके बाद रातभर मारपीट की. प्रताड़ित किया. उन्होंने कहा कि तुम लोगों की हिम्मत कैसे हो गई कि तुम लोग ब्राह्मणों के गांव आए और गद्दी पर बैठ गए.
मारपीट के बाद जयकारा लगाया
मुकुट मणि यादव ने बताया, गांव वालों ने बंदी बना लिया. सोने की अंगूठी और जंजीर भी ले ली. काफी मारा. फिर बजरंग बली के जयकारा भी लगाया. उन्होंने साफ कहा कि उन्हें ब्राह्मणों वक्ता ही चाहिए. उन्होंने कहा कि ये ब्राह्मणों का गांव है और यहां वह लोग कथा नहीं कर सकते. बता दें कि पुलिस ने इस पूरे मामले में अभी तक 4 लोगों को गिरफ्तार किया है.
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