महाराजगंज के दीपू शाही केले की खेती से सालाना कर रहे 15 लाख से अधिक की कमाई, समझ लीजिए इनसे पूरा प्रोसेस

दीपू शाही यूपी के महाराजगंज जिले के घुघली के रहने वाले हैं. दीपू ने साल 2012 में तमिलनाडु के एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करनी शुरु की थी. इस दौरान उन्हें महीने के 10-15 हजार रुपये मिलते थे. लेकिन हमेशा से खेती में दिलचस्पी के कारण उन्होंने खेती करने का फैसला कर लिया.

Deepu Shahi

यूपी तक

07 Oct 2025 (अपडेटेड: 07 Oct 2025, 11:51 AM)

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खेती के जरिए लाखों की कमाई करने वाले दीपू शाही की कहानी हर किसी को जाननी चाहिए. दीपू शाही यूपी के महाराजगंज जिले के घुघली के रहने वाले हैं. दीपू ने साल 2012 में तमिलनाडु के एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करनी शुरु की थी. इस दौरान उन्हें महीने के 10-15 हजार रुपये मिलते थे. लेकिन हमेशा से खेती में दिलचस्पी के कारण उन्होंने खेती करने का फैसला कर लिया. ऐसे में उन्होंने साल 2015 में केले की खेती शुरू कर दी. दीपू ने हमारे सहयोगी किसान तक से बात करते हुए बताया कि उन्हें 15 लाख रुपये से अधिक की सलाना आय केले से हो रही है. ऐसे में आइए जानते हैं कि दीपू शाही किस तरीके से केले की खेती करते हैं? साथ ही इस खबर में हमें ये भी जानने को मिलेगा कि कैसे पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर किसान ऐसी चीजों की खेती कर सकते हैं जिससे वह अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकें.

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कैसे शुरु की केले की खेती

दीपू शाही ने बताया कि साल 2012 में कोयम्बटूर में नौकरी के दौरान भी उनका रुझान हमेशा खेती-किसानी की तरफ रहा. इसी जुनून के चलते उन्होंने 2015 में नौकरी छोड़ दी और अपने गांव आकर केले की खेती करने का फैसला किया. उन्होंने 3.5 एकड़ यानी की 5 बीघा की जमीन पर केले की खेती शुरू की. इस दौरान दीपू ने गुजरात से जैन प्रजाति और इजराइली जी-9 प्रजाति के लगभग 3 हजार केले के पौधे मंगाकर रोपाई की. 

हाई क्वालिटी के केले की डिमांड

दीपू शाही ने सरकार की मदद से अपने खेत में ड्रिप सिंचाई सिस्टम लगवाया है. इस आधुनिक तकनीक से न केवल पानी की बचत होती है बल्कि फसल की उपज बढ़ाने में भी मदद मिलती है जिससे खेती टिकाऊ बनती है. केले की क्वालिटी और पैदावार की वजह से दीपू के केले की डिमांड अब केवल उत्तर प्रदेश तक ही सीमित नहीं है. उनका केला गोरखपुर, लखनऊ, दिल्ली (आजादपुर मंडी), राजस्थान सहित पड़ोसी देश नेपाल के काठमांडू तक भी निर्यात होता है. हालांकि दीपू ने यह भी बताया कि हाल के दिनों में पोटाश और लेबर की लागत बढ़ने के कारण केले की खेती थोड़ी महंगी हुई है और बाजार में कीमतों के उतार-चढ़ाव का सामना भी करना पड़ता है.

15 लाख की हो रही सलाना आय

दीपू शाही ने बताया कि केले की खेती बेहद फायदेमंद साबित हो रही है. उन्होंने बताया कि एक एकड़ में लगभग 1200 केले के पौधे लगाए जाते हैं.एक पेड़ से औसतन 27-28 किलोग्राम केले की फसल तैयार होती है.इस हिसाब से एक एकड़ में 5 लाख रुपये तक की आय होती है.कुल मिलाकर 3.5 एकड़ की बागवानी से उन्हें 15 लाख रुपये से अधिक की सलाना आय हो रही है जिसने उनके जीवन में बड़ा बदलाव ला दिया है.

वह केले की खेती में गोबर खाद के प्रयोग पर जोर देते हैं. रोपाई से पहले, प्रति हेक्टेयर की दर से 40-50 टन सड़ी हुई गोबर की खाद खेत में मिलाई जाती है. रोपाई के समय हर गड्ढे में 5 किलोग्राम फार्मयार्ड मैन्यूर, नीम केक, कार्बोफ्यूरान और फास्फेट-पोटाश का मिश्रण डाला जाता है. वह पौधों को तेज हवा से बचाने के लिए विंडब्रेक लगाने और पौधों को सहारा देने का सुझाव भी देते हैं.

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