CM Yuva scheme: लखनऊ की तूबा सिद्दीकी को पर्सनल केयर फैक्ट्री की मशीन के लिए 15 दिन में ही कैसे मिला लोन, उन्हीं से जानिए

CM Yuva scheme: तूबा सिद्दीकी लखनऊ की बायो-टेक्नोलॉजिस्ट हैं. वह हमेशा से एक उद्यमी बनना चाहती थीं. अपने इसी सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने दो साल पहले अपना ब्रांड 'सोइल कांसेप्ट' शुरू किया. रिपोर्ट में उनकी कहानी जानने के साथ इस बात को जानिए कि किस तरीके से उन्हें सरकार की तरफ से 15 दिन के अंदर 5 लाख़ रुपये का लोन मिला.

Tuba siddiqui

हर्ष वर्धन

• 03:53 PM • 31 Jul 2025

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CM Yuva scheme: क्या आप भी नौकरी की बजाय अपना कुछ स्टार्ट-अप शुरू करना चाहते हैं, लेकिन फंडिंग आपके लिए एक बाधा बन रही है? तो आपको बता दें कि अब आपको चिंता करने की जरुरत नहीं है, क्योंकि लखनऊ की बायो-टेक्नोलॉजिस्ट तूबा सिद्दीकी की कहानी आपको यकीनी तौर पर प्रेरित कर देगी. तूबा के अनुसार, उन्होंने मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना (CM Yuva Scheme) की मदद से न सिर्फ अपने पर्सनल केयर ब्रांड 'Soil Concept' को आगे बढ़ाया है, बल्कि मात्र 15 दिनों में 5 लाख रुपये का लोन भी हासिल किया है. तूबा की यह सफलता उन सभी लोगों के लिए एक मिसाल है जो कुछ करना तो चाहते हैं लेकिन लोन के लिए बैंक के चक्कर काटने से हिचकिचाते हैं. इस रिपोर्ट में आगे आप तूबा सिद्दीकी की कहानी, उन्हीं की जुबानी जानिए.

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तूबा सिद्दीकी ने बताया कि वह हमेशा से एक उद्यमी बनना चाहती थीं. अपने इसी सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने करीब 2 साल पहले अपना  ब्रांड 'सोइल कांसेप्ट' शुरू किया. Soil Concept के जरिए वे प्राकृतिक पर्सनल केयर और क्लीनिंग प्रोडक्ट्स का निर्माण करती हैं. तूबा के अनुसार, अपने बिजनिस को बड़ा करने और नई मशीनरी खरीदने के लिए आगे चलकर उन्हें पैसों की जरूरत थी. तूबा बताती हैं कि एक महिला उद्यमी होने के नाते वह लोन और बैंक के चक्कर लगाने से हिचकिचा रही थीं, क्योंकि उन्हें यह आसान काम नहीं लगता था. 

तूबा ने जो कहा उसे सुनिए:

फिर 15 दिन में तूबा की यूं बदल गई तकदीर

तूबा के लिए टर्निंग पॉइंट तब आया जब उन्हें इंटीग्रल स्टार्टअप फाउंडेशन, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के माध्यम से सीएम युवा लोन योजना के बारे में पता चला. उन्होंने लोन के लिए आवेदन किया. तूबा बताती हैं कि उन्हें आश्चर्य इस बात का हुआ कि यह प्रक्रिया बहुत 'क्विक एंड स्मूथ' थी. बकौल तूबा, "मुझे 15 दिन के अंदर ही 5 लाख का लोन ग्रांट हो गया."

इसके लिए अब वह वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, इंटीग्रल स्टार्टअप फाउंडेशन, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और डीआईसी (DIC) को उनकी उद्यमशीलता की यात्रा में सहयोग के लिए धन्यवाद करते हुए नहीं थक रही हैं. 

लोन मिलने के बाद तूबा की सफलता की कहानी ने रफ्तार पकड़ ली है. वह गर्व से बताती हैं कि अब उनका प्रोडक्ट दिल्ली, मुंबई, गोवा जैसे बड़े शहरों में सप्लाई हो रहा है. लोन मिलने के सिर्फ दो महीनों के भीतर ही उनका टर्नओवर 7 लाख रुपये से ऊपर पहुंच गया है. सबसे खास बात यह है कि तूबा सिर्फ अपने लिए ही नहीं, बल्कि अपने साथ पांच-छह अन्य महिला उद्यमियों को भी सपोर्ट कर पा रही हैं. 

कौन हैं तूबा सिद्दीकी?

तूबा की बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में यात्रा उनके गृह नगर लखनऊ से शुरू हुई. उन्होंने आईआईएम बैंगलोर, आईसीएआर दिल्ली, सीएसआईआर सीमैप लखनऊ, वनस्थली विश्वविद्यालय जयपुर, वूमेनोवेटर और अटल इनक्यूबेशन सेंटर दिल्ली जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ काम किया है. 2021 में '1000 विमेन फेसेस ऑफ एशिया' पुरस्कार से सम्मानित तूबा की सस्टेनेबिलिटी के प्रति समर्पण को उच्चतम स्तर पर मान्यता मिली है. जिसमें 2022 में जी20 शिखर सम्मेलन में भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिया गया सम्मान भी शामिल है.

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