जयपुर सीरियल ब्लास्ट केस में आजमगढ़ के 4 शख्स साबित हुए बेकसूर, घरवाले बोले- धुल गया कलंक

राजीव कुमार

Azamgarh News: उत्तर प्रदेश का आजमगढ़ जिला, जो कभी अपनी सियासत तो कभी सांप्रदायिकता को लेकर चर्चाओं में रहता है. उस पर कुछ साल पहले…

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Azamgarh News: उत्तर प्रदेश का आजमगढ़ जिला, जो कभी अपनी सियासत तो कभी सांप्रदायिकता को लेकर चर्चाओं में रहता है. उस पर कुछ साल पहले एक ऐसा दाग लगा, जिसने आजमगढ़ को हिला कर रख दिया. दरअसल जयपुर में हुए बम धमाकों में जांच एजेंसियों ने आजमगढ़ के ही 4 युवकों को पकड़ा था. जांच एजेंसियों का दावा था कि इन सभी आरोपियों ने जयपुर में हुए बम धमाकों को अंजाम दिया है.

लोअर कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई थी. सुनवाई के बाद कोर्ट ने चारों युवकों को दोषी मानते हुए उन्हें फांसी की सजा भी सुना दी थी. इसके बाद आरोपियों के परिजनों ने वकीलों के माध्यम से हाई कोर्ट में मामले को पहुंचाया था. परिजनों ने जयपुर हाई कोर्ट में मामले को लेकर अपील की थी. अब जयपुर हाई कोर्ट ने लोअर कोर्ट के फैसले को पलटते हुए चारों आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है.

आजमगढ़ के चारों युवकों को किया बरी

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बता दें कि जयपुर हाई कोर्ट ने लोअर कोर्ट के फैसले को पूरी तरह से पलटते हुए चारों आरोपियों, मोहम्मद सैफ, सलमान, सैफुर और सरवर को बरी कर दिया. कोर्ट के इस फैसले से जहां जांच एजेसियों और पीड़ितों को झटका लगा तो वहीं आरोपियों के परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई.

आरोपियों के परिजनों का कहना है कि उन्हें हाई कोर्ट पर भरोसा था. सबूतों और गवाहों के अभाव में भी लोअर कोर्ट ने गलत फैसला दिया था. अब हाई कोर्ट ने लोअर कोर्ट के फैसले में सुधार किया है. हम इस फैसले का स्वागत करते हैं.

‘लोग शक की निगाह से देखते थे’

आरोपी जिन गांवों के रहने वाले हैं, वहां के लोगों ने कहा है कि इस केस के बाद इस जिले और यहां के इलाके को बदनाम किया गया. मगर आज यह कलंक साफ हो गया है. हमारे बच्चों को और इस जिले को कई सालों से भारी जलालत झेलनी पड़ी. हमें लोग शक की निगाहों से देखते थे.

इसी के साथ आरोपियों के परिजनों का भी कहना है कि उन्हें अपने बच्चों को दोषमुक्त करवाने के लिए काफी संघर्ष किया है. इस फैसले से बेटे तो दोषमुक्त हुए ही हैं बल्कि हमारे ऊपर से भी कलंक हट गया है.

‘समाज में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था’

पकड़े गए आरोपी सैफ के पिता का कहना है कि हमारे वकील ने बताया कि कोर्ट में एक भी गवाह ने गवाही नहीं दी. सभी गवाह टूट गए क्योंकि वह सभी फर्जी गवाह थे. सजा के बाद हमने जयपुर हाई कोर्ट में अपील दायर की थी. कोर्ट ने सभी बच्चों को बरी कर दिया है. हम जानते थे कि हमें जो भी राहत मिलेगी वह कोर्ट से ही मिलेगी. 2008 से हम लोग काफी परेशान थे, हम काफी जगह गए. मगर हमें राहत नहीं मिली. समाज में भी हम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. इस फैसले से गांव वालें भी खुश हैं.

बम धमाकों से दहल गया था जयपुर

आपको बता दें कि साल 2008 में जयपुर में सीरियल ब्लास्ट हुए थे. इन बम धमाकों में 71 लोंगो की मौत हो गई थी तो वहीं 185 लोग घायल हुए थे. इन बम धमाकों से पूरा देश दहल गया था. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब सवाल उठता है कि आखिर इन बम धमाकों के पीछे किसका हाथ था? इसी के साथ पीड़ितों को इंसाफ कब तक मिल पाएगा, ये भी अब वक्त ही बताएंगा.

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