पांच बच्चों के बावजूद बुजुर्ग को जाना पड़ा वृद्धाश्रम तो करोड़ों की संपत्ति कर दी सरकार के नाम

संदीप सैनी

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Muzaffarnagar News: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक 85 साल के बुजुर्ग ने अपने बच्चों की अनदेखी से आहत होकर अपनी करोड़ों रुपए की संपत्ति सरकार के नाम कर दी है. बताया जा रहा है कि करोड़ों की संपत्ति होने के बाद भी यह बुजुर्ग अपने बच्चों की अनदेखी के चलते आज वृद्धाश्रम में रहने के लिए मजबूर है.

विस्तार से जानिए हैरान कर देने वाला मामला

ये चौंका देने वाला मामला जिले की बुढाना तहसील के बिराल गांव से सामने आया है. यहां रहने वाले 85 साल के बुजुर्ग नत्थू सिंह ने 4 मार्च को तहसील पहुंचकर गांव में स्थित अपने घर सहित खेती की करीब 1.5 करोड़ रुपये की जमीन और अपने शरीर को महामहिम राज्यपाल उत्तर प्रदेश सरकार के नाम वसीयत कर दी.

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4 लड़की और 1 लड़का मगर सभी की अनदेखी

मिली जानकारी के मुताबिक, बुजुर्ग नत्थू सिंह के 4 बेटियां और एक बेटा है. इनके सभी बच्चों की शादी हो चुकी है. इनका बेटा तो सहारनपुर में सरकारी टीचर बताया जा रहा है. बुजुर्ग की पत्नी का कुछ समय पूर्व देहांत हो गया था, जिसके बाद बुजुर्ग अकेले रह गए थे. वह अपने बच्चों की अनदेखी से भी परेशान थे. बताया जा रहा है कि इसी वजह से वह पिछले करीब 7 महीनों से वृद्धाश्रम खतौली में रह रहे हैं.

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संपत्ति के साथ शरीर भी दान किया

मिली जानकारी के मुताबिक, बच्चों की इस अनदेखी के चलते 4 मार्च को बुजुर्ग नत्थू सिंह ने बुढ़ाना तहसील में पहुंचकर गांव में स्थित अपना मकान और खेत की जमीन के साथ-साथ अपने शरीर को भी सरकार के नाम कर दिया.

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इस बारे में बुजुर्ग नत्थू सिंह ने बताया, “उत्तर प्रदेश सरकार को अपना शरीर, जमीन और संपत्ति सब दे दी है. यह सब मैंने लाचार होकर किया है. जब संतान नहीं करती, मेरी 4 बेटियां हैं, 1 बेटा है, लेकिन मैं खतौली वृद्धाश्रम में रहता हूं.”

एसडीएम ने ये बताया

इस मामले की जानकारी देते हुए एसडीएम बुढ़ाना अरुण कुमार ने बताया, “4 मार्च को नत्थू सिंह द्वारा एक पंजीकृत वसीयत सब रजिस्ट्रार बुढ़ाना कार्यालय में पंजीकृत कराई गई है. इसमें इन्होंने अपने गांव में स्थित मकान और जो उनकी कृषि भूमि है, वह संपत्ति महामहिम राज्यपाल महोदय उत्तर प्रदेश सरकार के नाम वसीयत कर दी है. उन्होंने लिखा है कि जब तक मैं रहूंगा तब तक मैं मालिक रहूंगा. मेरे बाद यह संपत्ति महामहिम राज्यपाल महोदय उत्तर प्रदेश सरकार को दे दी जाए. उन्होंने वसीयत में भी लिखा है कि उनके सभी बच्चे खुशहाल हैं. वह खुद खतोली वृद्ध आश्रम में रह रहे हैं. कोई परिवार वाला उनकी देखभाल नहीं कर रहा था. इसी वजह से उन्होंने महामहिम राज्यपाल के नाम अपनी वसीयत कर दी है. अभी हमने संपत्ति का कोई मूल्यांकन नहीं किया है, क्योंकि वसीयत में कोई खसरा नंबर या रकबा नहीं लिखा है. इसके अलावा उन्होंने मरणोपरांत अपना शव भी किसी मेडिकल  कॉलेज या रिसर्च सेंटर को दान करने के लिए वसीयत में लिखा है.”

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