कानपुर अग्निकांड: 2 मिनट 30 सेकंड के इस वीडियो ने खोले सारे राज? आग लगने की पूरी कहानी ये

संतोष शर्मा

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कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी की आग में झुलस कर हुई मौत के मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. पुलिस अब इस मामले में घटनास्थल पर बनाए गए वीडियो फुटेज और फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर अपनी जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है. आपको बता दें कि कानपुर देहात थाना क्षेत्र के बरौली गांव में 13 फरवरी को कथित तौर पर अतिक्रमण हटाने के दौरान झोपड़ी में आग लगने से मां-बेटी की मौत के मामले में पुलिस की तरफ से एक वीडियो बेहद महत्वपूर्ण सबूत के तौर पर माना जा रहा है. पुलिस के एक अधिकारी ने इस वीडियो के आधार पर इस घटना को दुखद तो बताया लेकिन कहा कि ये एक हादसा है.

देखिए क्या है इस 2 मिनट 30 सेकेंड के वीडियो में, जिसे पुलिस मान रही अहम सुबूत

यह पूरा वीडियो 2 मिनट 30 सेकंड का है. वीडियो की शुरूआत पीड़ित पक्ष के कृष्ण गोपाल दीक्षित की झोपड़ी के अंदर से होती है. इसमें अंदर बेटा शिवम दीक्षित खड़ा नजर आ रहा है और वहीं झोपड़ी में एक तरफ जनरेटर भी दिख रहा है. वीडियो में 9 सेकंड से 12 सेकंड के बीच में शिवम घर से बाहर निकलता दिखाई पड़ता है और उसके पिता पीछे से हाथ में घास-फूस लेकर बाहर जाते दिख रहे हैं.

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जैसे ही दोनों लोग झोपड़ी के बाहर निकलते हैं कि बाहर से प्रमिला दीक्षित (मृतका,कृष्ण गोपाल की पत्नी) आवैं दे, आवै दे, कहते हुए झोपड़ी के अंदर आ जाती हैं. पीछे से कृष्ण गोपाल भी वापस झोपड़ी में आ जाते हैं और प्रमिला हम जान दई दे बै कहते हुए दरवाजा बंद कर लेती हैं. वीडियो के 28 सेकंड पर प्रमिला झोपड़ी का दरवाजा बंद कर लेती हैं.

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इसके बाद वीडियो में बुल्डोजर के आने की आवाज सुनाई पड़ती है. वीडियो में 20 सेकंड बाद यानी 53 सेकंड पर महिला पुलिसकर्मी दरवाजे की तरफ बढ़ती नजर आती हैं और वहीं पीछे बुल्डोजर भी नजर आता है. 58 सेकेंड पर महिला कॉन्स्टेबल कुंडी खटखटाते हुए कहती है, दरवाजा खोलो. 12 सेकंड बाद दरवाजा खुलता है तो महिला की आवाज आती है, आगी लगाई दई इन लोगों ने, यानी इन लोगों ने आग लगा दी है. वीडियो के 1 मिनट 15 सेकंड पर किसी आदमी की आवाज आती है कि इन लोगों ने आग लगा दी पानी ले आओ.

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वीडियो में 1 मिनट 22 सेकेंड पर मां-बेटी झोपड़ी के अंदर खड़ी नजर आती हैं और प्रमिला चिल्लाती हैं, हाथ उठाकर कहती हैं कि इन लोगों ने आग लगा दी. यहीं वीडियो में झोपड़ी के ऊपरी हिस्से में आग नजर आती है, जहां से चिंगारियां नीचे गिर रही हैं और मां बेटी झोपड़ी के अंदर खड़ी हैं.

आग लगने की सूचना पर पुरुष कॉन्स्टेबल झोपड़ी तक पहुंचते हैं. पीले रंग की जैकेट और कंधे पर बंदूक टांगे एक सिपाही गेट पर पहुंच देखता है कि आग लगी है तो वह पानी लाओ, पानी लाओ कहते हुए भागता है. वीडियो में 1 मिनट 52 सेकेंड पर जेसीबी झोपड़ी की तरफ बढ़ती नजर आती है.

10 सेकंड बाद यानी वीडियो में 2 मिनट 4 सेकंड पर जेसीबी झोपड़ी के घास-पूस को लेकर बैक होते नजर आती है. 5 सेकेंड के बाद 2 मिनट 11 सेकेंड पर झोपड़ी धू-धू कर जलती नजर आती है. वीडियो में 2 मिनट 18 सेकेंड पर जेसीबी अलग खड़ी नजर आती है और कंधे पर बंदूक टांगे कुछ पुलिस वाले दोबारा से झोपड़ी की तरफ भागते नजर आते हैं.

 

क्या जेसीबी ने गिरा दिया अंदर रखा जेनरेटर और भड़क गई आग?

2 मिनट 30 सेकंड के इस वीडियो को जांच का अहम हिस्सा माना जा रहा है. जेसीबी ड्राइवर दीपक का बयान भी पुलिस ने ले लिया है. मौके पर फॉरेंसिक टीम ने शाम को ही घटनास्थल से तमाम सबूत इकट्ठा किए हैं. जांच की जा रही है कि झोपड़ी में आग किसी ज्वलनशील पदार्थ से तो नहीं लगी? पुलिस को आशंका है कि मां-बेटी ने प्रशासन की कार्रवाई को रोकने के लिए खुद झोपड़ी के अंदर आग लगाई. हालांकि यहां यह बात साफ कर देनी जरूरी है कि पीड़ित पक्ष का दावा है कि आग प्रशासन की तरफ से लगाई गई.

उधर, जांच करने वालों को आशंका है कि मां-बेटी को अंदेशा था कि झोपड़ी में आग लगने के बाद प्रशासन की टीम वापस चली जाएगी, बुल्डोजर नहीं चलेगा. उनका कहना है कि झोपड़ी में आग लगी देख पुलिस टीम ने उसे बढ़ने से रोकने के लिए बुल्डोजर चलाया, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि बुल्डोजर चलते ही झोपड़ी में अंदर रखा जनरेटर गिर गया और डीजल फैलने के कारण चंद सेकंड में ही आग ने विकराल रूप धारण कर मां बेटी को जला दिया.

वैसे ये सारे पहलू अभी जांच का विषय हैं और यूपी तक इस वीडियो के आधार पर किसी नतीजे पर पहुंचने का दावा नहीं करता है.

पुलिस टीम को इस वीडियो के साथ साथ फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार है. इस मामले की विवेचना के संबंध में आईजी रेंज कानपुर प्रशांत कुमार का कहना है कि, ‘एफआईआर दर्ज होने के बाद ही जांच अकबरपुर इंस्पेक्टर को सौंप दी गई थी. हम इस मामले में हर पहलू की जांच कर रहे हैं, फॉरेंसिक रिपोर्ट, मौके पर बने वीडियो व गवाहों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. किसी भी निर्दोष को फंसाया नहीं जाएगा लेकिन किसी भी दोषी को छोड़ा भी नहीं जाएगा.’

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