अखिलेश ने पढ़ा अल्लामा इकबाल का शेर, तो पलट कर राजा भैया ने कहा- आधा अधूरा नहीं पूरा कहिए
जनसत्ता लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष और विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने यूपी विधानसभा में शनिवार को खुलकर अपनी बात रखी.
ADVERTISEMENT
जनसत्ता लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष और विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने यूपी विधानसभा में शनिवार को खुलकर अपनी बात रखी.
Uttar Pradesh News : जनसत्ता लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष और विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने यूपी विधानसभा में शनिवार को खुलकर अपनी बात रखी. सदन में राजा भैया ने कहा कि अल्लामा इकबाल पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने कहा था कि हिंदू और मुसलमान एक साथ नहीं रह सकते. पाकिस्तान के वैचारिक पिता, जिन्होंने कहा कि अलग देश चाहिए. जिन्ना को रास्ता बताने वाले उकसाने वाले और पाकिस्तान के पक्ष में हिंदुस्तान के मुसलमानों ने वोट किया, जिसमें 98 परसेंट लोगों ने कहा कि हिंदू और मुसलमान एक साथ नहीं रह सकते. इस बात को लेकर बंटवारा हुआ. सारे जहां से अच्छा जो कविता सुनाई वो अधूरा है.
ADVERTISEMENT
अखिलेश ने कही थी ये बात
बता दें कि इससे पहले अखिलेश यादव ने कहा कि, 'वित्त मंत्री बताए अपने तो शेयर कम पड़ते हैं दूसरों की ज्यादा पढ़ते हैं. यहां कुछ और कहता है वहां कुछ और कहता है हकीकत कुछ है लेकिन दासतां कुछ और कहता है, कली से ताजगी फूलों से खुशबू हो गई गायब चमन से खुशहाली, माली कुछ और कहता है। डुबा देता हैं कोई नाम तक भी खानदान का किसी के नाम से खानदान चलता है.’
राजा भैया ने किया पलटवार
सदन में राजा भैया ने आगे कहा कि स्पष्ट है ये दीवार के ऊपर शिखर तोड़कर गुंबद बना देने से ये गंगा जमुनी तहजीब नहीं होती. ये आक्रांताओं द्वारा तोड़ा गया. उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी में व्यासजी की गुफा में जो पूजा हो रही है वो अनवरत सैकड़ों वर्ष से चलती आ रही है. यह बात बाहर जानी चाहिए, इस पर 1993 में स्थानीय प्रशासन ने रोक लगाया. किसी न्यायालय ने रोक नहीं लगाया इस पूजा पर. राजा भैया ने कहा कि राजा भैया ने कहा कि उस पुजारी को भी प्रणाम करते हैं, जिन्होंने 31 साल चाबी संभाल कर रखी. पुजारी को भी विश्वास था. तभी एक दिन ऐसा आया जब ताला खोला गया.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT