उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म वाले बयान पर राजा भैया ने I.N.D.I.A. गठबंधन से कर डाली ये बड़ी मांग
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) की युवा इकाई के सचिव और राज्य के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को समानता…
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तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) की युवा इकाई के सचिव और राज्य के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को समानता एवं सामाजिक न्याय के खिलाफ बताते हुए कहा कि इसे समाप्त किया जाना चाहिए. मंत्री उदयनिधि स्टालिन के बयान पर यूपी के बाहुबली नेता, कुंडा विधायक और जनसत्ता पार्टी चीफ रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. साथ ही उन्होंने I.N.D.I.A. गठबंधन से बड़ी मांग भी कर डाली है.
राजा भैया ने ट्वीट करते हुए कहा,
“कल उदयनिधि स्टालिन ने भरी सभा में सनातन धर्म को समाप्त करने की बात कही. हर भारतवासी को इस घृणित वक्तव्य का मुखर विरोध करना चाहिए. ये बयान हिन्दुओं के प्रति DMK की घृणा को दर्शाता है. I.N.D.I.A. गठबंधन DMK से सहमत है या उसे निकाल बाहर करेगा? चुनाव होने हैं,स्थिति स्पष्ट करनी होगी. “
कल उदयनिधि स्टैलिन ने भरी सभा में सनातन धर्म को समाप्त करने की बात कही,हर भारतवासी को इस घृणित वक्तव्य का मुखर विरोध करना चाहिये।ये बयान हिन्दुओं के प्रति DMK की घृणा को दर्शाता है।I.N.D.I.A. गठबंधन DMK से सहमत है या उसे निकाल बाहर करेगा? चुनाव होने हैं,स्थिति स्पष्ट करनी होगी।
— Raja Bhaiya (@Raghuraj_Bhadri) September 3, 2023
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उदयनिधि स्टालिन ने क्या कहा था?
बता दें कि उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया, और डेंगू वायरस एवं मच्छरों से होने वाले बुखार से करते हुए कहा कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं करना चाहिए बल्कि नष्ट कर देना चाहिए.
तमिलनाडु प्रगतिशील लेखक एवं कलाकार संघ की शनिवार को चेन्नई में आयोजित बैठक को तमिल में संबोधित करते हुए उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म क उल्लेख ‘सनातनम’ के तौर पर किया.
उन्होंने कहा, ‘‘सनातनम क्या है? यह संस्कृत भाषा से आया शब्द है. सनातन समानता और सामजिक न्याय के खिलाफ होने के अलावा कुछ नहीं हैं.’’ उदयनिधि ने कहा, ‘‘सनातन का क्या अभिप्राय है? यह शास्वत है, जिसे बदला नहीं जा सकता, कोई सवाल नहीं कर सकता है और यही इसका मतलब है.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि सनातन ने लोगों को जातियों के आधार पर बांटा.
मंत्री ने कहा कि सब कुछ बदला जाना चाहिए और कुछ भी चिरस्थायी नहीं है. उन्होंने कहा कि वामपंथी आंदोलन और द्रमुक की स्थापना सभी पर सवाल करने के लिए की गई है.