किसी के साथ कोई बदतमीजी... कांवड़ यात्रा ने नेम प्लेट आधार चेक करने वालों पर भड़के जयंत चौधरी!
Jayant Chaudhary on Kanwar Yatra: कांवड़ यात्रा के हिंदू संगठन दुकानदारों से उनका नाम पूछ रहे हैं और उनके आधार कार्ड तक की जांच कर रहे हैं. इस मामले पर अब रालोद मुखिया जयंत चौधरी का तीखा रिएक्शन सामने आया है.
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Jayant Chaudhary on Kanwar Yatra: उत्तर प्रदेश में आज यानी 11 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो गई है. योगी सरकार ने फिर एक बार कांवड़ मार्ग पर खाने-पीने की दुकानें लगाने वालों के लिए नेम प्लेट (पहचान बताने वाली तख्ती) लगाना अनिवार्य कर दिया है. इस सरकारी निर्देश ने अब सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि कुछ हिंदू संगठन दुकानदारों से उनका नाम पूछ रहे हैं और उनके आधार कार्ड तक की जांच कर रहे हैं.
इस मुद्दे पर जब केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के मुखिया जयंत चौधरी से सवाल किया गया, तो उनका तीखा रिएक्शन सामने आया. राजस्थान के जयपुर में उन्होंने कहा, "किसी को असुरक्षित महसूस नहीं होना चाहिए. किसी के साथ कोई बदतमीजी नहीं होनी चाहिए. कानून-व्यवस्था कायम है. सब बराबर हैं, किसी भी त्योहार में सभी को आजादी है." कुछ संगठनों द्वारा होटलों में की जा रही इस तरह की जांच को उन्होंने "अनुचित" बताया.
इससे पहले मुजफ्फरनगर में भी जयंत चौधरी ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखी थी. जब एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि कुछ हिंदू संगठन कांवड़ यात्रा से पहले ढाबे वालों की नेम प्लेट और आधार कार्ड चेक कर रहे हैं, तो उन्होंने इसे "विजिलेंटिज्म" (Vigilantism) करार दिया. जयंत ने साफ कहा था, "ये उनका काम नहीं है."
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क्या होता है 'विजिलेंटिज्म' का मतलब?
विजिलेंटिज्म (Vigilantism) का अर्थ है जब कोई व्यक्ति या समूह, बिना किसी कानूनी अधिकार के, खुद को कानून लागू करने वाला, न्याय करने वाला या अपराधियों को दंडित करने वाला मान लेता है. यह एक ऐसा कार्य है जो कानून-व्यवस्था को अपने हाथ में लेने जैसा है और अक्सर विवादों को जन्म देता है. कांवड़ यात्रा के दौरान नेम प्लेट और आधार कार्ड की जाँच के मुद्दे पर जारी यह विवाद अब राजनीतिक तूल पकड़ता दिख रहा है.
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