69000 शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट कैंसिल होने के फैसले पर मायावती ने दिया ये रिएक्शन
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने आज शनिवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा 69,000 सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया में नई चयन सूची तैयार करने के आदेश का स्वागत किया है.उन्होंने इस फैसले को राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाने वाला करार दिया.
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बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने आज शनिवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा 69,000 सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया में नई चयन सूची तैयार करने के आदेश का स्वागत किया है.उन्होंने इस फैसले को राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाने वाला करार दिया.
मायावती ने 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "उत्तर प्रदेश में 2019 में चयनित 69,000 शिक्षक अभ्यर्थियों की चयन सूची को रद्द करके तीन महीने के भीतर नई सूची बनाने के उच्च न्यायालय के फैसले से यह साबित होता है कि सरकार ने अपना काम निष्पक्षता और ईमानदारी से नहीं किया. इस मामले में पीड़ितों, विशेषकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को न्याय मिलना सुनिश्चित हो."
इससे पहले, 2019 में आयोजित इस भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं के आरोप लगे थे, जिसके चलते हजारों उम्मीदवार न्याय की गुहार लगा रहे थे. कोर्ट के फैसले ने उन उम्मीदवारों की उम्मीदों को फिर से जीवित कर दिया है, जो लंबे समय से न्याय का इंतजार कर रहे थे.
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मायावती ने इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर पहले से ही सवाल उठ रहे हैं, खासकर सरकारी पदों के लिए आयोजित परीक्षाओं में प्रश्नपत्र लीक होने की घटनाओं के कारण. उन्होंने कहा, "सहायक शिक्षकों की सही बहाली न होने से राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है. सरकार को इस दिशा में तत्काल ध्यान देना चाहिए."
गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश में कई सरकारी भर्तियों में धांधली के आरोप लगे हैं, जिनमें शिक्षक भर्ती भी शामिल है. यह फैसला न केवल प्रभावित अभ्यर्थियों के लिए एक राहत की खबर . बल्कि राज्य सरकार के लिए भी एक सख्त संदेश है कि निष्पक्षता और पारदर्शिता से समझौता नहीं किया जा सकता.
मायावती ने अपने बयान में जोर देकर कहा कि सरकार को इस मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए. ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और योग्य उम्मीदवारों को न्याय मिल सके.
(भाषा के इनपुट के साथ)