यूपी के यादव सपा के साथ पर हरियाणा के अहीरवाल बेल्ट वाले BJP के लिए लामबंद! आंकड़ों से समझिए

रजत कुमार

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Haryana Assembly Election Analysis
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Uttar Pradesh News :  लोकसभा चुनाव के बाद पूरे देश की नजर हरियाणा और जम्मू कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनावों पर थी. मतदान हुए और फिर एक्जिट पोल आएं. एक्जिट पोल्स में हरियाणा में कांग्रेस की आंधी आती दिखी लेकिन चुनावी नतीजों में ये आंधी आई तो जरूर पर वो भाजपा के खेमे में. हरियाणा में जीत की हैक्ट्रिक लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी ने 90 में से 48 सीटों पर जीत हासिल की. वहीं कांग्रेस मात्र 37 सीटों पर ही सिमट गई. हरियाणा में गैर-जाट वोटों का कांग्रेस के खिलाफ लामबंद होना भी भारी पड़ गया, जिसका सीधा असर सीटों पर पड़ा. भाजपा की इस शानदार जीत में अहीरवाल क्षेत्र की काफी बड़ी भूमिका रही. लोकसभा चुनाव में जहां उत्तर प्रदेश में यादवों का वोट एकतरफा सपा और कांग्रेस गठबंधन को मिला था तो वहीं हरियाणा में ठीक इसका उलटा हुआ. आइए आंकड़ों के जरिए समझते हैं पूरी कहानी. 

भाजपा का कमाल

बता दें कि हरियामा के अहीरवाल क्षेत्र ने इस बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एकतरफा समर्थन दिया है.  इस बार के चुनावों में अहीरवाल की 11 में से 10 सीटें भाजपा के खाते में गई हैं, जबकि कांग्रेस केवल एक ही सीट पर सिमट गई. पिछली बार भाजपा के पास 8 और कांग्रेस के पास 2 सीटें थीं, जबकि एक निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी. 

अग्निवीर योजना और पानी की समस्या जैसे प्रमुख मुद्दे भी यहां भाजपा के विजय रथ को रोकने में विफल रहे.  कोसली, बावल, अटेली, नारनौल, गुरुग्राम, पटौदी और सोहना की मुख्य सीटों पर भाजपा ने अपनी पकड़ मजबूत रखी है. इसके अलावा रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ सीटों पर भी भाजपा ने कांग्रेस से विजय हासिल की. हालांकि, नांगल चौधरी सीट पर भाजपा को कांग्रेस के आगे झुकना पड़ा. पिछली बार बादशाहपुर में निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार वहां भी भाजपा का कब्जा हो गया है. यह चुनाव परिणाम न केवल अहीरवाल क्षेत्र में भाजपा की ताकत को दर्शाता है, बल्कि यह भी इंगित करता है कि इस क्षेत्र लोगों का विश्वास भाजपा में कितना दृढ़ है. 

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क्या है अहीरवाल बेल्ट

अहीरवाल बेल्ट  बेल्ट तीन लोकसभा सीटों - गुड़गांव, रोहतक और भिवानी-महेन्द्रगढ़ में फैला हुआ है. अहीरवाल बेल्ट यानी यादव बहुल क्षेत्र. इस बेल्ट में तीन लोकसभा सीटें, गुरुग्राम,  भिवानी और रोहतक आती हैं. इन तीनों  सीटों में 2024 के लोकसभा चुनाव में गुरुग्राम और भिवानी पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी तो वहीं रोहतक कांग्रेस के खाते में गई थी. 

हरियाणा से उलट यूपी की कहानी

हरियाणा विधानसभा चुनाव से पांच महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बड़ा उलट फेर देखने को मिला था.उत्तर प्रदेश के 80 सीटों में समााजवादी पार्टी ने 37 सीटों पर जीत हासिल की थी तो वहीं कांग्रेस ने 6 सीटों पर. इंडिया गठबंधन के इस शानदार प्रदर्शन के पीछे उत्तर प्रदेश के यादव वोटरों का बहुत बड़ा हाथ था.  सीएसडीएस के आंकड़ों के मुताबिक  82 प्रतिशत यादवों और 92 प्रतिशत मुसलमानों ने इंडिया ब्लॉक को तो वोट दिया था, जबकि गैर-जाटव दलित वोटों का 56 प्रतिशत वोट भी गठबंधन ने हासिल किया था. यही नहीं 25 प्रतिशत जाटव दलितों ने गठबंघन को वोट दिया था. वहीं 2022 यूपी विधानसभा चुनाव की बात करें तो एसपी गठबंधन को 83 फीसदी यादव वोटर्स ने वोट दिया था, जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में 68 फीसदी यादवों का वोट एसपी गठबंधन को मिला था. 
 

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