Exclusive इंटरव्यू: आकाश BSP का चेहरा होंगे? सतीश मिश्रा बोले- युवा तेजी से जुड़ रहे उनसे
उत्तर प्रदेश में 2022 के चुनावों के लिए घमासान शुरू हो चुका है. पिछले दो विधानसभा चुनावों से मिल रही हार के बाद बहुजन समाज…
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उत्तर प्रदेश में 2022 के चुनावों के लिए घमासान शुरू हो चुका है. पिछले दो विधानसभा चुनावों से मिल रही हार के बाद बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने एक बार फिर अपने सियासी मोहरे नई तरह से बिछाने शुरू कर दिए हैं. बीएसपी इस बार ब्राह्मण मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए उन्हें ध्यान में रख प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन का आयोजन कर रही है. यूपी तक ने 2022 को देखते हुए बीएसपी की तैयारियों का जायजा लेने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा से बात की. यूपी तक को दिए लिखित इंटरव्यू में सतीश मिश्रा ने बीएसपी के कैंपन में राम मंदिर की एंट्री, ब्राह्मण सम्मेलन और मायावती के भतीजे आकाश आनंद को लेकर खुलकर अपनी राय रखी. आगे पढ़िए सतीश मिश्रा का पूरा इंटरव्यू…
सवाल: सतीश मिश्रा जी, यूपी तक के इस खास इंटरव्यू में आपका स्वागत है. पहला सवाल यह कि आप लगातार ब्राह्मण सम्मेलन पूरे उत्तर प्रदेश में कर रहे हैं. क्या आपको लग रहा है कि ब्राह्मण दोबारा बीएसपी की ओर मुखातिब हो रहा है? कैसा रिस्पॉन्स है आपकी सभाओं का?
जवाब: बहुत ही अच्छा समर्थन मिल रहा है. हम प्रबुद्ध वर्ग के साथ हमेशा से रहे हैं. बहुजन समाज पार्टी ‘सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय’ के संकल्प के साथ काम करने में विश्वास रखती है. आज पूरे प्रदेश में देख लीजिए ब्राह्मण समाज के लोगों के साथ क्या हुआ है अब प्रबुद्ध वर्ग किसी भी तरह से बीजेपी, एसपी व कांग्रेस के बहकावे और लुभावने वादों में आने वाला नहीं है. इन पार्टियों को पता है कि दलित वर्ग, पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के साथ ब्राह्मण समाज भी पूरी मजबूती से बीएसपी के साथ कंधा से कंधा मिलाकर बहन मायावती जी को पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनाने के लिए संकल्पित है.’
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ब्राह्मण का इतिहास देखें तो वह स्वभाव से त्यागी और समाज को दिशा दिखाने वाला रहा है. देश भक्ति और धर्म परायण होने के कारण वो बीजेपी के बहकावे में कुछ समय के लिए आ गया था, लेकिन आज वो समझ गया है कि ये छलावा करते हैं. ब्राह्मण अब पूरी तरह बहन मायावती जी के साथ है, क्योंकि बहन जी जो कहती हैं, वो करती भी हैं.
सवाल: पिछले दिनों आपने दावा किया था कि बीएसपी 2007 से ज्यादा सीटें जीतकर 2022 में सरकार बनाएगी. सवाल यह है कि कितनी सीटों का अनुमान है आपको? ऐसी कौन सी वजहें हैं, जिनसे आपको लगता है कि बीएसपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी?
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जवाब: सीटें कितनी आएंगी ये चुनाव होने के बाद पता ही चल जाएगा. परंतु यह तय है कि 2022 में बहुजन समाज पार्टी पूर्ण बहुमत से अधिक सीटों के साथ सरकार बनाएगी और इसका कारण बीजेपी सरकार से सभी वर्ग के लोगों का परेशान होना है. आप देखिए कोई वर्ग खुश नहीं है. आज इस सरकार में नौजवान, किसान सड़कों पर हैं. महिलाओं, बेटियों के साथ आए दिन शर्मनाक घटनाएं हो रही हैं. बीजेपी किस बात पर अपनी पीठ थपथपा रही है, समझ से परे है. कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है, जैसा कि एसपी सरकार के दौरान होता था. आज हर कोई बहन जी का कानून द्वारा कानून का शासन याद कर रहा है और शीघ्र ही उन्हें 2022 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहता है. एक बात मैं आपको और बताना चाहूंगा कि आदरणीय बहन जी के नेतृत्व में जब यूपी में बीएसपी की सरकार थी, तो पूरे प्रदेश में अविस्मरणीय काम किए गए. चाहे नौजवानों को लाखों रोजगार देना हो, बहन-बेटियों की सुरक्षा के लिए कानून हो, गुणवत्तापूर्ण विकास के काम हों, हर क्षेत्र में हर वर्ग के लिए काम किया गया. हम विपक्ष में रहकर भी जनहित के मुद्दे उठा रहे हैं. कोरोना काल में बहन जी के आवाहन पर पार्टी ने जी जान से जनता की सेवा की और अभी भी कर रहे हैं. यह सब जनता ने देखा है, उन्हें सब पता है. आगामी 2022 विधानसभा चुनाव में जनता जनार्दन सोच कर वोट करेगी. इस बार कोई इनके जुमले में आने वाला नहीं है.
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सवाल: बीएसपी की तरफ से ब्राह्मण मतदाताओं को लुभाने की कवायद चल रही है. आप खुद पूरे प्रदेश में ब्राह्मण सम्मेलन कर रहे हैं. पर आंकड़े आपका साथ देते दिख नहीं रहे. 2017 के चुनावों में बीजेपी को ब्राह्मणों के 80 फीसदी वोट मिले. 2019 में ये बढ़कर 82 फीसदी हो गए. आपको क्यों लगता है कि 2022 में ब्राह्मण बीजेपी को छोड़ बीएसपी को वोट करेंगे?
जवाब: हम प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन के माध्यम से बीजेपी सरकार की कथनी और करनी के बीच के अंतर को जनता के सामने ला रहे हैं. सभी धर्म, सभी वर्ग का सम्मान और पूरे प्रदेश में अनेकों विकास कार्य बीएसपी सरकार में हुए हैं. आज बीजेपी की सरकार में ब्राह्मण समाज के लोगों को सबसे ज्यादा परेशान और बेइज्जत किया जा रहा है. उनकी सैकड़ों में हत्याएं हो गई हैं, कोई पूछने वाला नहीं, अपराधी पकड़े नहीं जाते हैं. अनेकों ब्राह्मणों के फर्जी एनकाउंटर कर हत्या कर दी गई है. मंदिरों पर कब्जे हो रहे हैं. आज यह वर्ग असुरक्षित महसूस कर रहा है. हमारी सरकार में सम्मान भी होगा, उनकी सुरक्षा भी होगी और 2007-2012 में ऐसा करके हमने दिखाया भी है, इसलिए ये हमारे साथ पूरी तरह से आ रहे हैं.
सवाल: बीएसपी ने ब्राह्मण मतदाताओं को रिझाने के कार्यक्रम की शुरुआत अयोध्या से की. आप कह रहे हैं कि बीजेपी की सरकार मंदिर नहीं बनवा पाएगी, जब आपकी सरकार आएगी तब मंदिर बनेगा, लेकिन एक वक्त था जब उत्तर प्रदेश में नारा लगा था कि मिले मुलायम कांशीराम, हवा में उड़ गए जय श्री राम. बीएसपी में ये पैराडाइम शिफ्ट क्यों? आपको नहीं लगता कि आप बीजेपी की बनाई हुई पिच पर राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं?
जवाब: ये हमारा नारा कभी नहीं था, न है और न रहेगा. यह नारा विरोधी पार्टियों द्वारा बनाया गया है.
सवाल: 2019 में बीएसपी ने एसपी के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया था बीएसपी को 10 सीटों पर जीत मिली थी, 2014 में आप अकेले लड़े थे तब स्कोर जीरो था. आपको तो महागठबंधन से फायदा मिला. फिर 2022 में आप गठबंधन की बजाया अकेले क्यों चुनाव लड़ना चाहते हैं?
जवाब: ये कहना सही नहीं है कि हमें एसपी से कोई फायदा मिला. आप 2014 की बात कर रहे हैं, तो एक बार वोट के आंकड़े भी देख लीजिए. 2009 की अपेक्षा 2014 के लोकसभा चुनाव में हमारी पार्टी को अधिक वोट मिले, और जहां तक बात 2019 के चुनाव की है, हमारी पार्टी को एसपी को वोट नहीं मिले. हमारी पार्टी का तो पूरा वोट उन्हें ट्रांसफर हो गया था पर उनका वोट हमें ट्रांसफर नहीं हुआ, जिस तरह मिलना चाहिए था. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने अलग होने का निर्णय लिया.
सवाल: बीजेपी ने अकेले दम पर प्रदेश और केंद्र में सत्ता बनाई है. आज बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकजुटता की कोशिश की जा रही है. ऐसे में आपका अलग चुनाव लड़ने का ऐलान कहीं सत्ता विरोधी मतों में बिखराव की वजह तो नहीं बनने जा रहा?
जवाब: देखिए बीजेपी ने केंद्र में भी और प्रदेश में भी गठबंधन करके चुनाव लड़ा है. ये बात अलग है कि आज की अपने ही सहयोगी दलों की उपेक्षा बीजेपी ने की, जिससे वो पार्टियां अलग हुईं. गठबंधन पर हमारी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन जी ने अपने विचार स्पष्ट कर दिए हैं. हम पंजाब राज्य में शिरोमणि अकाली दल के साथ चुनाव लड़ रहे हैं.
सवाल: आप पर बीजेपी की बी टीम की तरह भी काम करने के आरोप लग रहे हैं. आप क्या कहना चाहेंगे?
जवाब: निराधार आरोप लगाना वर्तमान राजनीति में एक चलन सा बन गया है. इस पर क्या कहा जाए. याद रखिए जब बीजेपी सत्ता में नहीं थी, तो यही पार्टियां कहती थीं कि बीएसपी कांग्रेस की बी टीम है. हमारी पार्टी द्वारा जो दायित्व मुझे प्राप्त होता है, उसे पूरी तन्मयता के साथ पूर्ण करने में विश्वास रखता हूं.
सवाल: पिछले चुनावों में हमने देखा कि नॉन जाटव दलित वोटर्स आपसे बेरुखी दिखा रहे हैं। ट्रेंड के मुताबिक वे बीजेपी के साथ जाते दिख रहे हैं. कहीं ऐसा तो नहीं कि आप ब्राह्मणों को लुभाने की कोशिश में दलित वोटर्स का अपना बेस गंवा रहे हैं?
जवाब: दलित समाज के सभी वर्ग बहुजन समाज पार्टी के साथ हैं और अबकी बार और भी ज्यादा मजबूती से एकजुट होकर बहन मायावती जो को उत्तर प्रदेश को पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनाने के लिए पूरी तरह एकजुट है.
सवाल: अब आते हैं नेतृत्व के सवाल पर। बीजेपी जैसी कैडर बेस पार्टियों के पास नेताओं की पूरी सेकंड जनरेशन तैयार है, पर आपके यहां इसका अभाव दिखता है. क्या आकाश आनंद पार्टी का चेहरा होंगे? पार्टी की विरासत संभालेंगे?
जवाब: बीजेपी कैडर बेस पार्टी नहीं बल्कि एक तानाशाह पार्टी है. सभी ने देखा है कि किस तरह उन्होंने अपने सीनियर नेताओं को दरकिनार कर दिया. उसके ठीक विपरीत बहुजन समाज पार्टी एक कैडर बेस पार्टी है, जो कि एक मिशन की तरह काम करती है. बीएसपी सभी योग्य व्यक्तियों और युवाओं को पार्टी में उचित स्थान प्रदान करती है. आकाश आनंद जी बीएसपी के राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर हैं और युवा वर्ग उनके साथ बहुत तेजी से जुड़ रहा है. जहां तक विरासत की बात है, इसका उत्तर स्वयं बहन मायावती ने कई बार दिया है और अभी हाल ही में 27 अगस्त को प्रेस के माध्यम से फिर दे दिया है. उसे आप देख लें.
सवाल: पिछले सालों में आपकी पार्टी के कई दिग्गज नेताओं ने आपका साथ छोड़ दिया. क्या पार्टी का शीर्ष नेतृत्व नई पीढ़ी या नए नेतृत्व को आगे बढ़ने से रोक रहा है?
जवाब: बीएसपी सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय के संकल्प के साथ विकास करने वाली पार्टी है. पार्टी में अगर कोई व्यक्तिगत लाभ की लालसा रखता है तो उसका कोई स्थान नहीं है. पार्टी में 50 प्रतिशत नौजवानों को हर स्तर पर जगह दी गई है और हमारे सभी साथी पार्टी की विचारधारा के अनुरूप काम कर रहे हैं.
सवाल: अंतिम सवाल, क्या आपको लगता है कि मायावती 2022 में बीजेपी के विजय रथ को रोक पाएंगी या योगी आदित्यनाथ के चेहरे को चुनौती दे पाएंगी?
जवाब: आदरणनीय बहन जी को प्रदेश और देश की जनता पसंद करती है और उनके शानदार शासनकाल और विकास कार्यों की सभी प्रशंसा करते हैं. आज उत्तर प्रदेश में कुशासन चल रहा है, कानून का राज खत्म हो गया है. सभी 2022 का इंतजार कर रहे हैं कि वो बहुजन समाज पार्टी को वोट देकर बहन मायावती जी को उत्तर प्रदेश का पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनाएं.
इनपुट: कुमार अभिषेक
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