यूं ही नहीं हो गई सीएम योगी आदित्यनाथ और बृजभूषण शरण सिंह की मुलाकात! इसमें असली पॉलिटिक्स तो ये है

कुमार अभिषेक

उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस वक्त बड़े सियासी डेवलपमेंट हो रहे हैं. इन्हीं में से एक है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्वांचल के बाहुबली नेता बृजभूषण शरण सिंह की अचानक हुई मुलाकात.

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Brijbhushan and CM Yogi
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उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस वक्त बड़े सियासी डेवलपमेंट हो रहे हैं. इन्हीं में से एक है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्वांचल के बाहुबली नेता बृजभूषण शरण सिंह की अचानक हुई मुलाकात. सोमवार शाम को बृजभूषण शरण सिंह बिना किसी शोर-शराबे के सीधे सीएम योगी के सरकारी आवास पांच कालिदास मार्ग पहुंच गए. यह मुलाकात कई सालों बाद हुई है. इसके बाद से ही यूपी के सियासी गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं गर्म हो गई हैं.

आखिर इस मुलाकात के पीछे की असली पॉलिटिक्स क्या है? क्या उत्तर प्रदेश में संगठन या कैबिनेट स्तर पर कोई बड़े बदलाव की तैयारी है? इन सभी सवालों का जवाब जानने के लिए यूपी तक के ब्यूरो हेड और सीनियर एडिटर कुमार अभिषेक ने इस मुलाकात का पूरा एनालिसिस किया है.

मुलाकात के बाद बृजभूषण शरण सिंह ने सिर्फ इतना कहा कि 'वो मुख्यमंत्री हैं हमारे और हम उनसे मिल सकते हैं.' लेकिन क्या बात सिर्फ इतनी सीधी है? बृजभूषण शरण सिंह ने कुछ समय पहले ही कहा था कि वो सीएम योगी से मिलने नहीं जाते, उनके परिवार वाले जाते हैं. अब उनका यह बदलता रुख यूपी की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत का संकेत दे रहा है. 

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क्यों अहम है यह मुलाकात? सियासी बर्फ पिघलने के संकेत

उत्तर प्रदेश बीजेपी में राजनीतिक घटनाक्रम बहुत तेजी से बदल रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बैक-टू-बैक तीन मुलाकातें हुई हैं. इन मुलाकातों के बाद आज की यह मुलाकात इसलिए भी अहम है, क्योंकि कहीं न कहीं यह मैसेज बिल्कुल साफ कर दिया गया है कि उत्तर प्रदेश में अब 'सबको साथ लेकर ही चलना होगा'.

पुरानी दूरियां खत्म: बृजभूषण शरण सिंह को लंबे समय से यूपी की राजनीति में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विरोधी खेमे में देखा जाता रहा है. मुख्यमंत्री आवास पर बृजभूषण शरण सिंह का यह पहला दौरा था, जो दोनों के बीच की सियासी दूरियां खत्म होने का संकेत दे रहा है.

बीजेपी शीर्ष नेतृत्व की भूमिका: माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के रिश्तों में यह 'बर्फ पिघलने' की कोशिश केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर हुई है. 2027 का विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए अहम और कठिन है, ऐसे में अलग-अलग नेताओं के प्रभाव को एकजुट करना जरूरी है.

अखिलेश यादव की तारीफ का असर: बृजभूषण शरण सिंह पिछले कुछ समय से खुलकर अखिलेश यादव की तारीफ करते दिखे हैं, जिससे बीजेपी के शीर्ष नेताओं के कान खड़े हो गए थे. यह मुलाकात उस 'कन्फ्यूजन' को खत्म करने की कोशिश है.

प्रदेश अध्यक्ष और मंत्रिमंडल विस्तार: क्या है कनेक्शन?

इस मुलाकात के मायने सिर्फ रिश्तों में सुधार तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि इसका सीधा संबंध यूपी बीजेपी के संगठन और सरकार में होने वाले संभावित बदलावों से भी जोड़ा जा रहा है:

नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश: यूपी में बीजेपी भूपेंद्र चौधरी की जगह नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश में है, जिसे लेकर काफी समय से माथापच्ची चल रही है. सीएम योगी ने बीजेपी हाईकमान को अपनी पसंद ही नहीं बताई, बल्कि यह भी समझाया कि यूपी के सियासी समीकरण के लिहाज से पार्टी के लिए कौन बेहतर रहेगा.

मंत्रिमंडल में फेरबदल: माना जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन के बाद यूपी प्रदेश अध्यक्ष का फैसला होगा, लेकिन उससे पहले यूपी कैबिनेट में फेरबदल हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक, सीएम योगी ने पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा से इस बारे में भी बात की है कि किसे कैबिनेट से हटाना है और किन चेहरों को शामिल करना है.

नेताओं की नाराजगी: बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने सीएम योगी से मुलाकात के दौरान यूपी के नेताओं और सहयोगी दलों की नाराजगी और शिकायतों पर भी बात की. सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उन सभी नेताओं के कामकाज का पूरा चिट्ठा खोलकर रखा, और नौकरशाही के नेताओं की बात न सुनने वाले मुद्दों पर भी चर्चा हुई.

केंद्रीय नेतृत्व का संदेश: 'सियासी बैलेंस' और 'तालमेल'

बीजेपी सूत्रों ने बताया है कि सीएम योगी ने प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और नड्डा के सामने जो भी बात रखी है, उसे तीनों ही नेताओं ने गंभीरता से सुना है. इसके अलावा, शीर्ष नेतृत्व ने सीएम योगी को बीजेपी नेताओं के साथ-साथ सहयोगी दलों के साथ भी सियासी संतुलन बनाकर चलने का संदेश दिया है. सरकार और संगठन में बेहतर तालमेल बनाकर चलने की बात कही गई है. इसी के बाद दोनों डिप्टी सीएम और सीएम योगी एक साथ पश्चिमी यूपी में नजर आए हैं, जो इस नए तालमेल का संकेत है.

सीएम योगी की इन मुलाकातों की इनसाइड स्टोरी और कुमार अभिषेक का पूरा एनालिसिस जानने के लिए नीचे दिया गया वीडियो देखिए:

 

 

 

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