लेटेस्ट न्यूज़

‘रामचरितमानस’ पर अब आया BSP चीफ मायावती का बयान, सपा-बीजेपी पर चुन-चुन कर कसे तंज

यूपी तक

उत्तर प्रदेश में रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के…

ADVERTISEMENT

UP Tak
social share
google news

उत्तर प्रदेश में रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के रामचरितमानस को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद यूपी की सियासत तेज हो गई है. इस विवाद ने तब और ज्यादा बड़ा रूप ले लिया जब बीते रविवार को लखनऊ में रामचरितमानस की प्रतियां जलाई गई. इसी बीत अब बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) का बड़ा बयान सामने आया है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने रामचरितमानस पर हो रहे विवाद को लेकर समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर बड़ा आरोप लगाया है और दोनों पर जमकर निशाना साधा है.

बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा और सपा को निशाने पर लेते हुए ट्वीट किया, “संकीर्ण राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ के लिए नए-नए विवाद खड़ा करके जातीय और धार्मिक द्वेष, उन्माद-उत्तेजना व नफरत फैलाना, बायकाट कल्चर, धर्मांतरण को लेकर उग्रता आदि भाजपा की राजनीतिक पहचान सर्वविदित है लेकिन रामचरितमानस की आड़ में सपा का वही राजनीतिक रंग-रूप दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है.”

सपा-भाजपा की मिलीभगत- मायावती

यह भी पढ़ें...

बसपा प्रमुख मायावती ने सपा-भाजपा को निशाने पर लेते हुए ट्वीट किया, “रामचरितमानस के खिलाफ सपा नेता की टिप्पणी पर उठे विवाद व फिर उसे लेकर भाजपा की प्रतिक्रियाओं के बावजूद सपा नेतृत्व की चुप्पी से स्पष्ट है कि इसमें दोनों पार्टियों की मिलीभगत है ताकि आगामी चुनावों को जनता के ज्वलंत मुद्दों के बजाए हिन्दू-मुस्लिम उन्माद पर पोलाराइज किया जा सके.”

बसपा सुप्रीमो ने आगे ट्वीट किया, “उत्तर प्रदेश में विधानसभा के हुए पिछले आमचुनाव को भी सपा-भाजपा ने साजिश के तहत मिलीभगत करके धार्मिक उन्माद के जरिए घोर साम्प्रदायिक बनाकर एक-दूसरे के पूरक के रूप में काम किया, जिससे ही भाजपा दोबारा से यहां सत्ता में आ गई. ऐसी घृणित राजनीति का शिकार होने से बचना जरूरी.”

स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिया था विवादित बयान

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर विवादित बयान देते हुए कहा था कि रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों में जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर यदि समाज के किसी वर्ग का अपमान हुआ है तो वह निश्चित रूप से धर्म नहीं है. यह अधर्म है, जो न केवल बीजेपी बल्कि संतों को भी हमले के लिए आमंत्रित कर रहा है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा था, ‘रामचरित मानस की कुछ पंक्तियों में तेली और ‘कुम्हार’ जैसी जातियों के नामों का उल्लेख है जो इन जातियों के लाखों लोगों की भावनाओं को आहत करती हैं.” इस दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने पुस्तक के कुछ हिस्सों पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की थी.

रामचरितमानस की प्रतियां जलाने का मामला: स्वामी प्रसाद मौर्य समेत 12 से अधिक पर केस दर्ज

    follow whatsapp