मैंने Google पर देखा, 60% से ज्यादा वोटिंग हुई तो RJD की सरकार बनी... OP राजभर ने बिहार में BJP की टेंशन बढ़ाने वाली बात कही
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को जारी किए जाएंगे. इस बीच सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओम प्रकाश राजभर के बिहार चुनाव को लेकर दिए बयान पर राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है.
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बिहार विधानसभा चुनाव में पहले फेज की वोटिंग हो चुकी है. वहीं दूसरे फेज की वोटिंग 11 को होनी है और चुनावी नतीजे 14 नवंबर को जारी किए जाएंगे. इस बीच सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओम प्रकाश राजभर के बिहार चुनाव को लेकर दिए बयान पर राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है. ओपी राजभर ने एक इंटरव्यू में बताया कि हाल ही में उन्होंने ये पढ़ा है कि अगर बिहार में 60 प्रतिशत से अधिक वोटिंग होती है तो महागठबंधन की सरकार बन जाएगी. ऐसे में एनडीए के सहयोगी होने के बाद राजभर का ये बयान लोगों को हैरान कर रहा है. हालांकि उनके इस बयान के पीछे की पूरी कहानी क्या है खबर में आगे जानिए.
ओपी राजभर ने क्या कहा
ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि 'मैंने एक दिन गूगल पे देखा तो ये देखने को मिला की ज्यादा जब वोटिंग हुई है तो राजद की सरकार बनी है. जहां भी 60 प्रतिशत के ऊपर वोटिंग हुई है तो राजद की सरकार बनी है.' उन्होंने आगे कहा कि बिहार में बहुत पेंच है. उन्होंने बताया कि इसके पीछ कि एक वजह ये भी है कि वहां (बिहार) ओवैसी भी RJD के खिलाफ हैं. वहीं प्रशांत किशोर भी सबके खिलाफ हैं. उन्होंने आगे कहा कि कोई आश्वस्त नहीं है. चाहे कोई कुछ भी कर ले. जनता का जो मिजाज है वो समझ के बाहर है. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता कुछ कहने को तैयार नहीं है. ऐसे में नेता चाहे जितना बोल ले.राजभर ने कहा कि नेता लोगों का बस चले तो एक दिन में पूरी सरकार गिरा दें. लेकिन जनता मालिक है.'
गूगल का हवाला देकर RJD की जीत की बात क्यों कहे राजभर, इसे समझिए
जब-जब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने राज्य की बागडोर संभाली, वोटिंग प्रतिशत में उछाल देखने को मिला. 1990 में पहली बार जब लालू यादव सत्ता में आए तो मतदान प्रतिशत 62.04% रहा, जो 60% से ऊपर था. अगली बार 1995 में भी लगभग इतने ही मतदान (61.79%) में उनकी सत्ता बरकरार रही. 2000 में यह प्रतिशत और बढ़कर 62.57% तक पहुंच गया और फिर भी लालू सत्ता में वापसी करने में कामयाब रहे. ये आंकड़ें बता रहे हैं कि लालू के कार्यकाल में हाई मतदान प्रतिशत उनकी जीत सुनिश्चित करता रहा है. हालांकि अभी पहले फेज के लिए मतदान हुआ है. 11 नवंबर को मतदान पूरा होने के बाद यह तस्वीर साफ होगी की प्रदेश में कुल कितना मतदान हुआ.
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कम वोटिंग में नीतीश कुमार की सत्ता में वापसी
जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) के नीतीश कुमार की राजनीति में यह पैटर्न बदल जाता है. 2005 में जब नीतीश कुमार पहली बार मुख्यमंत्री बनेतो सत्ता परिवर्तन महज 46.5% वोटिंग में हो गया, जो लालू के दौर के मुकाबले काफी कम था. इसके बाद 2005 (दूसरा चुनाव) में और भी कम वोटिंग यानी 45.85% में वे फिर से सत्ता में लौट आए.
2010-2020 के दशक में बिहार में लगातार वोट प्रतिशत बढ़ता रहा है, लेकिन इसके बावजूद नीतीश कुमार की सत्ता कायम रही है. 2020 के चुनाव में भी लगभग 57.29% मतदान दर्ज किया गया था पर सत्ता परिवर्तन नहीं हुआ.
60% से अधिक मतदान, सरकार बदली!
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पहले फेज में कितनी हुई वोटिंग
बिहार चुनाव के पहले फेज में चुनाव आयोग के अनुसार, 18 जिलों की 121 सीटों पर 65.08% मतदान दर्ज किया गया. यह आंकड़ा एक नया रिकॉर्ड है, जो पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनावों के मुकाबले काफी ज्यादा है. सबसे ज्यादा उत्साह मुजफ्फरपुर जिले में दिखा. यहां 71.81 फीसदी लोगों ने वोट डाला. वहीं, पटना में यह संख्या 59.02 फीसदी रही. अन्य जिलों में भी अच्छा रिस्पॉन्स मिला. जैसे- समस्तीपुर में 71.74 फीसदी और बेगूसराय में 69.87 फीसदी वोटिंग हुई. खास बात यह रही कि पूरे चरण में शांति बनी रही. किसी पार्टी या उम्मीदवार ने कोई शिकायत नहीं की. चुनाव आयोग ने पुष्टि की कि किसी बूथ पर रिपोलिंग नहीं होगी.











