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आजम खान के पास लौटी Y सुरक्षा, उधर नदवी वाली रस्साकस्सी, अखिलेश अब क्या करने वाले हैं?

कुमार अभिषेक

सीतापुर जेल से रिहाई के बाद आजम खान को Y कैटेगरी सुरक्षा बहाल. सपा सांसद मोहिबुल्ला नदवी से अनबन, क्या सुलह की कोशिश नाकाम? क्या अखिलेश यादव आजम को 'फ्री हैंड' देंगे?

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Azam Khan Y security, Mohibullah Nadvi controversy
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सीतापुर जेल से रिहाई के बाद आजम खान यूपी की राजनीति में फिर चर्चा में हैं, लेकिन उनकी पार्टी समाजवादी पार्टी के नेताओं से दूरियां सार्वजनिक होती दिख रही हैं. खासतौर पर रामपुर के मौजूदा सपा सांसद मोहिबुल्ला नदवी के साथ आजम खान का विवाद खुलकर सामने है. आजम खान के जेल से आने के बाद अखिलेश यादव ने कोशिश की थी कि दोनों के बीच सुलह हो जाए. शायद इसलिए वे जब आजम खान से मिलने गए तो मोहिबुल्ला नदवी को चार्टर्ड प्लेन में साथ ले गए थे, मगर बरेली में ही नदवी को उतारना पड़ा और आजम खान ने उनसे मिलने से साफ इनकार कर दिया. जिसके बाद सांसद नदवी ने दिल्ली जाकर मीडिया में आजम खान के खिलाफ तीखे बयान देना शुरू कर दिए. इसी बीच आजम खान को सरकार से Y कैटिगरी की सुरक्षा वापस मिल गई है. इसे लेकर भी अटकलें हैं. क्या कोई अंडरहैंड डील चल रही है? इन अटकलों की पड़ताल करती यूपी Tak की खास वीडियो रिपोर्ट को यहां नीचे देखा जा सकता है.

सुलह की नाकाम कोशिश के बाद दोनों खेमों में खामोशी

अखिलेश यादव ने आजम खान और मोहिबुल्ला नदवी को शांत कराने की पूरी कोशिश की, लेकिन आजम खान की शर्त थी कि वे केवल अखिलेश से अकेले ही मिलेंगे न कि अन्य सपा नेताओं या परिवार के सदस्यों से. नदवी को यह कदम अपमानजनक लगा और उन्होंने भी मीडिया में पलटवार किया. फिलहाल दोनों की बयानबाजी में एक-दो दिन की खामोशी दिख रही है, माना जा रहा है कि पार्टी के भीतर दोनों को चुप रहने का इशारा मिला है. ऐसा माना जा रहा है कि यह तकरार सपा में अंदरूनी असहजता और मुस्लिम वोट बैंक के समीकरणों को भी प्रभावित कर रही है.

सपा में इस मामले का असर इतना गहरा है कि अभी तक कोई बड़ा नेता, जैसे शिवपाल यादव या रामगोपाल यादव भी आजम खान से मिल नहीं पाए हैं. वही दूसरी ओर, सरकार ने अचानक आजम खान को 'वाई श्रेणी' सुरक्षा बहाल कर दी है, जिससे सियासी चर्चाओं को एक नई हवा मिली है. सरकार के इस अचानक फैसले को लेकर तमाम अटकलें हैं कि क्या सरकार आजम खान को खुश रखने या किसी ‘अंडरहैंड डील’ के चलते यह कदम उठा रही है? फिलहाल अखिलेश यादव आजम को पार्टी के इंटरनल अफेयर्स में 'फ्री हैंड' देने के मूड में भी नहीं दिख रहे हैं. उधर आजम खान के बयान भी अक्सर नई अटकलों को जन्म दे रहे हैं. आने वाले दिनों में आजम और सपा का रिश्ता क्या रंग दिखाता है, इसपर हमारी नजर बनी रहेगी.

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