यूपी में अब नए मिशन पर अनुप्रिया पटेल! अपना दल को लेकर तैयार की ये खास रणनीति
यूपी में अनुप्रिया पटेल ने अपना दल के लिए नई राजनीतिक रणनीति तैयार की है. जानिए क्या है उनका नया मिशन और कैसे बदल सकता है यूपी की राजनीति का गणित.
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उत्तर प्रदेश की सियासत में अपना दल (सोनेलाल) ने नए सिरे से संगठन को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं. पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने सोमवार, 14 अप्रैल को शाहजहांपुर में प्रदेश स्तरीय सदस्यता अभियान का शुभारंभ किया. यह अभियान खास तौर पर भारत रत्न बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की 135वीं जयंती के अवसर पर शुरू किया गया, जिसे पार्टी ने सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के प्रतीक के रूप में चुना.
सामाजिक न्याय की लौ जलाने का संकल्प
गांधी भवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में अनुप्रिया पटेल ने कहा, “बाबा साहब ने सिर्फ संविधान ही नहीं दिया, बल्कि समाज को नई दिशा दी. सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की अवधारणा को स्थापित किया. आज हम सबका नैतिक कर्तव्य है कि सामाजिक न्याय की इस लौ को जलाए रखें.” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी में आपराधिक छवि वाले लोगों को कोई जगह नहीं दी जाएगी, और महिलाओं को सम्मान और समान अवसर देना बाबा साहब के विचारों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
संगठन विस्तार की रणनीति
अपने संबोधन में अनुप्रिया पटेल ने कहा कि पार्टी अब हर जिले और गांव स्तर पर संगठन को मजबूती देने पर ध्यान देगी. उन्होंने कहा कि, “हमारी वैचारिक प्रतिबद्धता कभी डगमगाई नहीं है. कार्यकर्ताओं का प्रेम और समर्पण ही हमारी असली ताकत है.” कार्यक्रम में बरेली से भारी संख्या में लोगों ने पार्टी की सदस्यता ली, जिससे सदस्यता अभियान को बड़ी शुरुआत मिली है.
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मंच पर शामिल रहे कई बड़े नेता
इस मौके पर पार्टी के कई दिग्गज नेता मंच पर मौजूद रहे. इनमें प्रमुख रूप से राजकुमार पाल (प्रदेश अध्यक्ष), आशीष पटेल (कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कैबिनेट मंत्री, यूपी सरकार), नागेंद्र प्रताप सिंह (राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व सांसद), गिरजेश पटेल, विनोद गंगवार, एसपी कुरील, केके पटेल (राष्ट्रीय सचिव), रेखा वर्मा, रामलखन पटेल (दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री), जय कुमार सिंह जैकी, जीतलाल पटेल, डॉ. सुरभि, शफीक अहमद अंसारी (विधायकगण), राम निवास वर्मा (विधानमंडल दल के नेता), रमेश कुंडे (सदस्य, एससी/एसटी आयोग), करुणाशंकर पटेल (सदस्य, पिछड़ा वर्ग आयोग), बबीता पटेल (महिला मंच प्रदेश सचिव), सुनील पटेल (जिलाध्यक्ष, शाहजहांपुर), और कई अन्य नेता शामिल थे.