लखनऊ मंडल के 42 विधायकों और 5 MLC के साथ सीएम योगी की मेगा बैठक, जानिए क्या निकल कर आया सामने

यूपी तक

सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ मंडल के 42 विधायकों और 5 MLC के साथ बैठक की. ₹42,891 करोड़ के 3,397 विकास प्रस्तावों पर चर्चा हुई. सड़कों, पर्यटन और शहरी विकास पर खास फोकस, जानें पूरा प्लान.

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Lucknow Division Meeting, Yogi Adityanath
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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक बड़ी बैठक की. इस बैठक में लखनऊ मंडल के सभी छह जिलों लखनऊ, हरदोई, रायबरेली, उन्नाव, सीतापुर और लखीमपुर खीरी के 42 विधायक और 5 विधान परिषद सदस्य (MLC) शामिल हुए. सीएम योगी ने इन सभी जनप्रतिनिधियों के साथ उनके इलाकों की जरूरतों, विकास की प्राथमिकताओं और चल रही योजनाओं की स्थिति पर खुलकर बात की. इस मेगा बैठक से कई अहम प्लान सामने आए हैं. आइए आपको विस्तार से इन सबकी जानकारी देते हैं. 

कितने प्रस्ताव, कितना बजट? 

मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि सरकार जनप्रतिनिधियों के सुझावों को बहुत महत्व देती है, क्योंकि वे जनता की आकांक्षाओं को आगे लेकर आते हैं. इस बैठक में जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्रों से जुड़े नए प्रस्तावित प्रोजेक्ट्स, इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरतों और जनता की उम्मीदों के बारे में सीएम को बताया.

  • कुल प्रस्ताव: बैठक में लखनऊ मंडल से कुल 3,397 विकास प्रस्ताव मिले हैं.
  • अनुमानित लागत: इन सभी प्रस्तावों की अनुमानित लागत 42 हजार 891 करोड़ रुपये है.

सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इन सभी सुझावों को गंभीरता से लिया जाए और इन परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर चरणबद्ध तरीके से पूरा कराया जाए.

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विकास का खाका: सड़कों से पर्यटन तक, हर क्षेत्र पर फोकस

मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण, नगर विकास और पर्यटन विभागों से जुड़े प्रस्तावों की खास तौर पर समीक्षा की. उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी काम बिना देरी के और गुणवत्ता के साथ पूरा होना चाहिए.

सड़कें और पुल:

  • जनप्रतिनिधियों द्वारा सुझाए गए सड़क, बड़े-छोटे पुल, आरओबी/आरयूबी (रेलवे ओवरब्रिज/अंडरब्रिज), धार्मिक स्थलों की सड़कें और फ्लाईओवर के प्रस्तावों पर तुरंत काम शुरू हो.
  • जिला मुख्यालयों को चार लेन और ब्लॉक मुख्यालयों को दो लेन से जोड़ने का काम पूरा हो.
  • चीनी मिलों की सड़कें, सिंगल कनेक्टिविटी वाली सड़कें और ब्लैक स्पॉट (दुर्घटना संभावित जगहें) सुधार का काम 100% पूरा किया जाए.
  • जनप्रतिनिधियों और शहीदों के गांवों की सड़कों के निर्माण को प्राथमिकता दी जाए.

शहरी विकास:

नगर विकास विभाग किसी भी परियोजना का प्रस्ताव बनाने से पहले संबंधित जनप्रतिनिधि से सलाह और सहमति जरूर लें. ऐसा इसलिए ताकि परियोजनाएं उस इलाके की जरूरतों के हिसाब से हों.

पर्यटन विकास:

'मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना' के तहत प्रदेश में 1000 से ज्यादा धार्मिक स्थलों का सौंदर्यीकरण हो चुका है.

पर्यटन विभाग हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक पर्यटन स्थल का चयन करे और उसकी सुविधाओं के विकास की योजना बनाए.

सीएम योगी का विजन: हर जिले की पहचान और विकास

मुख्यमंत्री ने मंडल के हर जिले की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विशेषताओं का जिक्र करते हुए उनके विकास की योजनाएं बनाने पर जोर दिया:

  1. लखनऊ: आधुनिकता का केंद्र, अवध की सांस्कृतिक राजधानी, कला, साहित्य और संस्कार की जीवंत मिसाल. इसकी आत्मा काशी की तरह सनातन और आत्मीयता वैश्विक है.
  2. हरदोई: सत्य और तप की गहरी परंपरा वाला जिला.
  3. रायबरेली: साहित्य, स्वतंत्रता संग्राम और लोककला की दृष्टि से समृद्ध.
  4. उन्नाव: चंद्रशेखर आजाद और स्वतंत्रता संग्राम के अन्य नायकों की कर्मभूमि. यहां विकास परियोजनाओं को ऐतिहासिक चेतना से जोड़ा जाए.
  5. सीतापुर: नैमिषारण्य को केंद्र मानकर इसकी धार्मिक और आध्यात्मिक गरिमा अद्वितीय है. यह वह भूमि है जहां ऋषियों ने वेदों का श्रवण कराया.
  6. लखीमपुर खीरी: दुधवा राष्ट्रीय उद्यान के कारण वैश्विक वन्यजीव मानचित्र पर स्थापित. यहां की जैव विविधता, तराई की कृषि संपन्नता और थारू संस्कृति इसे खास बनाती है.

सीएम ने कहा कि इन जिलों की विशिष्ट पहचान ही उन्हें महत्वपूर्ण बनाती है, और इसी के हिसाब से विकास योजनाएं बननी चाहिए.

जवाबदेही और पारदर्शिता पर जोर 

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी विकास कार्यों में स्पष्ट कार्ययोजना, समयबद्धता, लगातार संवाद और नियमित फीडबैक जरूरी है, ताकि परियोजनाएं समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरी हों.

  • 'पिक एंड चूज' नहीं: विकास कार्यों में 'पिक एंड चूज' (अपनी पसंद के काम चुनना) की संभावना को कम से कम किया जाए.
  • भूमिपूजन और शिलान्यास: योजनाओं का भूमिपूजन और शिलान्यास 15 सितंबर के बाद जनप्रतिनिधियों के हाथों से कराया जाए और शिलापट्ट पर उनका नाम जरूर अंकित हो.
  • सख्त मॉनिटरिंग: मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी तरह की अनावश्यक देरी या ढिलाई स्वीकार्य नहीं होगी. हर कार्य की गुणवत्तापूर्ण और निष्पक्ष मॉनिटरिंग सरकार की प्राथमिकता है.

यह बैठक लखनऊ मंडल के समग्र और समावेशी विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे जनता को सीधे तौर पर फायदा मिलेगा.

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