सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने के बाद रायबरेली में कौन कांग्रेस के झंडे को लेकर बढ़ेगा आगे? इस नाम की चर्चा तेज

मोहित सिंह कुशवाहा

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Sonia Gandhi
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राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पूर्वांचल से शूरू होकर अमेठी रायबरेली जा रही है, लेकिन इस यात्रा के आने के पहले ही रायबरेली से कांग्रेस की यूपी में एक अकेली सांसद सोनिया गांधी ने राज्यसभा के लिए नामांकन कर दिया है. जिसके बाद चर्चा हो रही है कि आखिर रायबरेली में कौन कांग्रेस के झंडे को लेकर आगे बढ़ेगा? क्या वो गांधी परिवार से ही होगा या फिर अन्य कोई नया चेहरा. इन कयासों के बीच सबसे ज्यादा चर्चा प्रियंका गांधी के नाम की है, जिन्होंने साल 2019 से लेकर 2022 तक यूपी में काम किया और चुनाव संभाला.

'मुझे पता है आप मेरे परिवार को हर मुश्किल में संभालेंगे'

बुधवार को राज्यसभा के नामांकन के बाद गुरूवार को सोनिया गांधी ने रायबरेली की जनता को एक भावनात्मक अपील करते हुए एक चिट्ठी लिखी. इस लेटर में सोनिया गांधी ने अपनी उम्र और तबीयत का हवाला देते हुए रायबरेली की जनता का धन्यवाद किया, जहां सोनिया गांधी ने अपनी लेटर में पहले अपने ससुर फिरोज गांधी का जिक्र किया और बाद में सास पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की बात कहते हुए लिखा कि आपने तब से जो रिश्ता बनाया वो आगे बढ़ता रहा. 

इन सभी बातों के साथ सोनिया गांधी के लेटर में ध्यान खींचने वाली बात सबसे आखिर में दिखती है. सोनिया गांधी ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि मुझे पता है कि आप मुझे और मेरे परिवार को वैसे ही संभालेंगे जैसे अब तक संभालते आए हैं. इस बात से साफ संकेत हैं कि अब रायबरेली में गांधी परिवार से ही कोई हो सकता है. फिर वो प्रियंका गांधी हों या फिर राहुल गांधी. अगर राहुल गांधी अमेठी के बजाए रायबरेली से लड़ते हैं, तो ऐसे में वे स्मृति ईरानी को जीतने की खुली छूट देंगे. इसलिए कांग्रेस की तरफ से प्रियंका के नाम का ऐलान कब होता है, ये अब देखना होगा.

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मैं चाहता हूं कि प्रियंका लोकसभा पहुंचें: रॉबर्ट वाड्रा

लोकसभा चुनाव फिलहाल अपने सियासी तापमान पर पहुंच गया है, लेकिन अब से 6 महीने पहले प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने ऐसी बात कही थी, जिसके बाद प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की संभावनाएं पक्की हो गईं थीं. पीटीआई को दिए अपने एक इंटरव्यू में प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा ने कहा था कि मुझे लगता है कि प्रियंका को सबसे पहले संसद पहुंचना चाहिए. अगर वह लोकसभा आती हैं तो लोगों को अच्छा लगेगा. फिर चाहे अमेठी हो या सुल्तानपुर या पार्टी को कोई भी सीट सही लगे. मैं चाहता हूं कि वह लोकसभा चुनाव लड़ें. क्योंकि रॉबर्ट वाड्रा ने अपने इंटरव्यू में कहा था कि पार्टी जब प्रियंका का हर चुनाव में प्रयोग कर रही है चाहे फिर वो राजस्थान चुनाव हो या कर्नाटक का तो प्रियंका को इलेक्टोरल पॉलिटिक्स में जगह देनी चाहिए. वाड्रा ने तो अपने इंटरव्यू में यहां तक कह दिया था कि वे बच्चों को, मुझे छोड़कर जाती हैं. राजनैतिक तौर पर वे सभी जिम्मेदारियां निभा रही हैं तो उनको सबसे पहले संसद पहुंचना चाहिए.

सोनिया गांधी राज्यसभा तो प्रियंका गांधी लोकसभा!

सियासी गलियारों में ये चर्चा कई दिनों से शुरू हो गई थी कि सोनिया गांधी को राज्यसभा भेजा जाएगा, तो प्रियंका गांधी रायबरेली की कमान संभालेंगी. लेकिन उस समय ना तो सोनिया गांधी की तरफ से राज्यसभा के संकेत थे और ना ही प्रियंका गांधी की तरफ से लोकसभा के लेकिन जैसे ही बुधवार को सोनिया गांधी ने राज्यसभा का नामांकन किय, तो प्रियंका के नाम की चर्चा को भी बल मिल गया है. इसका एक कारण ये भी है कि 2019 लोकसभा चुनाव के समय कांग्रेस ने पूर्वांचल का प्रभारी प्रियंका गांधी को बनाया था. बाद में साल 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद प्रियंका गांधी को पूरे यूपी का प्रभार दे दिया गया. जिसके बाद विधानसभा चुनाव प्रियंका के नेतृत्व में लड़ा गया. 
 
'लड़की हूं लड़ सकती हूं' के कैंपेन के साथ टिकट तक की स्क्रीनिंग प्रियंका गांधी के स्तर पर हुई. यहां साल 2019 के तरह ही 2022 के चुनाव में भी कांग्रेस फेल हुई, लेकिन प्रियंका का पूरे यूपी समेत पूर्वांचल का पहले ही एक्सपीरिएंस रहा है. जिसमें अमेठी और रायबरेली दोनों सीटें आती हैं. इस बात की पूरी संभावना है कि प्रियंका गांधी रायबरेली से कांग्रेस परिवार की पारंपरिक सीट की जिम्मेदारी संभालेंगी.

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रायबरेली सीट की बात करें तो ये सीट अधिक समय तक कांग्रेस के पास रही है. सिर्फ 1 बार को छोड़ दें तो साल 1952 से ये सीट कांग्रेस के पास रही है. फिरोज गांधी से लेकर इंदिरा गांधी यहां से संसद पहुंचीं. सोनिया गांधी को 2004 में रायबरेली आयीं. इसके पहले 1999 में अमेठी से सोनिया ने चुनाव लड़ा और जीता था. रायबरेली आने के बाद 2006 में उन्हें  ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के मुद्दे पर मुद्दे पर इस्तीफा देना पड़ा, लेकिन उपचुनाव में भी वे जीतीं. जिसके बाद साल 2009, 2014 और 2019 में यहां से जीतकर कांग्रेस की यूपी से इकलौती सांसद के तौर पर वे संसद पहुंचीं.

प्रियंका गांधी अब राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में उत्तर प्रदेश से शामिल हो रही हैं. इस यात्रा में अखिलेश की सहयोगी अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल भी शामिल हो रही हैं, जो साथ में काशी में उनके साथ रहेंगी. वहीं, अखिलेश यादव भी इस यात्रा में अमेठी-रायबरेली से शामिल होंगे. ऐसे में प्रियंका गांधी की बॉडी लैंग्वेज क्या कुछ कहेगी, ये सबसे बड़ी बात होगी.

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