राजनीति

महापंचायत के बाद लौटे राकेश टिकैत, कहा- ये सरकार नहीं सुन रही, चुनाव में सिखाएंगे सबक

रविवार को मुजफ्फरनगर में हुई संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत के बाद भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) नेता राकेश टिकैत वापस गाजीपुर किसान मोर्चा के धरने पर लौट चुके हैं. राकेश टिकैत ने मुजफ्फरनगर महापंचायत को सफल होने के साथ-साथ ऐतिहासिक भी बताया है. महापंचायत के बाद एक्सक्लूसिव बातचीत में राकेश टिकैत ने कहा कि हम या तो सरकार के पक्ष में वोट करके या उसके वोट बैंक को तोड़कर हमारी बात सुना सकते हैं. यह सरकार किसानों की नहीं सुन रही है, इसलिए हम उनकी चुनावी संभावनाओं को धूमिल करेंगे.

किसानों की यह महापंचायत पश्चिमी यूपी के उस बेल्ट पर असर डाल सकती है, जहां पिछले सालों में बीजेपी काफी मजबूत रही है. किसान महापंचायत के मंच से संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने सीधे-सीधे बीजेपी सरकार पर हमला बोला है. इसी के साथ संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने ‘मिशन यूपी’ को भी लॉन्च कर दिया है. टिकैत ने किसानों से अपील की है कि बीजेपी को न सिर्फ यूपी से बल्कि देश में हर जगह हराया जाए.

राकेश टिकैत ने बातचीत के दौरान कहा, ‘इस देश की संसद बहरी हो गई है. ऐसे में नागरिकों को सड़कों पर उतरना होगा और गरजकर उन्हें (केंद्र) अपनी मांग सुनने पर मजबूर करना होगा.’ उन्होंने आगे कहा कि यह सरकार किसानों की नहीं सुन रही है, इसलिए इसका सबक चुनावों में सिखाया जाएगा.

पीएम मोदी को क्यों दी गुजरात से चुनाव लड़ने की सलाह?

महापंचायत को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी को यूपी से चुनाव नहीं लड़ना चाहिए बल्कि गुजरात से भाग्य आजमाना चाहिए. जब टिकैत से इसके लॉजिक और बयान की जरूरत के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि अगर पीएम गुजरात से चुनाव लड़ेंगे तो हार जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘इन लोगों ने गुजरात को तबाह कर दिया. इसे पुलिस स्टेट में तब्दील कर दिया.’

जब टिकैत से पूछा गया कि मुजफ्फरनगर महापंचायत के क्या केंद्र सरकार या उनकी तरफ से किसी ने संपर्क किया, तो उनका जवाब ना में था. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से बातचीत शुरू करने के लिए कोई बात नहीं हुई है. टिकैत ने कहा कि टॉप पर बैठी मौजूदा लीडरशिप की वजह से बीजेपी के अंदर कोई ऐसा नहीं है जो केंद्र की तरफ से बोल सके. किसान नेता ने कहा कि यह उद्योगपतियों के इशारे पर चलने वाली सरकार है, बीजेपी नेताओं के पास इस सरकार में कुछ खास कहने को नहीं है.

रिपोर्ट: अमित भारद्वाज

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