डिंपल के नामांकन में क्यों नहीं पहुंचे शिवपाल यादव, मुलायम के छोटे भाई ने बताया ये कारण

अमित तिवारी

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Mainpuri by-election Dimple Yadav Nomination: सोमावर को मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) की उम्मीदवार डिंपल यादव (Dimple Yadav) नामांकन के लिए कलेक्ट्रेट ऑफिस पहुंच गई हैं. डिंपल के साथ अखिलेश यादव, रामगोपाल यादव, तेज प्रताप यादव समेत पार्टी के कई नेता कलेक्ट्रेट ऑफिस पहुंचे हैं. मगर शिवपाल यादव कलेक्ट्रेट ऑफिस नहीं पहुंचे हैं. कुछ देर में ही डिंपल नामांकन पत्र दाखिल करेंगी.

डिंपल के नामांकन से पहले यादव परिवार में सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. अब मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई राजपाल का बड़ा बयान सामने आया है.

डिंपल के नामांकन में शिवपाल के नहीं पहुंचने को लेकर राजपाल ने बताया कि परिवार के सभी लोग बहू डिंपल के साथ हैं. साथ ही उन्होंने बताया, “शिवपाल की तबीयत खराब है. लखनऊ में उनका इलाज चल रहा है, इसलिए वो नामांकन में नहीं आ पाए.” राजपाल के मुताबिक, शिवपाल चुनाव में आ जाएंगे.

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उन्होंने ये भी कहा कि मैनपुरी उपचुनाव में बहू डिंपल की जीत होगी. इसके अलावा राजपाल ने कहा कि अखिलेश ने आजमगढ़ उपचुनाव में कुछ गलतियां की थीं.

बता दें कि राजपाल के बयान से पहले रामगोपाल यादव (Ram Gopal Yadav) ने शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) को लेकर बड़ा बयान दिया. सोमवार को पत्रकारों ने जब रामगोपाल यादव से पूछा कि शिवपाल यादव अभी तक नामांकन स्थल पर नहीं पहुंचे हैं, तो इस पर उन्होंने कहा था, “शिवपाल से पूछकर ही उम्मीदवार घोषित किया गया है. वो आए न आए उससे कोई फर्क नहीं पड़ता. उनका बेटा आ रहा होगा डिंपल के साथ.”

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गौरतलब है कि सोमवार को नामांकन से पहले डिंपल यादव अपने पति अखिलेश यादव के साथ सैफई में नेताजी की समाधि स्थल पहुंचीं और उन्हें नमन किया. डिंपल ने ट्वीट कर कहा, “नेताजी को सादर नमन के साथ, हम आज का नामांकन उनके सिद्धांतों और मूल्यों को समर्पित कर रहे हैं. नेताजी का आशीर्वाद हम सबके साथ हमेशा रहा है, हमेशा रहेगा.”

मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव पांच दिसंबर को होगा और परिणाम की घोषणा आठ दिसंबर को की जाएगी. इस उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 नवंबर है.

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मैनपुरी लोकसभा सीट पर 1996 से सपा के उम्मीदवार चुने जाते रहे हैं। दस अक्टूबर को मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद यह सीट खाली हुई। डिंपल यादव 2019 में कन्नौज से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार सुब्रत पाठक के खिलाफ चुनाव लड़ी थीं और हार गई थीं.

वर्ष 2019 में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने अपने निकटम प्रतिद्वंदी भाजपा के प्रेम सिंह शाक्य से 94,000 मतों के अंतर से हराकर मैनपुरी सीट से चुनाव जीता था. डिंपल यादव की उम्मीदवारी को उनके ससुर मुलायम सिंह यादव की विरासत को आगे बढ़ाने के तौर पर देखा जा रहा है. साथ ही उम्मीदवार के तौर पर डिंपल का चयन पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट करने का प्रयास है.

अखिलेश की करहल विधानसभा सीट, मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है और इसी तरह जसवंत नगर सीट से शिवपाल यादव प्रतिनिधित्व करते हैं. अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनने और विधान परिषद में जाने के लिए कन्नौज लोकसभा सीट से इस्तीफा देने के बाद 2012 में डिंपल यादव इस सीट से निर्विरोध चुन ली गई थीं.

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में कुल 12.13 लाख मतदाताओं में करीब 35 प्रतिशत यादव हैं, जबकि अन्य मतदाताओं में शाक्य, ठाकुर, ब्राह्मण, अनुसूचित जाति और मुस्लिम शामिल हैं.

मैनपुरी विधानसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं जिनमें मैनपुरी, भोगांव, किशनी, करहल और जसवंत नगर शामिल हैं. 2022 के विधानसभा चुनावों में जहां सपा ने तीन सीटें- करहल, किशनी और जसवंत नगर जीती थीं, वहीं भाजपा ने दो सीटों- मैनपुरी और भोगांव पर जीत हासिल की थी.

मैनपुरी उपचुनाव: नामांकन से पहले पति अखिलेश संग मुलायम की समाधि पर पहुंचीं डिंपल यादव

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