‘अयोध्या में ढांचा गिरा, काशी-मथुरा में तो..’, ज्ञानवापी केस के बीच उमा भारती का बड़ा बयान

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उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे-वीडियोग्राफी का काम भारी सुरक्षा के बीच शनिवार को संपन्न हुआ, जो रविवार को भी जारी रहेगा. बता दें कि दीवानी अदालत के न्यायाधीश (सीनियर डिविजन) रवि कुमार दिवाकर के निर्देश पर सर्वे का ये काम चल रहा है. मगर इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की वरिष्ठ नेत्री उमा भारती ने इस मामले पर बड़ा बयान दिया है.

बीजेपी नेत्री ने शनिवार को ट्वीट कर कहा,

“अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है. मथुरा-काशी शेष रह गए हैं. भगवान की कृपा रही तो बिना किसी विवाद और तनाव के यह दोनो स्थानों का मसला सुलझ सकता है.”

उमा भारती

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उन्होंने आगे कहा, “क्योंकि अयोध्या में राम जन्मभूमि के सबूत जमीन के अंदर दबे हुए थे, इसलिए बड़ा आंदोलन हुआ. ढांचा गिरा फिर खुदाई हुई और जमीन के नीचे उस स्थान पर मंदिर होने के प्रमाण मिले. मथुरा और काशी में तो यह स्पष्ट दिखता है कि इन दोनों स्थानों पर हिंदुओं के परम आस्था के केंद्र विश्वनाथ का ज्योतिर्लिंग एवं श्रीकृष्ण की जन्मभूमि के पूजा के स्थान वहां पर थे.”

उमा भारती ने आगे कहा, “आने वाली पीढ़ियां शांति, सद्भाव और एकात्मता के साथ भारत की विकास यात्रा को आगे बढ़ाए, इसके लिए यह दोनों स्थान पर भी भगवान शिव एवं प्रभु श्रीकृष्ण के भव्य मंदिर के निर्माण का पथ प्रशस्त होना चाहिए. मैं आज हरिद्वार में मां गंगा से यही प्रार्थना करके भोपाल वापिस लौटूंगी.”

शनिवार को सर्वे के दौरान क्या हुआ?

शनिवार को 1,500 से अधिक पुलिसकर्मियों और पीएसी जवानों को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की सुरक्षा में तैनात किया गया था. अधिकारियों के अनुसार, परिसर की वीडियोग्राफी के लिए विशेष लाइट और कैमरे की व्यवस्था की गई थी. उन्होंने बताया कि सर्वे टीम में मुकदमे के वादी, प्रतिवादी, उससे जुड़े अधिवक्ता, अधिवक्ता आयुक्त और सहायक अधिवक्ता आयुक्त शामिल रहे.

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गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद प्रतिष्ठित काशी विश्वनाथ धाम के करीब स्थित है और स्थानीय अदालत महिलाओं के एक समूह द्वारा इसकी बाहरी दीवारों पर मूर्तियों के सामने दैनिक प्रार्थना की अनुमति मांगने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रही है.

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