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अलीगढ़ के 120 मदरसों के टीचर्स को लेकर हुआ बड़ा फैसला, अब उन सबको करना होगा ये काम

निष्ठा ब्रत

त्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में सभी मदरसा शिक्षकों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है. जिला प्रशासन ने बताया कि इससे शिक्षक सैलरी केवल उपस्थिति रिकॉर्ड के आधार पर मिलेगी और अवैध मदरसों की पहचान का अभियान भी चलाया जा रहा है.

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उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में शिक्षा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. अब जिले के सभी मदरसा शिक्षकों के लिए बायोमेट्रिक प्रणाली के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य कर दिया गया है. जिला प्रशासन ने बताया कि यह कदम राज्य सरकार के निर्देशों के अनुपालन में लिया गया है. अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि अब से मदरसा शिक्षकों की सैलरी केवल उनके बायोमेट्रिक उपस्थिति रिकॉर्ड के आधार पर ही जारी की जाएगी. 

बायोमेट्रिक उपस्थिति का आदेश

जिलाधिकारी संजीव रंजन ने कहा कि इस नई व्यवस्था के तहत सभी मदरसों में शिक्षकों की उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीनों के माध्यम से दर्ज की जाएगी. इससे न केवल उपस्थिति का पारदर्शी रिकॉर्ड तैयार होगा, बल्कि शिक्षक वेतन वितरण में भी सटीकता सुनिश्चित होगी. 

इसके अलावा जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि जिले में अवैध मदरसों की पहचान का अभियान चल रहा है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी शैक्षणिक संस्थान नियमों के अनुरूप काम करें और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित हो.

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अलीगढ़ के मदरसों का आंकड़ा

अलीगढ़ जिला अल्पसंख्यक कार्यालय के अनुसार, जिले में कुल 120 पंजीकृत मदरसे हैं. इनमें से केवल चार सरकारी सहायता प्राप्त हैं, जबकि 116 मदरसे बिना किसी सरकारी सहायता के संचालित हो रहे हैं. सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों में कुल 55 शिक्षक कार्यरत हैं और लगभग 14,000 छात्र पढ़ते हैं. वहीं, बिना सहायता वाले मदरसों में 200 शिक्षक और लगभग 60,000 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.

सुरक्षा और छात्र हित को ध्यान में रखते हुए कदम

अल्पसंख्यक कार्यालय के अधिकारियों ने कहा कि यह कदम हाल की सुरक्षा घटनाओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है. बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली छात्रों और स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करेगी और शिक्षण संस्थानों में पारदर्शिता बढ़ाएगी.

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