वाराणसी बना UP का पहला शहर, जहां 5G लॉन्च, लेकिन आपको एक हफ्ते का करना पड़ेगा इंतजार

रोशन जायसवाल

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शनिवार से देश में शुरू हुई 5G सेवा की कड़ी में वाराणसी यूपी का पहला ऐसा जिला बना गया, जहां 5G सेवा लांच हो गई. हालांकि, 5G सेवा के लिए वाराणसी के उपभोक्ताओं को अभी एक हफ्ते का और इंतजार करना पड़ेगा.

वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में एयरटेल की ओर से आयोजित 5G लॉन्चिंग कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने डिजिटल इंडिया के फिफ्थ जनरेशन से देश और काशी को जोड़ने पर प्रधानमंत्री का आभार जताया.

इस दौरान सीएम योगी ने बताया कि 5जी के आने से कार्य की रफ्तार में गुणात्मक सुधार होगा, जो समय के साथ चलता है. वहीं जीवन के हर क्षेत्र में तरक्की करता है. उन्होंने बताया कि 5जी की लांचिंग से ग्राम सचिवालय को फाइबर ऑप्टिकल से शत-प्रतिशत जोड़ा जाएगा. कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री से सीएम योगी ने वार्ता भी की.

सीएम योगी ने कहा,

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“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) देश में संचार क्रांति के नए युग की शनिवार को विधिवत शुरुआत कर दी. उन्होंने देश में 5जी सेवाओं की शुरुआत कर दी. इससे सीमलेस कवरेज, हाई डाटा रेट, लो लेटेंसी और अत्यधिक विश्वनीय संचार प्रणाली की सुविधा मिलेगी. इससे गांव-गांव तक इंटरनेट के साथ-साथ टेलीमेडिसिन की सुविधा पहुंचेगी. वहीं स्मार्ट फार्मिंग को भी आशातीत बढ़ावा मिलेगा.”

सीएम योगी आदित्यनाथ

सीएम योगी ने टीवी सीरियल महाभारत का जिक्र करते हुए कहा कि उसके शुरू में जो संबोधन होता था कि ‘मैं समय हूं’ का तात्पर्य होता था कि जो समय के साथ चलता है, वही जीवन के हर क्षेत्र में तरक्की करता है. उन्होंने विशेष रूप से जोड़ देते हुए कहा कि हमने टेक्नोलॉजी की ताकत को कोरोना काल में देखा और महसूस किया. उस दौरान डीबीटी के माध्यम से लोगों के बैंक खातों में सीधे पैसा पहुंचाकर मदद पहुंचाई गई.

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सीएम योगी ने कहा कि 5जी की लॉन्चिंग से ग्राम सचिवालय को फाइबर ऑप्टिकल से शत-प्रतिशत जोड़ा जाएगा और इससे ग्रामवासियों के ऑनलाइन कार्य वहीं पर संपन्न हो जाएंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि 5जी से जीडीपी में वृद्धि होगी. अगर 10 फीसदी लोग इसका प्रयोग करते हैं, तो जीडीपी में 1 फीसदी की बढ़ोतरी होगी.

उन्होंने संभावना व्यक्त करते हुए कहा कि अगर इसका 30 से 80 फीसदी लोग प्रयोग करते हैं तो देश की जीडीपी कितनी होगी, इसकी सहज ही कल्पना की जा सकती है. इसके माध्यम से उत्तर प्रदेश एक ट्रिलियन डॉलर का इकोनामी बनने की दिशा में अग्रसर होगा. प्रदेश सरकार एयरटेल संस्था को पूरी तरह सहयोग प्रदान करेगी.

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इससे पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के डिजिटल परिवर्तन और कनेक्टिविटी को नई ऊंचाइयों पर ले जाते हुए 5जी सेवाओं को डिजिटली बटन दबाकर शुरू की.

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,

“जल्द से जल्द 5जी सर्विस को पेश किया जाएगा. साथ में ये भी जानकारी दी थी कि 4G स्पीड की तुलना में 5जी (5G Speed) 10 गुना तेज होगा. इसमें कोई संदेह नहीं है कि 5G कनेक्टिविटी लोगों के ‘संवाद’ करने के तरीके को बदल देगी. अगली पीढ़ी की यह तकनीक तेज स्पीड और कम समय में इंटरनेट सुविधा प्रदान करेगी.”

पीएम नरेंद्र मोदी

योजना से जुड़ेगें 13 शहर

5जी नेटवर्क की आसान और सुचारु तैनाती के लिए छोटे सेल, बिजली के खंभे, स्ट्रीट फर्नीचर तक पहुंच आदि का प्रावधान है. सेवाओं को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा और पहले चरण के दौरान 13 शहरों को 5जी इंटरनेट सेवाएं मिलेंगी. इसमें अहमदाबाद, बेंगलुरु, चंडीगढ़, चेन्नई, दिल्ली, गांधीनगर, गुरुग्राम, हैदराबाद, जामनगर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई और पुणे शामिल हैं.

5जी भारत में नई संभावनाओं को लेकर आया हैं, जो देश में उपयोगकर्ताओं को ज्यादा लाभान्वित करेगा. वहीं इसके आने से हाई-स्पीड सर्फिंग और बेहतर कनेक्टिविटी के अलावा, नई तकनीक स्वास्थ्य सेवा और मोबाइल बैंकिंग जैसी सेवाओं की पहुंच को तेजी से आगे बढ़ाएगा. इसके साथ ही देश में बेरोजगारी या बेरोजगार लोगों के लिए नए दरवाजे खोलेगा.

इतना ही नहीं, 5जी के आने के साथ, हम मौजूदा टायर थ्री शहरों को स्मार्ट सिटी में बदलते हुए देख पाएंगे. यह लोगों और व्यवसायों को तेजी से विकसित होने में भी सहायता करेगा. वहीं निकट भविष्य में, 5जी उन्नत डिजिटल अर्थव्यवस्था की बदौलत नागरिकों को सामाजिक-आर्थिक लाभ का भी फायदा मिलेगा.

आइए समझते हैं कि 5G भारत में और क्या फायदे लाएगा.

5जी आने से स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत को लाभ

5जी नेटवर्क चिकित्सा क्षेत्र में दूर-दराज के इलाकों में उन्नत चिकित्सा प्रक्रियाओं को फैलाने में मदद करेगा. वहीं डॉक्टर अपने स्थान से ही रोगियों से सीधा जुड़ सकेंगे. साथ ही डॉक्टर सर्जनों को दूरस्थ सर्जरी करने में भी सक्षम बनाएंगे. इसके अलावा, स्मार्ट चिकित्सा उपकरण जैसे कि वियरेबल्स इमरजेंसी की स्थिति में रोगियों को जल्दी सलाह दे सकेंगे.

5जी की नई तकनीक इंटरनेट ऑफ थिंग्स को भी अपग्रेड करेगी. उन्नत 5जी राउटर से एक घर में स्मार्ट डिवाइसेज और अन्य दूसरे उपकरणों का नेटवर्क काफी मजबूत हो जाएगा. यह रिमोट मॉनिटरिंग, स्मार्ट एग्रीकल्चर, इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन और टेलीहेल्थ जैसे क्षेत्रों में भी बहुत मददगार साबित हो सकता है. वहीं स्मार्ट आरएफआईडी सेंसर और जीपीएस की मदद से किसान पशुओं को भी ट्रैक कर सकते हैं.

हेल्थ सेक्टर के लिए वरदान साबित होगी 5जी सर्विसेज

कोविड के दौरान हम सब ने टेलीमेडिसिन के महत्व को समझा और उसके उपयोग को करीब से देखा, लेकिन टेलीमेडिसिन की अपनी सीमाएं हैं, जिसमें डॉक्टर और मरीज केवल एक दूसरे को केवल देख सकते हैं.

इलाज में डॉक्टर की मरीज के सामने एक बड़ा मनोवैज्ञानिक प्रभाव डालती है, जो रोगी को कहीं न कहीं शीघ्र स्वस्थ होने में बड़ी भूमिका अदा करता है. यह कमी बहुत हद तक 5जी के आने से पूरी हो सकेगी.

ऐसा संभव है कि डॉक्टर अपनी क्लिनिक में या अस्पताल में बैठे हुए भी मरीज के निकट होंगे. हाल-फिलहाल में 5 जी को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है. हर किसी के जेहन में सिर्फ यही सवाल है कि 5जी टेक्नोलॉजी तेज लगभग 100 गुना डेटा स्पीड के अलावा क्या देने जा रही है? 5जी की शुरुआत होने से जिस क्षेत्र में सबसे बड़े क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलेंगे, वो है हेल्थकेयर सेक्टर.

हेल्थकेयर सेक्टर में न केवल मरीजों के इलाज में 5जी बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा, बल्कि इस सेक्टर से जुड़ी अन्य सेवाओं और मेडिकल शिक्षा का स्वरूप भी 5जी के चलते संवरेगा. बता दें कि हाल ही में हुई नीलामी में रिलायंस जिओ, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अडानी डेटा नेटवर्क ने 5 जी का स्पेक्ट्रम खरीदा है. 5जी सेवा को ये कंपनियां एक के बाद एक शुरू करेंगी.

आज दूर-दराज के क्षेत्र में प्राथमिक और सामुदायिक केंद्रों से जब गम्भीर स्थिति वाले मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया जाता है तो सबसे बड़ी समस्या आती है, उस केंद्र से हायर सेंटर की दूरी और हायर सेंटर में बेड खाली है या नहीं. कल्पना कीजिये कि हायर सेंटर ले जाये बिना ही वहां के डॉक्टर्स को मरीज के स्वास्थ्य से सम्बंधित रियल टाइम डेटा मिलता रहे और वे प्राथमिक व सामुदायिक केंद्र के डॉक्टरों को इलाज के लिए जरूरी निर्देश देते रहें जबतक कि मरीज की स्थिति स्थिर न हो और वह बेड खाली होने पर बिना किसी खतरे के हायर सेंटर तक की दूरी तय कर सके.

इसके लिए प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की जरूरत होगी. कोविड के समय से जिस तरह से सरकारें हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दे रही हैं, उससे इन केंद्रों के इन आवश्यक उपकरणों से लैस होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा.

वर्तमान में कई गीगाबाइट या टेराबाइट का मेडिकल डाटा ट्रांसफर होने में बहुत ज्यादा समय लगता है, जिससे मरीज की वर्तमान नाजुक हालत की जानकारी मिलने में दूर बैठे डॉक्टर को समय लगता है, जबकि इधर मरीज के लिए एक-एक सेकंड कीमती होता है.

5जी के आने के बाद दूर दराज इलाकों में स्थित छोटे स्वास्थ्य केंद्रों से हायर सेंटर्स तक टेक्स्ट और इमेजेज या वीडियो के फॉर्म में डेटा चुटकियों में ट्रांसफर किया जा सकेगा, जिससे मरीज की रियल टाइम हालत के बारे में डॉक्टर को जानकारी मिल सकेगी.

यह बात तो हुई डेटा ट्रांसफर की, कल्पना कीजिये कि उसी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती मरीज बिस्तर पर पड़ा डॉक्टर के पास पहुंच जाए या हायर सेंटर का डॉक्टर मरीज के सामने हो. यह भी संभव होगा 5जी के लागू होने पर 5G-संचालित होलोग्राम तकनीक द्वारा. असलियत में जो डॉक्टर और मरीज एक दूसरे से कई किलोमीटर दूर होंगे लेकिन फिर भी 5जी के जरिये एक दूसरे के सामने.

5जी सेवा यूज करने के लिए नहीं लेना होगा नया सिम

भारत मे 5जी सेवाएं जल्द शुरू होने वाली हैं. ऐसे में टेलीकॉम यूजर्स के मन मे कई सवाल हैं, जिनका वे जवाब जानना चाहते हैं. इनमें से सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या अब फिर 4जी की तरह 5जी शुरू होने पर नया सिम लेना होगा.

एयरटेल ने 5जी के लिए उस टेक्नोलॉजी को चुना है, जिसके एयरटेल के ग्राहकों को अपना सिम नहीं बदलना होगा और वे अपने वर्तमान सिम पर ही 5जी सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे.

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