नए साल में काशी से शुरू होगी ‘दुनिया की सबसे लंबी’ रिवर क्रूज यात्रा, यहां होगा इसका अंत

शिल्पी सेन

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Varanasi News: देव दीपावली जैसे पर्व को भव्य बनाने और काशी कॉरिडोर के निर्माण के बाद वाराणसी के पर्यटन में एक और अध्याय जुड़ने वाला है. आपको बता दें कि दुनिया की सबसे लंबी रिवर क्रूज (River Cruise) यात्रा की शुरुआत जनवरी 2023 से वाराणसी से होने वाली है. वाराणसी (Varanasi) से डिब्रूगढ़ (Dibrugarh) तक की यह यात्रा करीब 50 दिनों में तय होगी. इस दौरान कांजिरंगा और सुंदरबन डेल्टा जैसे अद्भुत स्थलों से गुजरने के चलते यह यात्रा और भी यादगार बन जाएगी.

आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक है रिवर शिप ‘गंगा विलास’

सबसे लंबी यात्रा कराने के लिए तैयार रिवर क्रूज गंगा विलास भारत में निर्मित पहली रिवर शिप है. गंगा विलास क्रूज की लंबाई 62.5 मीटर, चौड़ाई 12.8 मीटर, ड्राफ्ट 1.35 मीटर होगी. इसमें 18 सुइट्स होंगे. पूरी तरह से भारत में निर्मित ये शिप काशी के घाटों से अपनी यात्रा की शुरुआत करेगी. काशी से बोगीबील (डिब्रूगढ़) तक इस क्रूज यात्रा की शुरुआत जनवरी 2023 में होगी. नदी में ये यात्रा कुल 3200 किलोमीटर की होगी. अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग भौगोलिक स्थितियों से गुजरने वाली ये यात्रा जल यात्रा के रोमांच का अनुभव कराएगी.

भारत में जल परिवहन की सबसे लंबी और रोमांचकारी रिवर क्रूज यात्रा के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टाइम टेबल जारी करते हुए कहा कि इसमें अद्भुत रोमांच होगा. भारत अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के मुख्य अभियंता रविकांत ने बताया कि ये दुनिया की सबसे लंबी रिवर क्रूज यात्रा होगी.

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क्रूज के मार्ग में सुंदरबन डेल्टा और कांजिरंगा होगा आकर्षण

विश्व की सबसे लंबी क्रूज यात्रा 50 दिनों की होगी. ये यात्रा भारत और बांग्लादेश के 27 रिवर सिस्टम से होकर गुजरेगी और 50 से ज्यादा जगहों पर रुकेगी. जलायन राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभयारण्यों से भी गुजरेगा, जिनमें सुंदरबन डेल्टा और काजीरंगा नेशनल पार्क भी शामिल हैं. लंबी यात्रा पर मनोरंजन के लिए संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. वहीं फिटनेस के लिए जिम आदि सुविधाएं होंगी. दावा है कि ये क्रूज आधुनिक सुविधा से युक्त और पूरी तरह सुरक्षित होगा.

बड़े पर्यटन आकर्षण बनने के आसार

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यूपी सरकार काशी को पर्यटन के मानचित्र पर लाने के लिए यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं विकसित करना चाहती है. अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के मुख्य अभियंता रविकांत ने बताया कि ‘यह यात्रा एक ही रिवर शिप द्वारा की जाने वाली दुनिया की सबसे लंबी यात्रा होगी और इस परियोजना ने भारत और बांग्लादेश को दुनिया के रिवर क्रूज नक्शे पर ला दिया है. भारतीय उपमहाद्वीप में पर्यटन का यह नया क्षितिज खुला है. इससे भारत की अन्य नदियों में भी रिवर क्रूजिंग के बारे में जागरूकता बढ़ेगी.”

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