वाराणसी पहुंचा 500000 रुपये का स्पेशल बकरा कल्लू, उसके ऊपर जन्म से लिखा है 'अल्लाह', कौन है इसका मालिक?
Varanasi News: वाराणसी की बकरामंडी में 5 लाख की कीमत वाले 'कल्लू' बकरे को इसलिए लोग देखने चले आ रहे हैं, क्योंकि उसके ऊपर जन्म से ही अल्लाह लिखा हुआ है. जानें कल्लू बकरे की पूरी कहानी.
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Varanasi News: पर्व चाहे जो भी हो वाराणसी में इसकी खुमारी लोगों के सिर चढ़कर बोलने लगती है. ऐसा ही इस बार कुर्बानी के पर्व बकरीद पर भी देखने को मिल रहा है. सजी बकरामंडी में 5 लाख की कीमत वाले 'कल्लू' बकरे को इसलिए लोग देखने चले आ रहे हैं, क्योंकि उसके ऊपर जन्म से ही अल्लाह लिखा हुआ है. सेहतमंद और खूबसूरत 'कल्लू' महज डेढ़ साल का ही है, जो इन दोनों वाराणसी में लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
वाराणसी के बेनियाबाग में लगी बकरामंडी में जो कोई भी इन दिनों बकरीद के पर्व पर खरीदारी करने आ रहा है, वे 'कल्लू' के साथ जरूर फोटो खिंचा रहा है. कल्लू बकरा भेड़ और तुम्बे की भीड़ में एक सेलिब्रिटी वाले बकरे से कम नहीं है. इसके पीछे वजह इसकी 5 लाख की कीमत. साथ ही इसपर जन्म से ही 'अल्लाह' शब्द भी लिखा हुआ है.
बकरामंडी पहुंचे शमशीर आलम ने क्या बताया?
बकरामंडी पहुंचे शमशीर आलम नामक शख्स ने बताया कि एक बकरा उन्हें बकरामंडी में अल्लाह और मोहम्मद लिखा हुआ दिखा है. उन्हें वह पसंद तो आया, लेकिन उसकी कीमत बहुत ज्यादा है. बकरे के एक तरफ जहां अल्लाह लिखा हुआ स्पष्ट दिख रहा है तो वहीं दूसरी तरफ मोहम्मद बहुत क्लियर नहीं है, जो गौर से देखने पर ही दिख रहा है. उन्होंने बताया कि इस बकरे की कीमत ₹500000 उनकी क्षमता से कहीं ज्यादा है. ज्यादा से ज्यादा वह 50000 या फिर ₹100000 तक के बकरे को खरीदने आए हैं. उन्होंने बताया कि यह स्पेशल बकरा है. इसलिए इस पर ज्यादा शबाब मिलेगा.
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वहीं, एक अन्य खरीदार मोहम्मद शोएब ने बताया कि उनका बजट सिर्फ 12000 से 15000 रुपए ही है, लेकिन अल्लाह लिखे बकरे को वह देखने बकरामंडी में आ गए हैं.
ये कल्लू बकरा के मालिक है कौन?
वहीं, फतेहपुर से अल्लाह लिखे अपने बकरे को लेकर वाराणसी के बेनियाबाग में लगी बकरामंडी में पहुंचे किसान रामशंकर ने बताया कि उनके बकरे कल्लू पर एक तरफ अल्लाह तो दूसरी तरफ मोहम्मद लिखा हुआ है. बकरे की उम्र डेढ़ साल है और वह अपने भाई की तरह बकरे को पलते हैं. अपने साथ खिलाते-पिलाते और सुलाते भी हैं. उन्होंने बताया कि बचपन में ही जब एक मौलवी ने उनके बकरे को देखा तो उन्होंने ने ही बताया कि बकरा पर अल्लाह लिखा हुआ है. तभी उन्हें इस बात का पता चला.
उन्होंने बताया कि पैसे की तंगी और मजबूरी के चलते हुए अपने अल्लाह लिखा बकरे को बेच रहे हैं, क्योंकि जब से यह उनके जीवन में आया है तब से उन्होंने काफी तरक्की की है. इसलिए इस बकरे को बेचना नहीं चाहते थे. उन्होंने बताया कि उन्हें पूरे उम्मीद है कि उन्हें अपने बकरे की पूरी वाजिब कीमत 5 लाख रुपए जरूर मिलेगी. उन्होंने आगे बताया कि कल्लू दिनभर में जो इच्छा रखता है उसे वह खिलाते हैं. प्रतिदिन उसके ऊपर ₹200 तक का खर्च आ जाता है. कभी भी खिलाने-पिलाने में कोई कोताही नहीं बरसते हैं.