ज्ञानवापी केस: ‘शिवलिंग’ की जांच होगी या नहीं? कार्बन डेटिंग पर आज आ सकता है अहम फैसला

रोशन जायसवाल

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

Varanasi News: वाराणसी के शृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में शुक्रवार को बड़ा फैसला कार्बन डेटिंग को लेकर आ सकता है, जो पहले ही सुरक्षित किया जा चुका है. इसमें कोर्ट तय करेगी कि एडवोकेट कमीशन की कार्रवाई के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग या किसी तरह का अन्य वैज्ञानिक परीक्षण होगी या नहीं. बता दें कि 22 सितंबर को हिंदू पक्ष वादी संख्या 2-5 की तरफ से कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग सहित अन्य वैज्ञानिक परीक्षण की मांग की गई थी.

वहीं, इस मांग का विरोध न केवल मुस्लिम पक्ष की ओर से अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी, बल्कि हिंदू पक्ष की ही वादी संख्या एक राखी सिंह की तरफ से वकीलों ने यह कहकर कोर्ट में आपत्ति दर्ज कराई थी कि कार्बन डेटिंग से ‘शिवलिंग’ को क्षति पहुंचेगी. लिहाजा उसके परीक्षण की जरूरत नहीं है और यह केस का हिस्सा भी नहीं है.

अब जब कार्बन डेटिंग फैसला आने वाला है तो एक बार फिर वादी संख्या 2-5 की तरफ से वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि ‘देश में भ्रम फैलाया जा रहा है कि कार्बन डेटिंग की मांग की जा रही है और शिवलिंग को क्षतिग्रस्त किया जा रहा है. ऐसा माहौल खड़ा कर दिया है और उनके प्रार्थना पत्र का नाम ही कार्बन डेटिंग पड़ गया है. जबकि उनके प्रार्थना पत्र में अन्य वैज्ञानिक तरीकों से भी जांच की मांग की गई है. ताकि देश में शिवलिंग और फव्वारे का भ्रम दूर हो.’

उन्होंने बताया कि ‘कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था और फैसला आ जाएगा. यह ASI बताएगा कि कौन सी तकनीक शिवलिंग की जांच के लिए उचित होगी. अगर फैसला पक्ष में नहीं आता है तो हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा, लेकिन पूर्ण विश्वास है कि फैसला पक्ष में ही आएगा.’

वहीं मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के वकील तौहीद खान ने बताया कि उनकी तरफ से कोर्ट में लिखित तौर पर कार्बन डेटिंग के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराई गई है. जिसमें बताया गया है कि कार्बन डेटिंग की दरख्वास्त प्रीमेच्योर है, क्योंकि अभी तक कमिश्नर रिपोर्ट ही कंफर्म नहीं हुई है.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

दूसरी आपत्ति यह है कि वैज्ञानिक और कानूनी तरीके से जिस चीज की कार्बन डेटिंग की मांग की जा रही है, उसकी कार्बन डेटिंग हो ही नहीं सकती है. कोर्ट की तरफ से ‘शिवलिंग’ के परीक्षण की अनुमति दे दिए जाने के सवाल के जवाब में तौहीद खान ने बताया कि एक अन्य मामले में भी पहले ही ASI से सर्वे का ऑर्डर हो चुका है, लेकिन उसको हाईकोर्ट ने स्टे कर रखा है और इसका सम्मान करते हुए उसी अनुसार ऑर्डर होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर फैसला उनके पक्ष में नहीं आता है तो हाईकोर्ट में रिवीजन के लिए जाएंगे.

वहीं हिंदू पक्ष से वादिनी राखी सिंह के वकील मान बहादुर सिंह ने भी कार्बन डेटिंग या किसी भी परीक्षण के खिलाफ पहले ही कोर्ट में आपत्ति दर्ज करा दी है. उन्होंने बताया कि अगर कोर्ट शिवलिंग के परीक्षण का फैसला देती है तो हाईकोर्ट में उसको चुनौती दी जाएगी. उन्होंने आगे बताया कि कार्बन डेटिंग की खिलाफत इसलिए करते रहेंगे क्योंकि वह सब्जेक्ट मैटर ऑफ सूट नहीं है और दूसरा कार्बन डेटिंग करने से शिवलिंग क्षतिग्रस्त हो जाएगा.

वाराणसी: फिल्म आदिपुरुष का विरोध हुआ तेज, काशी में लोगों ने जलाया कलाकारों का पुतला

ADVERTISEMENT

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT