दीवार पर उल्टे लिखे मिले ॐ और जय माता दी, 3 सालों से घर में बंद था पूरा परिवार, पर क्यों?
Chitrakoot News: कोरोना काल के दौरान आपने ऐसी कई घटनाएं सुनी होंगी, जिसमें कोरोना के डर से परिवार के सदस्यों ने महीनों और सालों तक…
ADVERTISEMENT
Chitrakoot News: कोरोना काल के दौरान आपने ऐसी कई घटनाएं सुनी होंगी, जिसमें कोरोना के डर से परिवार के सदस्यों ने महीनों और सालों तक खुद को अपने घर में ही कैद कर लिया. कभी-कभी तंत्र-मंत्र के चक्कर में भी घर में बंद हो जाने के मामले भी सामने आ जाते हैं. मगर जो मामला उत्तर प्रदेश के चित्रकूट से सामने आया है, वह वाकई चौंका देने वाला है.
दरअसल चित्रकूट में एक व्यापारी का परिवार पिछले 3 सालों से घर में बंद था. घर में व्यापारी, उसकी पत्नी और 2 बच्चे 3 सालों से बंद थे. कभी-कभी व्यापारी खुद ही जरूरतों का सामान लेने के लिए घर से बाहर निकलता और फिर वापस घर के अंदर चला जाता. मगर उसकी पत्नी और दोनों बच्चे कभी घर के बाहर नहीं निकले. चाइल्ड लाइन की सूचना पर पुलिस ने व्यापारी, उसकी पत्नी और दोनों मासूम बच्चों को 3 साल बाद घर से बाहर निकाला है और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया है.
क्यों घर में बंद हो गया परिवार?
दरअसल ये पूरा मामला चित्रकूट की कर्वी कोतवाली के अंतर्गत आने वाले तरौंहा कस्बे से सामने आया है. बताया जा रहा है कि व्यापारी का व्यापार चौपट होने की वजह से घर में गरीबी आ गई. इसलिए उसने समाज से अपनी माली हालत छिपाने के लिए पूरे परिवार को घर में बंद कर दिया. 3 सालों तक पूरा परिवार घर में बंद रहा.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
चाइल्ड लाइन की टीम से मिली जानकारी के अनुसार, तरौंहा मुहल्ले में दुर्गाकुंज निवासी काशी केसरवानी ने अपनी 45 वर्षीय पत्नी पूनम के साथ 13 वर्षीय बेटे और 14 साल की बेटी अर्शिता को घर के अंदर कैद कर रखा था. काशी कभी-कभी खुद ही घर से बाहर निकलकर रोजमर्रा की जरूरत का सामान लेने जाता और वापस घर आ जाता. मगर इस दौरान भी उसकी पत्नी और बच्चे घर से बाहर नहीं निकले. बच्चों के तीन सालों तक घर में बंद रहने से उनकी पढ़ाई भी छूट गई.
ADVERTISEMENT
अजीबोगरीब हालत में था घर
चाइल्ड लाइन की दीपा शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि व्यापारी के घर में अंदर घुसने पर लगभग हर कमरे में हवन किए जाने का सामान पाया गया है. घर में छोटी सी मजार भी बनी हुई है और उसमें चाकू गड़ा मिला हुआ है.
दीपा शुक्ला ने आगे बताया कि जब हम घर के कमरों में गए तो वहां दीवारों पर ओम और जय माता दी उल्टे अक्षरों में लिखा हुआ था. घर की हर खिड़की और रोशनदान को इस तरह से पैक कर दिया गया था कि रोशनी और हवा तक घर के अंदर नहीं पहुंच पा रही थी.
ADVERTISEMENT
परिवार के सदस्यों का हो गया ये हाल
बता दें कि 3 सालों तक घर में बंद रहने के बाद व्यापारी की पत्नी मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गई है और बच्चे शारीरिक रूप से बेहद कमजोर हो गए हैं. बच्चे ठीक से चल भी नहीं पा रहे हैं. पूरे परिवार को जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया है, जहां से डॉक्टरों ने पत्नी और बच्चों को इलाज के लिए प्रयागराज रेंफर कर दिया है. इसी के साथ व्यापारी की काउंसलिंग की जा रही है और उसे मनोचिकित्सक द्वारा दवाई दी जा रही हैं.
बता दें कि पड़ोसियों की मदद से व्यापारी के रिश्तेदारों को इस मामले की सूचना दी गई. इसके बाद रिश्तेदार हालत देखने घर पहुंचे. मगर घर का गेट नहीं खुला. इसके बाद चाइल्ड लाइन को सूचना दी गई. फिर चाइल्ड लाइन की टीम पुलिस को लेकर घर पहुंची तब मामले का खुलासा हुआ. फिलहाल ये मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.
ADVERTISEMENT