बस्ती में हवा में झूलता मौत का पुल, कहीं ये लापरवाही ना कर दे बड़ा हादसा!

संतोष सिंह

Basti News: गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया था. मोरबी पुल हादसे का सबसे बड़ा कारण उसकी देखरेख…

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Basti News: गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया था. मोरबी पुल हादसे का सबसे बड़ा कारण उसकी देखरेख सही से ना करना था, जिसके कारण इस हादसे में कई लोगों की मौत हो गई थी. वहीं देश में इतना बड़ा पुल हादसा होने के बाद भी आज तक पुल के जिम्मेदारों ने उससे कोई सबक नहीं सीखा है. उत्तर प्रदेश के बस्ती में एक ऐसा ही पुल है, जिसे मौत का पुल कहा जाए तो कम नहीं है.

पुल की दशा ऐसी है कि आप देखने के बाद सिहर जाएंगे लेकिन पुल के जिम्मेदारों ने तो उधर देखना तक मुनासिब नहीं समझा. अब आलम यह है कि पुल कब भरभरा कर गिर जाए और कब बड़ा हादसा हो जाए? कुछ कहा नहीं जा सकता.

कभी भी गिर सकता है पुल

दरअसल उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में एक ऐसा पुल है जिस पर चलना मौत के कुएं से कम नहीं है. बस्ती जनपद के बहादुरपुर ब्लॉक के धौरहरा बैजीपुरवा मार्ग पर बना यह पुल मौत को दावत दे रहा है. पुल का आलम यह है कि यह कभी भी भरभरा कर गिर सकता है. पुल का एक पिलर 60 डिग्री तक झुक चुका है. हैरानी की बात यह है कि मौत को दावत देते इस पुल से दर्जनों गांव के लोगों का आना जाना रहता है. गांव वालों के पास इस के अलावा नदी पार करने का कोई वैकल्पिक मार्ग नहीं है. ग्रामीण हथेली पर जान लेकर हर रोज इस पुल को पार करते हैं. आप को बता दें पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा इस सड़क का निर्माण 2016- 2017 में कराया गया था.

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ग्रामीणों ने उठाई आवाज

जब पुल का निमार्ण हो रहा था तो ग्रामीणों ने इस की गुणवत्ता को लेकर आवाज उठाई गई थी, लेकिन उस समय पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदारों ने उनकी नहीं सुनी. यह पुल चार साल भी नहीं चल सका और सरकारी धन का किस तरह से बंदरबांट हुआ इसका नजारा अब दिखने लगा है. यह पुल 50 लाख के बजाट से बनाया गया था. कुआनो में आए बाढ़ के बाद पुल का लिंक रोड धंस गया है. आवागमन प्रभावित होने से ग्रामीणों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि एक साल पहले ही इस पुल के निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग को अवगत कराया गया था लेकिन अभी तक इसका निमार्ण नहीं हो सका है.

वहीं इस मामले पर अधिशाषी अभियंता पूरे केशव लाल ने बताया कि यह पुल बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है, इसको बनाने के लिए शासन में प्रस्ताव भेजा गया था. जिसकी स्वीकृति हो गई है. इसके निर्माण के लिए टेंडरिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, जल्द ही इसका निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा.

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