प्रयागराज: कभी IAS की तैयारी कर रहे थे हत्या के 9 आरोपी, अब जेल में शिक्षा का जगा रहे अलख

आनंद राज

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कहते हैं पढ़ाई की उम्र नहीं होती है, इसलिए जब तक हमारे पास आयु का दायरा है, तब तक हमें और ऊपर उठने की कोशिश करनी चाहिए. ऐसे ही कई शिक्षक प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में आने वाले कैदियों को शिक्षा के जरिए अपराध के रास्ते से हटाने की कोशिश में कई सालों से जुटे हैं. इसमें खास बात यह है कि इन बंदियों के गुरु कोई और नहीं जेल में ही बंद मर्डर के 9 आरोपी हैं. इनमें में से कुछ ऐसे हैं जो जो कभी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे थे.

नैनी जेल में बंद इन 9 लोगों ने यहां कैदियों को शिक्षित करने का बिड़ा उठाया है. अपने ज्ञान और पढ़ाई से कैदियों को शिक्षित कर उनकी जिंदगी बदलने का जिम्मा उठाया है. मर्डर के आरोपी ये 9 लोग दिन में दो बार करीब 100 कैदियों के लिए क्लास लगाते हैं.

बता दें कि नैनी सेंट्रल जेल में ऐसे ही तकरीबन 42 सौ से अधिक कैदी अलग-अलग मामलों में सजा काट रहे हैं, जिसमें खूंखार अपराधी भी शामिल हैं. इन्हीं में अनूप तिवारी भी हैं जो साल 2006 में हत्या के आरोप में नैनी सेंट्रल जेल में आए थे. अनूप अंग्रेजी और हिंदी में डबल एम ए हैं वो आईएएस की भी तैयारी भी कर रहे थे. जयराज भी हैं जो सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे थे और एक जमीन के मर्डर केस में जेल में बंद है. इसी तरह आशीष कुमार भी हैं जो एजुकेटेड है. इन सभी ने मिलकर team 11 बनाया जो प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में आने वाले अपराधियों को शिक्षा के जरिए अपराध के रास्ते से हटाने के प्रयास में जुटे हुए हैं.

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Team 11 में हत्या के 9 आरोपी के अलावा सेंट्रल जेल के अधीक्षक पी एन पांडेय और एजुकेशनल एंड मैनेजमेंट टॉप क्लासेस के इंचार्ज रामेश्वर प्रसाद शामिल है. आपको बता दे नैनी सेंट्रल जेल में कुल 5 जगहों पर क्लासेस चल रही है और इस क्लासेस में जो कभी पढ़े भी नहीं वह लोग भी शामिल हो रहे हैं. अच्छी बात ये है की सेंट्रल जेल के पाठशाला में कम उम्र से लेकर 70 साल के बुजुर्ग तक पढ़ाई कर रहे हैं.

नैनी सेंट्रल जेल के वरिष्ठ अधीक्षक पी एन पांडे के मुताबिक जेल परिसर के अंदर 841 कैदियों ने शिक्षा के लिए नामांकन किया. कई कैदी ऐसे हैं जिन्होंने कभी पढ़ाई ही नहीं की थी. उनमें से 124 निरक्षर हैं, 89 कक्षा 5-8 में हैं, और 628 स्नातक, स्नातकोत्तर और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए अध्ययन कर रहे हैं. सरकार द्वारा नियुक्त तीन शिक्षकों की सहायता से नौ हत्या के आरोपी साथी बंदियों को शिक्षा के माध्यम से अपना जीवन बदलने में मदद कर रहे हैं.

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