प्रतापगढ़: अंतिम यात्रा की राह नहीं आसान, बांस के टूटे पुल से ले जानी पड़ी शवयात्रा

सुनील यादव

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

Pratapgarh News: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में बकुलाही नदी पर पक्के पुल के अभाव में बनाए गए बांस के अस्थायी पुल पर कई गांव निर्भर हैं. बांस के टूटे पुल की समस्या झेल रहे ग्रामीणों के लिए इस नदी पर पक्के पुल की दूरी तय करना आसान नहीं है. वहीं रविवार को इसी टूटे पुल से गांव के एक व्यक्ति का जनाजा निकाला गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.

बता दें कि प्रतापगढ़ के मांधाता ब्लॉक के नूरपुर कासा गांव है. गांव के बगल से ही बकुला नदी गुजरी है. नदी के उपर जन सहयोग से बनाया गया बांस का पुल टूटा गया है.

बकुला नदी पर बने स्थाई पुल के टूट जाने के कारण लोगों का काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है. बाजार, स्कूल, अस्पताल और कब्रिस्तान तक जाने के लिए लोगों को ये टूटा पुल पार करना पड़ता है. यही नहीं खेती किसानी के लिए भी हर रोज गांव वालों को इसी टूटे पुल से गुजरान होता है. इस टूटे पुल से नूरपुर खुशी पुरैला बरसंडा गांव के करीब 4000 लोगों का आना जाना होता है. गांव के एक छोर पर पांच तो दूसरे पर सात किमी दूर पक्का पुल बनाया गया है.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

बता दें कि रविवार को गांव के मोहम्मद रशीद का निधन हो गया था. उनके जनाजे को बड़ी मुश्किल से कमर तक पानी में भीगकर नदी के पास कब्रिस्तान तक ले जाना पड़ा. कुछ लोग गिर भी गए, उनको किसी तरह संभाला गया. कई लोग तो खतरे को देख नदी पार ही नहीं करे. वहीं इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. वहीं गांव के ही सलीम सुलेमानी ने बताया कि हमें वोट देने के लिए नदीं पार करके जाना पड़ता है. मेरा सरकार से अनुरोध है कि जल्द ही यहां छोटी सी ही पुलिया का निर्माण कराया जाए.

    Main news
    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT