ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले के पैरोकार ने हिंदू पक्ष के दूसरे गुट पर लगाए ये गंभीर आरोप

भाषा

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वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी (Gyanvapi case) मामले के एक प्रमुख पैरोकार जितेंद्र सिंह बिसेन ने हिंदू पक्ष के कुछ लोगों पर देश में ‘सांप्रदायिकता भड़काने’ के लिए इस मुद्दे को हथियाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. बिसेन ने कहा कि उन्हें इस मामले से अलग होने की लगातार धमकियां दी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि अगर उनके साथ कुछ भी गलत हुआ तो इसके लिए सरकार भी जिम्मेदार होगी.

विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख बिसेन ने मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि वह ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले को संवैधानिक और शांतिपूर्ण ढंग से निपटाना चाहते हैं, लेकिन इस मामले की बाकी चार अन्य वादी महिलाओं के अधिवक्तागण इस मामले की आड़ में देश में सांप्रदायिकता भड़काना चाहते हैं, इसलिए वह इस मामले को हथियाने की कोशिश कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले की सुनवाई की जाए या नहीं, इस पर अदालत आगामी 12 सितंबर को फैसला सुनाएगी. उन्होंने कहा कि दूसरे पक्ष के लोगों ने उसी दिन बनारस में जश्न मनाने का फैसला किया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जाहिर है कि वे लोग इसके जरिए मुस्लिम समुदाय की भावनाएं भड़काना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि ये लोग मीडिया में भी भड़काऊ बयानबाजी कर रहे हैं. बिसेन ने आरोप लगाया कि दूसरा पक्ष नहीं चाहता कि वह वाराणसी पहुंचें.

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उन्होंने कहा कि उन्हें पिछले कई महीनों से लगातार धमकियां मिल रही हैं और मौजूदा हालात को देखते हुए उन्होंने आगामी चार सितंबर को आदि विश्वेश्वर विराजमान बनाम राज्य सरकार मामले की पैरवी के लिए वाराणसी जाने का कार्यक्रम भी निरस्त कर दिया है.

उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें पिछले 26 अगस्त को दिल्ली में अपने घर के पास सैर के दौरान चार लोगों ने रोक कर धमकाते हुए कहा कि वह ज्ञानवापी श्रंगार गौरी मामले से अलग हो जाएं, यही उनके परिवार के लिए अच्छा होगा. बिसेन ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की प्रमुख वादी राखी सिंह के रिश्तेदार होने के साथ-साथ मामले के अहम पैरोकार भी हैं. उन्होंने पिछले दिनों इस मामले से हरि शंकर जैन और उनके बेटे विष्णु शंकर जैन को मुकदमे की पैरवी से हटा दिया था. हालांकि ये दोनों अब भी बाकी चार महिला वादियों की तरफ से पैरवी कर रहे हैं. इ

स बारे में विष्णु शंकर जैन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि बिसेन तो शुरू से ही तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन तमाम आरोपों पर वह कुछ भी नहीं कहना चाहते. बिसेन ने कहा कि वह इस मामले से कतई पीछे नहीं हटेंगे. बिसेन ने कहा, ‘‘मैंने खुद को मिल रही धमकियों की शिकायत कई बार प्रशासन से की लेकिन उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई. अगर मुझे या मेरे परिवार के साथ कोई अप्रिय घटना होती है तो इसके लिए धमकाने वाले पक्ष के साथ-साथ सरकार भी जिम्मेदार होगी.’’

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गौरतलब है कि दिल्ली निवासी राखी सिंह तथा वाराणसी की रहने वाली चार महिलाओं ने ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा करने और विग्रहों की सुरक्षा के लिए वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में मुकदमा दायर किया है. उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर इस मामले की सुनवाई अब जिला अदालत में की जा रही है. बिसेन इस मामले के प्रमुख पैरोकार हैं.

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