लखनऊ की ‘BTC चाय वाली’ की कहानी, ये है यूपी के युवाओं के दर्द और हौसले, दोनों की दास्तान
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक प्रेरक कहानी सामने आई, जिसे जानने पर यह पता चलता है कि इंसान के पास अगर इच्छा शक्ति…
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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक प्रेरक कहानी सामने आई, जिसे जानने पर यह पता चलता है कि इंसान के पास अगर इच्छा शक्ति है, तो वह कुछ भी का सकता है. बता दें कि लखनऊ की रहने वालीं सृष्टि वर्मा ने नारी सशक्तिकरण की एक मिसाल पेश की है. सृष्टि वर्मा ने राजधानी में ‘बीटीसी चाय वाली’ नाम से एक आउटलेट खोला है. जानकारी के अनुसार, पिता के देहांत के बाद घर की जिम्मेदारी संभालने के लिए सृष्टि ने यह कदम उठाया है.
आउटलेट का नाम क्यों है ‘बीटीसी चाय वाली’?
अपने आउटलेट का नाम ‘बीटीसी चाय वाली’ रखने के पीछे की वजह बताते हुए सृष्टि ने कहा कि शिक्षा के मामले में लगातार बातें होती हैं, लेकिन नौकरियां नहीं निकलती हैं. उन्होंने कहा, “शिक्षा विभाग से बड़ा कोई मजाक नहीं है. कहते हैं वैकेंसीज नहीं हैं. तो ऐसा नहीं है कि बीटीसी करने के बाद हम घर बैठ जाए, इसलिए मैंने बीटीसी चाय वाली नाम से दुकान खोल दी.”
वर्मा ने बताया कि वह अपनी जिम्मेदारी संभालते हुए खुद कंपटीशन की तैयारी करने के साथ-साथ चाय बनाकर अपने आप को मजबूत कर रही हैं.
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जानकारी के मुताबिक, लखनऊ के अलीगंज में रहने वाली सृष्टि वर्मा की बीटीसी, बीएडऔर और टेट क्वॉलिफाई करने के बावजूद भी नौकरी नहीं लगी. फिलहाल, वह पीसीएस की तैयारी कर रही हैं. कंपटीशन की दिनभर तैयारी करने के बाद वह शाम को अपने चाय के आउटलेट पर बैठती हैं.
सृष्टि की मां ने बताया, “मैंने कभी बेटा-बेटी में फर्क नहीं किया और समाज के बारे में नहीं सोचा. आज चाय की अगर दुकान लगा रही है, तो इसमें कोई बुराई नहीं है. बेटी अपने पैरों पर खड़ी है और आगे बढ़ने की तैयारी भी कर रही है.”
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जानिए सृष्टि के इस फैसले पर लोगों ने क्या कहा?
चाय पीने के लिए पहुंची क्षेत्र की महिलाओं के मुताबिक, “सृष्टि बहुत अच्छा काम कर रही है और ऐसी लड़कियां लोगों के लिए इंस्पिरेशन होती हैं और हमें सबक लेना चाहिए.”
अलीगंज के गोयल चौराहे पर रहने वाली सरला के मुताबिक, “प्रधानमंत्री भी कहते हैं कि खुद इंडिपेंडेंट रहो. नौकरी आज है, कल नहीं है. ऐसे में इस तरीके की शुरुआत करना अनोखी बात है और मैं हिम्मत की दाद देती हूं कि सृष्टि ने इस तरीके से शुरुआत की.”
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वहीं, अलीगंज के सेक्टर-एम में रहने वालीं सुनीता ने कहा, “हमने चाय वाला तो बहुत बार सुना था, लेकिन चाय वाली को पहली बार देखा है. लड़की हिम्मत कर रही है, अच्छी बात है. हमें उसका साथ देनी चाहिए.
अलीगंज के सेक्टरप-एम में रहने वालीं गीता के अनुसार, “देश में बहुत कम लोग हैं, जो इस तरीके से शुरुआत कर पाते हैं. सृष्टि का प्रोत्साहन करना चाहिए और उसे आगे बढ़ाना चाहिए.”
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